है वहां,
इस समय।
यहां पर बीती,
कल की रात।
अकेले हैं हम,
अकेले हो तुम।
हो तुम दोनो,
वहां अलग,
एकदम अकेले।
हो तन्हा, तुम दोनो।
उदास मत हो,
खुशी तो बसती है दिल में,
याद करो, साथ बिताये लम्हों को,
खुशी देंगे यह हरदम।
-- मां, पापा
(मैं नहीं जानता कि इस चित्र में यह युगल जोड़ा कौन है। एक पिकनिक पर इस दृश्य को देख कर, चोरी छुपे चित्र लेने से नही रोक पाया। इस चित्र के युगल जो भी हों, जहां पर भी हों और इस चिट्ठी को पढ़ने वालों के जीवन में ऐसे लम्हें हमेशा रहें - यही कामना, यही प्रार्थना।)
इस समय।
यहां पर बीती,
कल की रात।
अकेले हैं हम,
अकेले हो तुम।
हो तुम दोनो,
वहां अलग,
एकदम अकेले।
हो तन्हा, तुम दोनो।
उदास मत हो,
खुशी तो बसती है दिल में,
याद करो, साथ बिताये लम्हों को,
खुशी देंगे यह हरदम।
-- मां, पापा
(मैं नहीं जानता कि इस चित्र में यह युगल जोड़ा कौन है। एक पिकनिक पर इस दृश्य को देख कर, चोरी छुपे चित्र लेने से नही रोक पाया। इस चित्र के युगल जो भी हों, जहां पर भी हों और इस चिट्ठी को पढ़ने वालों के जीवन में ऐसे लम्हें हमेशा रहें - यही कामना, यही प्रार्थना।)
ई-पाती
ओपेन सोर्स की पाती - बिटिया के नाम।। पापा, क्या आप उलझन में हैं।। बिटिया रानी, जैसी दुनिया चाहो, वैसा स्वयं बनो।। अकेले हम, अकेले तुम।।सांकेतिक शब्द
culture, Family, life, Life, जीवन शैली, समाज, कैसे जियें, जीवन दर्शन, जी भर कर जियो,
वाह क्या बात है आप तो अच्छी कविता भी लिखते है।
ReplyDeleteआपको नहीं लगता
ReplyDeleteवे भी देख रहे हैं
चोरी से खींचा गया
किसी और का चित्र
हो सकता है वो
आपका ही हो कोई
प्यारा सा मित्र
है ना बात विचित्र
A simple but thoughtful poem !
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा पढ़ना।
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता लिखी है आपने | और कभी-२ चोरी का भी अपना अलग मज़ा है |
ReplyDeleteउन्मुक्त जी अचानक ही आपके ब्लॉग पर आना हुआ और कविता देखी, छू गई मन को । बहुत महीनों से आपका धन्यवाद करना चाहती थी आपके प्रोत्साहन के लिये । चाहती हूँ आप का प्रोत्साहन आगे भी ।
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