Tuesday, February 28, 2017

रानी पद्मिनी - अलाउद्दीन से रुमानी तौर पर नहीं जुड़ीं

'रानी पद्मिनी फिल्म - बन्द करो' श्रंखला की पिछली कड़ी में चर्चा थी कि 'रानी पद्मिनी वास्तविक या काल्पनिक'। इस कड़ी में चर्चा है कि यदि रानी पद्मिनी काल्पनिक भी हो तब भी क्या किसी फिल्म में रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन के बीच रोमांस दिखाया जा सकता है।

दीपिका पादुकोन फिल्म पद्मावती के एक दृश्य में
सिनेमेटोग्राफ अधिनियम १९५२ में बनाया गया था। इसके अन्दर सेन्सर बोर्ड की स्थापना की गयी है। किसी भी फिल्म को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने से पहले, उसे सेन्सर बोर्ड से पास होना पड़ता है। फिल्म को पास करते समय, बोर्ड फिल्म के किसी सीन को काटने के लिये कह सकता है। फिल्म को पास करते समय, सेन्सर बोर्ड, उसे तीन तरह के सर्टिफिकेट दे सकता है।

  • पहला, 'U' अर्थात कोई भी फिल्म को देख सकता है; 
  • दूसरा, 'UA' अर्थात फिल्म तो कोई भी देख सकता है लेकिन १२ साल से कम उम्र के बच्चों के लिये, उनके माता-पिता अथवा अभिवावक इस बात को तय करें कि वे इसे देखें अथवा नहीं; 
  • तीसरा, 'A' अर्थात केवल बालिग ही देख सकते हैं।

इस तरह के सर्टिफिकेट देने के लिये, अधिनियम की धारा ५ख में सिद्धान्त भी बनाये गये हैं। इसी धारा के अन्दर केन्द्र सरकार ने सर्टिफिकेट देने के लिये कुछ निर्देश भी जारी किये हैं। सेन्सर बोर्ड इन्हीं को मद्दे नज़र में रख कर सीन को काटने के लिये कहता है, या सर्टिफिकेट देता है।

यदि रानी पद्मिनी काल्पनिक भी हों तब भी उनके बारे प्रचलित कथाओं में मुख्य बात अलाउद्दीन का फरेब, गोरा-बादल की वीरता, पद्मिनी का त्याग, उनका जौहर है। वे किसी भी रूप में, अलाउद्दीन से रुमानी तौर पर नहीं जुड़ी हैं। 


गोरा-बादल की वीरता और पद्मिनी का त्याग, हमारी अ़ाज़ादी की लड़ाई में मिसाल के रूप में देखा गया और प्रेणना का स्रोत रहा। यह जन मानस के मन में इसी तरह से स्थापित है। यदि इसे बदला जाय तब जन मानस की भावनाओं को न केवल ठेस पहुंचेगी पर यह लोक व्यवस्था को भी भंग कर सकता है। यदि ऐसा है तब उन दृश्यों को सेन्सर बोर्ड हटाने के लिये कह सकता है।

मेरे विचार में यदि रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन के बीच रुमानी दृश्य दिखाये जाते हैं तब सेन्सर बोर्ड को पूरा अधिकार होगा कि वे इसे काट दें या फिर उसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिये तब तक अनुमति न दें जब तक इन्हें हटा न दिया जाय।

'उन्मुक्त जी, इसका अर्थ हुआ कि किसी भी दशा में दोनो के बीच रुमानी दृश्य नहीं दिखाये जा सकते।'
हूंऊऊऊ, यह शायद सच नहीं है, दिखाये जा सकते हैं। लेकिन यह बात, इस फिल्म बनाने के बीच हुई मार-पीट, और फिल्म को दिखाये जाने के पहले, शर्तों का रखा जाना अगली बार।

रानी पद्मिनी फिल्म - बन्द करो  
रानी पद्मिनी फिल्म - विवाद।। रानी पद्मिनी वास्तविक या काल्पनिक।। रानी पद्मिनी - अलाउद्दीन से रुमानी तौर पर नहीं जुड़ीं।। पद्मावती फिल्म का नाम बदलिये।।

 About this post in English and Hindi-Roman
This post in Hindi (Devnagri) is whether romantic scenes between Rani Padmini and  Alauddin Khilji can be shown or not. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

Hindi (Devnagri) kee is chhitthi mein, kyaa Rani Padmini aur Alauddin Khilji ke beech rumanee drishya dikhaye jaa skte hain ya naheen. Ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द  
Rani Padmini, Alauddin Khilji,
Film, Review, Reviewsसमीक्षा, film ,review,

4 comments:

  1. अच्छी चल रही है तकररीर। और हां सेन्सर बोर्ड का काम सर्टिफिकेट देना है या सेन्सर करना? यह बोर्ड आफ सर्टिफिकेशन है या सेन्सर करने के लिये अधिकृत है?

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  2. Anonymous11:20 am

    हमेशा की तरह एक और बेहतरीन लेख ..... ऐसे ही लिखते रहिये ..... शेयर करने के लिए धन्यवाद। :) :)

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  3. Seems like you have quite good interest in films .

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  4. JITNA SWATANTRATA BHARAT MEN MILTA HAI UTNA HI FILMKAR LOG APNA JEB BHARNE KE LIYE ITIHAS,INSANIYAT,MAHILA KI ATMA MARYADA,HINDU DHARMA KO BEIJJAT KARTE HUE SARE SATYA KO TOD MADORKAR FILM BANAKAR PAIS LUTNA CHAHTE HAI PAR YAH HIMMAT WE LOG ISLAM DHARMA YA ITIHAS KE SATH KARNEKA HIMMAT KARNE KE BARE MEN SOCH BHI NAHI SAKTE ISLIYE KI JIHDION KE HATHONMEN JAN JANE KA KHATRA RAHTA HAI. AISE FILMKARON KOSAJA MILNA CHAHIYE

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