Thursday, December 31, 2009

पृथ्वी, हमारे पास, वंशजों की धरोहर है

इस चिट्ठी में चर्चा है कि हम पर्यावरण को बचाने में क्या सहयोग कर सकते हैं।

क्या आप कभी अपनी पत्नी का जन्मदिन और शादी की सालगिरह दोनो एक साथ भूलें है। यदि आपका जवाब हां में है तब शुभा का गुस्सा समझ सकते हैं।

मुझे पिछले साल काम के सिलसिले में बाहर रहना पड़ा - कुछ समय दिल्ली और कुछ समय भोपाल। न उसके जन्मदिन की याद रही, न ही शादी की सालगिरह की - यह दोनो आस-पास ही पड़ते हैं। जब याद आया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लगा कि जब वापस कस्बे में पहुंचूंगा, तो खैर नहीं। सोचा, मनाने के लिये, भोपाल से कुछ ले चलूं।
'उन्मुक्त जी, हम तो समझे कि आप पर्यावरण के बारे में कुछ बता रहें हैं यहां तो कुछ और ही है - पत्नी को मनाया जा रहा है।'
भोपाल में सबसे अच्छा बजार नयी मार्केट है। वहां, मध्य प्रदेश सरकार निगम की दुकान मृगनयनी है। वहां पर, अच्छा समान वाजिब दामों में मिल जाता है। बस उसके लिये, कुछ लेने के लिये, वहीं पहुंच गया।
'लगता है कि उन्मुक्त जी, बढ़िया सा शीर्षक देकर, हम सब को झांसा दे रहे हैं। समझ गये, कुछ नहीं, बस टीआरपी का चक्कर है।'
मैंने मृगनयनी से, एक सूती चन्देरी की साड़ी, शादी की सालगिरह और सूती सलवार-कुर्ते का सेट उसके जन्मदिन के लिये लिया। सलवार-कुर्ते के सेट में तीन कपड़े थे। एक रंगीन सादा कपड़ा और दो  वैजिटेबल रंग (vegetable dye) से चित्रकारी किये हुए कपड़े थे। 

वहां पर एक प्यारी सी, युवती विक्रेता थी। मैंने उससे पूछा कि इसमें कौन सा कपड़ा क्या है। उसने एक को, दुपट्टा बताया फिर मुस्करा कर बोली,
'वैसे सादा रंगीन कपड़ा सलवार है। लेकिन आजकल फैशन के अनुसार आप जिसे चाहें सलवार बना ले, जिसे कुर्ता।'

यानि कि सादे रंगीन कपड़े को कुर्ता और चित्रकारी करे हुऐ कपड़े को सलवार। मैं कुछ उलझन में पड़ गया। इस पर उसने कहा,
'आप बिलकुल मत खबराइये आपकी पत्नी को सब मालूम होगा। वह सब समझ जाएगी।'
यह जानने के लिये कि क्या वह युवती सच कह रही थी या नहीं - मैंने अन्तरजाल में ढ़ूंढा। मुझे यहां से, फैशन पत्रिका का यह चित्र मिला। इसे देख कर तो लगता है कि सादे कपड़े का कुर्ता ज्यादा सुन्दर लगता है। हांलाकि शुभा के अनुसार यह इसलिये है कि मॉडल-युवती सुन्दर है।
'उंह हूं उन्मुक्त जी, इस चिट्ठी में पर्यावरण का जिक्र तो दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है।'
वह युवती विक्रेता, जब इन कपड़ों को पैक करने लगी, तब मैं आश्चर्य से डूब गया। उसने समान को समाचार पत्रों के बने पैकेटों में पैक किया। उठाने के लिये, ऊपर सुतली लगी हुई थी। वह युवती समझदार थी समझ गयी कि मैं उन पैकेटों को देख कर आश्चर्य चकित हो रहा हूं। उसने बताया,
'अंकल, यह सब पर्यावरण को बचाने के लिये किया जा रहा है। हम प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करते हैं। इसलिये इस तरह के पैकेट प्रयोग करते हैं। इसके अलावा, इसके कई फायदे हैं।
  • हमने रद्दी समाचार पत्रों का फिर से प्रयोग कर लिया; और
  • यह पैकेट लघु उद्योग के द्वारा बनाये जा रहे हैं। इस कारण बहुत से लोगों को काम मिल रहा है।'
यह छोटा सा, पर सराहनीय कदम है। यह छोटे-छोटे कदम ही हमारी पृथ्वी मां को बचा सकेंगे। यह हमारी जिम्मेवारी है कि यह काम सुचारु रूप से हो। क्योंकि किसी ने सच कहा है कि,
‘We have not inherited this planet from our parents.
But have merely borrowed it from our children’
यह पृथ्वी हमें अपने पूर्वजों से नहीं मिली है
यह हमारे पास वशंजों की धरोहर है

