Saturday, December 27, 2008

झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर

यह चिट्ठी मेरी साउथ अफ्रीका यात्रा की पहली कड़ी है। यह भारत से वहां जाने के तरीकों के बारे में बताती है।

भारत से, हवाई जहाज से साउथ अफ्रीका जाने के तीन तरीके है।
  1. दिल्ली से अरब एमिरेट की उड़ान पकड़ कर दुबई और दुबई से जॉहन्सबर्ग।
  2. दिल्ली से एयर इण्डिया की उड़ान पकड़ के केनिया और वहां से केनयन एयर लाइन्स से जॉहन्सबर्ग।
  3. बम्बई से साउथ अफ्रीका एयर लाइन्स की सीधी उड़ान पकड़ कर जॉहन्सबर्ग।
इस समय दिल्ली - अबू धाबी - जॉहन्सबर्ग की नयी विमान सेवा भी शुरू हो गयी है। हमें लगा कि बम्बई से सीधी जॉहन्सबर्ग के लिए उड़ान पकड़ना सबसे अच्छा और आसान होगा। इसलिए हम लोग बम्बई पहुंचे। बम्बई मे हमें कुछ घण्टें व्यतीत करने थे और हम बान्द्रा क्षेत्र में रूके।


शाम के समय हम लोगों को लगा कि ईमेल चेक कर ली जाय इसलिए साइबर कैफे को ढ़ूंढने के लिए बाहर निकले। एक व्यक्ति से पूछा तो उसने कहा,
'सीधे आगे जाये। आपको एक गोल पार्क मिलेगा उसके बाद एक झाड़ मिलेगा बस उसी के बाजू से एक सीढी जाती है, वहां पर साइबर कैफे है।'
मैंने पूछा कि झाड़ क्या होता है? उसने हमारी तरफ देखा जैसे मालूम नही कहां के बेवकूफ आ गये है फिर धीरे से मुस्कुरा कर कहा कि झाड़ माने पेड़। मैंने उसको शुक्रिया अदा किया।


साइबर कैफे में बहुत सारे कम उम्र के लोग थे। वे शायद निम्न स्तर के थे जो आपस में बीच-बीच मे बड़ी जोर से चिल्ला रहे थे, नीचे करो, वह मारा। मैंने साइबर कैफे के मालिक से पूछा ये लोग क्या खेल खेल रहे हैं। उसने बताया,
'आजकल यहां पर वर्ल्ड ऑफ वारक्रैफ्ट (warcraft) नामक खेल लोकप्रिय है और यह लड़के दो टीम बनाकर उसे खेल रहे हैं। इसमें टीमें आपस में एक दूसरे से लड़ाई करती है।'


इण्टरनेट और टीवी लोगों के स्वास्थ को कितना नुकसान पहुंचा रहा है इसके बारे में वे नहीं सोच रहे हैं।
एक छोटा सा कमरा जिसमें ठीक से हवा भी नहीं आ रही थी उसी में कम उम्र के बच्चे यह खेल रहे थे। इण्टरनेट और टीवी की सबसे खराब बात यही है कि लोग बाहर में खेलने की जगह, कमरे के अन्दर बंद हो गये हैं। यह उनके स्वास्थ को कितना नुकसान पहुंचा रहा है इसके बारे में वे नहीं सोच रहे हैं।

लौटते समय देखा कि रास्ते में भुट्ठे बिक रहे थे। ठेले वाले की अंगेठी में, छोटी सी धौकिनी लगी थी जो हवा फेंकती थी और अंगेठी तेजी से जलती थी। मैंने पूछा कि एक भुटटा कितने का है उसने कहा,

'दस रूपये का। साहब खाकर देखिये, यह भुटटा खास तरीके का है और मीठा है।'
मैंने कहा क्या बाहर से आता है उसका जवाब था,
'नहीं, यहीं पैदा होता है पर बीज बाहर से आता है।'
मैने पूछा कितना रूपया कमा लेते हो। उसने कहा,
'मैं लगभग सौ भुटटे बेच लेता हूं हर भुटटे में करीब -दो रूपये का फायदा होता है। बाकी पैसे भुटटे और कोयले के खर्च में और कुछ अंगेठी और ट्राली को ठीक कराने में चला जाता है।'
मैंने पूछा क्या कुछ पैसा म्यूनिसपिल्टी को भी देना पड़ता है। उसका जवाब था हर महीने हजार रूपये। मैंने पूछा कि क्या रसीद देते हैं। उसका जवाब था,
'नहीं, ये म्यूनिसपिल्टी के आदमी हजार रूपया अपने जेब में रख लेते हैं। बस ये समझिए कि यह एक तरह का गैर-कानूनी टैक्स देता हूं।'
भुट्टा वास्तव में बहुत अच्छा था और मीठा था खाने में मजा ही आ गया।


