कोर्ट गर्डल का चित्र विकिपीडिया से |
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कोर्ट गर्डल पर बहुत सी पुस्तकें लिखी गयी हैं। इनमें से मैंने निम्न चार पुस्तकें पढ़ी हैं:
- Gödel: A life of Logic by John L Casti (गर्डल: ए लाइफ ऑफ लॉज़िक लेखक जॉन एल कास्टी)
- A world Without Time: The forgotten legacy of Gödel and Einstein by Polle Yourgrau (ए वर्ल्ड विथआउट टाइम: द फॉरगॉटन लेगसी ऑफ गर्डल एंड आइंस्टाइन लेखक पॉले योरग्रॉ)
- Gödel, Escher, Bach: An Eternal Golden Braid by Douglas R. Hofstadter (गर्डल, ऍशर, बाख: एन ईटर्नल गोल्डेन ब्रेड लेखक डगलस आर हॉफस्टैडर)
- The Emperor's New Mind: Concerning Computers, Minds and The Laws of Physics (द एमपररस् न्यू माइंड: कंसर्निग कंप्यूटरस्, माइंडस् एण्ड द लॉज़ ऑफ फिज़िक्स लेखक रॉजर पेनरोज)
गर्डल जिज्ञासू थे और वह मिस्टर व्हाई (Mr. Why) के नाम से जाने जाते थे। वे असामान्य प्रतिभा के धनी थे। वे एक शर्मीले युवक से एक ऎसे व्यक्ति बन गये जिनके साथ अधिकतर लोग रहना पसंद करते थे। लेकिन जीवन के अन्त में वे फिर अकेलेपन में डूब गये।
गर्डल ने ऍडेले (Adele) नामक एक तलाकशुदा महिला से शादी की। वह उनसे ६ साल की बड़ी थी और कैबरे (Cabaret) नृत्य करती थी। यह शादी उनके माता पिता को पसंद नहीं थी इसलिए गर्डल को शादी के लिए १० साल इन्तजार करना पड़ा। उनके कोई सन्तान नहीं हुई।
कोर्ट गर्डल और अर्लबट आइंस्टाइन पिछले शताब्दी के दो महानतम वैज्ञानिक थे। जीवन के अंतिम दिनो में, वे दोनो ही इंस्टीट्यूट आफ एडवांसड स्टडीज़ (Institute of Advance Studies Princeton) चले गये थे। दोनो का स्वभाव एक दूसरे के विपरीत था। गर्डल थोड़ा निराशवादी और परेशान दार्शनिक और आइंस्टाइन मुक्त भावुक व्यक्ति थे। लेकिन उन दोनों को एक दूसरे से शान्ति मिलती थी। आइंस्टाइन का कहना था कि,
'इंस्टीट्यूट आफ एडवांसड स्टडीज़ में सबसे अच्छी बात यह है कि, इंस्टिच्यूट से वापस घर जाते समय, गर्डल और मेरा साथ रहता है।'फ्रीमैन डाइसन जाने माने भौतिक शास्त्री हैं। वे इंस्टीट्यूट आफ एडवांसड स्टडीज़ के स्दस्य हैं। उनका कहना है कि,
'Gödel was … the only one of our colleagues who walked and talked on equal terms with Einstein.'गर्डल कुछ अजीब किस्म के व्यक्ति थे। उन्होंने अन्त में आत्महत्या कर ली। उनका आत्महत्या का तरीका भी एकदम अलग अपने अपूर्णनता सिद्धान्त की तरह। उनकी मृत्यु malnutrition के कारण हो गयी। वे जीवन के अन्त में अस्पताल में unitary tract की समस्या के लिये भरती थे। उन्होंने महीने भर खाना नहीं खाया। उनका कहना था कि डाक्टर उन्हें जहर दे कर मारना चाहते हैं।
हमारे साथ के लोगों में, केवल गर्डल ही था जो आइंस्टाइन के साथ चल सकता था और उनसे बराबरी पर बात कर सकता था।
इन दोनो पुस्तकों में गर्डल के बारे पर्याप्त सूचना है। दूसरी पुस्तक में आइंस्टाइन के संबन्ध में भी कुछ सूचना है।