यह हमारी जिम्मेवारी है कि हम वशंजों की धरोहर, उन्हें ठीक प्रकार से उन्हें वापस दे सकें।  क्या आप जानना चाहते हैं कि आप इसमें किस तरह से सहयोग कर सकते हैं। बहुत कुछ – देखिये आप क्या कर सकते हैं:
  1. आप समान ऐसे पैकेटों में खरीदिये जो फिर से प्रयोग हो सकें और उन्हें बार बार प्रयोग करें।
  2. शॉपिंग पर अपना बैग ले जायें।
  3. पेपर को बेकार न करें। दोनों तरफ प्रयोग करें। 
  4. हो सके तो, लिफाफों को फाड़ कर, अन्दर की तरफ सादी जगह को, लिखने के लिये प्रयोग करें।
  5. सारे बेकार कागजों को पुनर्चक्रण (recycling) के लिये इकट्ठा करें।
  6. प्लास्टिक के पैकेटों का कम प्रयोग करें। सब्जी, फल या मांस को सुरक्षित रखने के लिये प्लास्टिक की जरूरत नहीं।
  7. उन उत्पादनों को लें, जो हर बार पुनः फिर से भरने वाले पैकटों में मिलते हों। यदि आपकी प्रिय वस्तु  ऐसे पैकेटों में न आती हो तो कम्पनी को इस तरह के पैकेटों में बेचने के लिये लिखें।
  8. खाने की वस्तुओं को हवा-बन्द बर्तनों में रखें। उन्हें चिपकती हुई प्लास्टिक में रखने की जरूरत नहीं।
  9. पेट्रोल बचायें, प्रदूषण कम करें।
  10. अपने सहयोगियों और पड़ोसियों के साथ कार पूल कर प्रयोग करने का प्रयत्न करें।
  11. बिना बात बिजली का प्रयोग न करें - बत्ती की जरूरत न हो तो बन्द कर दें।
  12. पेड़ों, जंगलों के कटने को रोके। इनके कटने के खिलाफ लोगों को जागरूक करें।
  13. पुनरावर्तित (recycled) वस्तुओं का प्रयोग करें।
  14. ऐसे बिजली के उपकरण प्रयोग करें जो कम बिजली खर्च करते हों। इस समय इस तरह के नये तकनीक पर बने बल्ब आ रहें हैं। उनका प्रयोग करें।
  15. पर्यावरण-मित्रवत उत्पादकों (environment friendly products) का प्रयोग करें।
आप इन पन्द्रह बिन्दुओं में से, कितने बिन्दुओं का पालन करते हैं। मैं इसमें सब तो नहीं, पर अधिकतर का पालन करता हूं। मेरे साइकिल  चलाने के बारे में तो आप जानते ही हैं और शायद कोपेनहेगन व्हील (Copenhagen Wheel)  बहुत कुछ बदल दे।

इसी के साथ, इस साल को अलविदा। नया साल आपके लिये शुभ हो, मंगलमय हो। नये साल में आप ऊपर-लिखित १५ बिन्दुओं में से, अधिक से अधिक बिन्दुओं का प्रयोग करें - आखिरकार हमें पृथ्वी मां को, अपने बच्चों के लिये बचा कर रखना है। हिन्दी चिट्ठाजगत भी नये साल में, नयी ऊंचाईयों पर पहुंचे - ऐसी कामना, ऐसा विश्वास।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:
Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. his will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इन फाइलों को आप सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में, फायरफॉक्स ३.५ या उसके आगे के संस्करण में सुन सकते हैं। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में – सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें। इन्हें सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में फायरफॉक्स में भी सुना जा सकता है। इसे डिफॉल्ट करने के तरीके या फायरफॉक्स में सुनने के लिये मैंने यहां विस्तार से बताया है। 





मेरे अन्य चिट्ठों पर, पर्यावरण से संबन्धित चिट्ठियां



About this post in Hindi-Roman and English
is chitthi mein charchaa hai ki hum paryavaran ko bachaane mein kaise sahyog kar sakte hain. yeh hindi (devnaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks about, what we can do save environment. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.







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9 comments:

  1. संदेश उम्दा लग रहा है, इत्मिनान से उठ कर पढ़ेंगे.

    मुझसे किसी ने पूछा
    तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
    तुम्हें क्या मिलता है..
    मैंने हंस कर कहा:
    देना लेना तो व्यापार है..
    जो देकर कुछ न मांगे
    वो ही तो प्यार हैं.


    नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  2. नए वर्ष के स्वागत में रोचक शैली में पर्यावरण सन्देश -देखिये कितना पालन हो पाता है !
    आपको भी नववर्ष की मंगलमय कामनाएं

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  3. 15 में से अधिकांश का पालन बचपन से करते आए हैं। विवशता में ही इन का उल्लंघन होता हो।
    नववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

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  4. मैं इतना करता हूँ:


    मॉल वगेरे से सामान खरीदते समय कम से कम प्लास्टिक की थैली लेने की कोशिश करता हूँ.


    घर में प्लास्टिक एक जगह इक्कठे करते है.

    युज एंड थ्रो वाले उत्पाद से यथा सम्भव बचता हूँ.


    वस्तु का बार-बार उपयोग करता हूँ.

    ऑफिस में कागज का उपयोग कम से कम हो, इसका ध्यान रखता हूँ. रद्दी कागज का अन्य कामों में उपयोग करता हूँ.

    **


    आपको व आपके परिवार को ईसा के नव वर्ष की बधाई व शुभकामनाएं.

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  5. कुछेक का पालन करते हैं जी
    नये साल में कोशिश करेंगें कि सभी का पालन किया जाये
    शुभकामनायें
    प्रणाम स्वीकार करें

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  6. अच्छी पोस्ट ...मैं भी अक्सर जूट के कपडे और थैलियाँ इस्तेमाल करती हूँ.
    नववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ.

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  7. आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

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  8. Anonymous4:24 pm

    अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, आगे भी करेंगे
    पाश्चात्य नववर्ष की शुभकामनाएँ

    बी एस पाबला

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आपके विचारों का स्वागत है।