Wednesday, January 23, 2019

मकर संक्रांति पर सूरज उत्तरायण नहींं होता

मकर संक्रांति पर बधाई संदेश - सूर्य उत्तरायण हो गया है। इसी बात की सोशल मीडिया पर भी चर्चा है। यह सही नहीं है? इस चिट्ठी में, इसी  को समझाया गया है।

मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण नहीं होता। इसको समझने से पहले हमें समझना होगा कि संक्रांति, अयनांत (solstice), और विषुव (equinox) क्या होता है।

सूर्य हर राशियों में,  साल में एक बार प्रवेश करता है। सूर्य के राशियों के प्रवेश को संक्रान्ति कहा जाता है। अलग-अलग राशियों की संक्रांति अलग-अलग है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रान्ति होती है। यह १४ या १५ जनवरी को पड़ती है।  यह अन्तर, चार साल में एक बार लीप वर्ष होने के कारण होता है। इस दिन अपने देश में, अलग-अलग नाम से उत्सव मनाये जाते हैं - कहीं खिचड़ी, तो कहीं लोहड़ी, तो कहीं पोंगल।

मकर संक्रांति के दिन से, इलाहाबाद में, हर साल माघ मेला लगता है। १२वें साल में, होने वाले मेले को कुम्भ और इसके ६ साल बाद वाले को अर्ध-कुम्भ कहा जाता है। यह नाम इस साल से बदल दिये गये हैं। कुम्भ मेला १२ साल बाद क्यों लगता है और इसके नाम बदलने से क्या भ्रम पैदा हो गया इसकी चर्चा अगली बार।

सूर्य, साल में एक बार,  उत्तरी गोलार्द्ध से दक्षिणी गोलार्द्ध और फिर दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध वापस आता है। यानि की एक साल में, सूर्य, दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। इस समय को विषुव (equinox) कहते हैं। यह इसलिये कि, तब दिन और रात बराबर होते हैं। यह सिद्धानतः है पर वास्तविकता में नहीं, पर इस बात को यहीं पर छोड़ देते हैं। आजकल यह समय लगभग २० मार्च तथा २३ सितम्बर को आता है। जब यह मार्च में आता है तो हम (उत्तरी गोलार्द्ध में रहने वाले) इसे महा/बसंत विषुव (Vernal/Spring Equinox) कहते हैं तथा जब सितम्बर में आता है तो इसे जल/शरद विषुव (fall/Autumnal Equinox) कहते हैं।

साल में एक बार, सूर्य भूमध्य रेखा के सापेक्ष सबसे अधिक दक्षिणवर्ती और एक बार उत्तरवर्ती भ्रमण पर पहुंचता है। इसे तब उसे अयनांत (solstice) कहा जाता है। जब सूर्य भूमध्य रेखा के सापेक्ष, सबसे अधिक दक्षिणवर्ती होता है तब इसे शीत अयनांत तथा जब यह सबसे अधिक उत्तरवर्ती होता है उसे ग्रीष्म अयनांत कहा जाता है। आजकल यह २१ दिसंबर और २१ जून के पर होता है। उत्तरी गोलार्द्ध में, २१ दिसंबर की रात सबसे लम्बी होती है उसके बाद रात छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। यही दिन आजकल उत्तरायण का है न कि मकर संक्रांति। लेकिन फिर यह क्यों कहा जाता कि मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होता है।

विषुव तथा अयनांत दोनो के दिन बदल रहे हैं। यह पीछे जा रहे हैं। यह इस लिये हो रहा है क्योंकि पृथ्वी की धुरी २५७०० साल में एक चक्कर लगा रही है। इस बात की चर्चा मैंने अपनी श्रंखला 'ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके' की कड़ी 'पृथ्वी की गतियां' तथा 'विषुव अयन (precession of equinoxes) - हेयर संगीत नाटक के शीर्ष गीत का अर्थ' पर की है। आज से लगभग १५०० साल पहले, शीत अयनांत १४-१५ जनवरी को होता था। तभी सूर्य उत्तरायण भी होता था। उत्तरी गोलार्ध में यह दिन महत्वपूर्र्ण है। इसलिये हमारे देश में, मकर संक्रांति का उत्सव शुरु हुआ। यह उत्सव लगभग १५०० साल पुराना है।

बड़े दिन (Christmas) की शुरुवात भी इसी कारण से हुई है। लगभग ३०० साल पहले,  शीत अयनांत २५ दिसंबर को होता था। तभी से इसा मसीह का जन्म इस दिन मनाया जाने लगा हांलाकि शायद वे सितंबर के माह में पैदा हु थे। इस बात की चर्चा मैंने 'बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां' की कड़ी 'क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है'। इससे आपको यह भी अन्दाजा लग सकता है कि हमारी सभ्यता पश्चमी सभ्यता से कितनी पुरानी है।


अगली बार हम लोग बात करेंगे कि कुंभ मेले का नाम कुंभ मेला क्यों है और क्या इलाहाबाद मे होने वाले मेले को कुुंभ मेला कहना चाहिय या फिर वृषभ मेला।


कुंभ मेला
मकर संक्रांति पर सूरज उत्तरायण नहींं होता।। अमिताभ बच्चन  - कुंभ और भ्रम।। हर कुंभ मेला १२ साल बाद नहीं होता।। चलत मुसाफिर मोह लिया रे ऽऽऽ, पिंजड़े ऽऽऽ वाली मुनिया।।

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Makar sankranti se suraj uttarayan naheen hota. is post mein, isee kee charchaa hai. yeh hindi (devnaagree) mein hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

Sun does not start its journey towards Northern hemisphere from Makar Sankranti. This post of Hindi (Devanagari script) explains this.  You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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4 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  2. अच्छा लगा और खुशी हुई इतने दिनों बाद आपकी ज्ञानवर्धक पोस्ट पढ़कर।

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  3. Apt description of the astronomical phenomenon

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  4. एक अच्छे एस्ट्रोलाजिस्ट और इतिहास वेत्ता की कलम से मकर संक्रांति पर अच्छा लेख।
    राम निवास चतुर्वेदी

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