आगे चलते समय एक जगह कुछ फल बिक रहे थे। मैने उससे पूछा कि शरीफा कितने का है । उसने बताया कि ७०/-रूपया किलो । मैने कहा कि मुझे एक शरीफा चाहिए कितने का पड़ेगा । उसने कहा कि दस रूपया के। मैने कहा कि दस रूपया का! उसने मेरी तरफ ऎसा देखा की शायद मै कहां से आ गया हूं। मैंने कहा कि मैं एक छोटे से कस्बे का हूं। उसने मुस्कुरा कर कहा, अच्छा आठ रूपया दे दीजियेगा। मैंने उसे दस रूपये का नोट दिया तो उसने दो रूपये वापस किये। मैंने कहा तुम ही रख लो। उसने कहा,
'नहीं साहब मैने आपसे आठ रूपय कहे थे उतने ही लूंगा। ये दो रूपये वापस ले लीजिए।'
मुझे उसकी इमानदारी पर ताजुब हुआ , लगा कि शायद अभी भी लोगों में इमानदारी बची है। मैने उससे कहा कि दो रूपये की जगह हमें कोई और फल दे दो। उसने हमें एक केला दे दिया।


वापस आकर हम लोगों ने रात का खाना खाया और साउथ अफ्रीका जाने के लिए हवाई अड्डे चले गये।




अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where 'Download' and there after name of the file is written.)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।


yeh poat meri south africa yatra kee phlee post hai. yeh south africa jaane ke tareekon ko bataatee hai.yeh hindi (devnagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This is my post of my trip to South africa. It explains the ways to reach South Africa. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
south africa, साउथ अफ्रीका, Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सिक्किम, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण,



Reblog this post [with Zemanta]

7 comments:

  1. तो यात्रा अभी शुरू नही हुयी -यह तो अपना ही प्यारा हिन्दुस्तान है -चलिए बेसब्री से इंतज़ार रहेगा !

    ReplyDelete
  2. उन्मुक्त जी नमस्कार,
    आज तो हमें भी अफ्रीका में घूमने की खुजली सी हो रही है. फटाफट पहुँचिये अफ्रीका.

    ReplyDelete
  3. aapne hame thag liya.. South Africa ke badle mumbai ghuma kar chhor diye.. :(
    jaaiye aapse katti.. :D

    ReplyDelete
  4. Anonymous11:10 am

    हा हा हा | इतने साल हो गए मुझे मुंबई में लेकिन अभी भी पूरी तरह मुम्बैया भाषा का ज्ञान नहीं हुआ है |
    पार्क कितना बड़ा था ? एक बार हमें भी बताया गया था एक तिकोने पार्क के पास जाने के लिए, जाकर ढूँढा कहीं नहीं दिखा | बाद में पता चला एक बहुत ही छोटे से त्रिकोण (शायद 10X15 होगा), को पार्क कहा जा रहा था |
    और हाँ, ईमानदारी के लिए यहाँ की जनता मशहूर है |

    ReplyDelete
  5. दिलचस्प है......आपके जरिये उस खिड़की में झांकना सम्भव होगा ....लिखते रहिये

    ReplyDelete
  6. रोचक विवरण है.लगता है आगे और रोचक होगा. भुट्टे का जिक्र आया तो नैनीताल का भुट्टा याद आ गया. उतना स्वादिष्ट भुट्टा और कहीं नहीं मिला.

    ReplyDelete
  7. कई दिनो बाद आया, अजी आप ने तो हमे भी बम्बे घुमा दिया, मजा आ गया, अफ़्रिका के बारे बताये खास कर होटलो के बारे ओर खाने के बारे ओर किस मोसम मै वहा जाया जाये, ताकि एक बार वहा भी घुम आये.
    धन्यवाद

    ReplyDelete

आपके विचारों का स्वागत है।