पहली पुस्तक में कुछ अध्याय, कृत्रिम बुद्धि (Artificial intelligence), सोचने वाली मशीन (Thinking machines), और जटिलता (complexity) के बारे में है। इसे उन लोगों के लिए समझना मुश्किल है जो विषय पर रूचि नही रखते है या जिनको इस क्षेत्र में कोई ज्ञान नहीं है। इसलिए यदि आप चाहें तो इन अध्याय को छोड़ सकते है पर यदि आपको तर्कशास्त्र या कम्पयूटर विज्ञान में रूचि है तब इन अध्यायों को अवश्य पढ़ें। बाकी अध्याय आसान हैं व आसानी से समझे जा सकते है।
दूसरी पुस्तक में, कुछ अध्याय गर्डल द्वारा समय के ऊपर किये गये काम के बारे में है। यह वास्तव में मुश्किल है और पढ़ते समय यदि आप चाहें तो इनको छोड़ भी सकते है।
गर्डल ने एक बार कहा
'We live in the World in which ninety-nine per cent of all beautiful things are destroyed in the bud.'मालुम नहीं क्यों मुझे लगता है कि यह हिन्दी चिट्टाजगत पर सही बैठता है। हम अच्छे लेख लिखने के बजाय, व्यर्थ की बात पर विवाद करते रहते हैं।
हम ऐसे संसार में रहते हैं जहां ९९ प्रतिश्त सुन्दर वस्तुएं शुरुवात में ही समाप्त हो जाती हैं।
गर्डल के अपूर्णनता सिद्धान्त के बारे में कुछ अन्य पुस्तकों की चर्चा - इस श्रंखला की अगली कड़ी में।
तू डाल डाल, मैं पात पात
भूमिका।। नाई की दाढ़ी को कौन बनाता है।। नाई, महिला है।। मिस्टर व्हाई - यह कौन हैं।। गणित, चित्रकारी, संगीत - क्या कोई संबन्ध है।।
सांकेतिक शब्द
। Kurt Gödel, Incompleteness theorems, Artificial intelligence,
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अच्छी जानकारी. ये कलर कम्बीनेशन आँखों में चुभ सा रहा है. या फिर मैं कम सोया हूँ इसलिए भी हो सकता है !
ReplyDeleteगर्डल के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में यह संक्षिप्त जानकारी अच्छी लगी ..
ReplyDeleteअब सभी तो गर्डल हो नही सकते....
अभिषेक जी सही कह रहे हैं -रंग वाकई तकलीफ दे रहा है !
यह चारों पुस्तकें पढ़ने की शेल्फ में पहुँच जायेंगी। ब्लॉगिंग के सन्दर्भ में आपका अवलोकन उचित है।
ReplyDeleteरंग पहले वाला ही सही था.....निराशावादी होना सही नही है...आपके लिए भी...हम अपने स्तर से प्रयास तो कर ही रहे है..अब सभी से सार्थक लेखन की आशा नही की जा सकती न...किताबों के नाम नोट कर लिए हैं..कम से कम मेरे लिए विषय मेरी रूचि का है.
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आ कर बहुत अच्छा ज्ञान मिलता है
ReplyDeleteधन्यवाद
अच्छा प्रयास किया है आपने............
ReplyDeleteनारी के लिए रचित एक समपूर्ण ज्ञानप्रद्ध पत्रिका देखने व पढने के लिए एक बार जरूर क्लिक करे !
Thanks
किसी भी किताब के बारे में मै यहीं आकर जानती हूं....बल्कि जितना आप बताते हैं वही मेरे लिए किताब की तरह होता है .....
ReplyDeleteमुझे लगता है --ये बात व्यर्थ है यही समझने मे समय व्यर्थ कर देते हैं यहां लोग ....
गर्डल उर्फ मिस्टर व्हाई से मिलकर खुशी हुई।
ReplyDelete--------
सावन आया, तरह-तरह के साँप ही नहीं पाँच फन वाला नाग भी लाया।