वॉशिन्गटन के बाद अम्मां फ्लोरिडा गयीं थी वहां मेरी बहन की दूसरी ननद रहती थी। इस चिट्ठी में वहीं का वर्णन है।
जीजी अपने ससुराल किन्नरपट्टी में, अपनी पाचों ननदों के साथ - सबसे दाहिने हैं मीरा दी जिनके साथ अम्मां फ्लोरिडा में रुकी थी। दाहिने से तीसरी हैं मुक्ता दी जिनके साथ अम्मां लन्दन में थीं। |
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।। फ्लोरिडा के सी-वर्ल्ड में मस्ती।।
प्यारे बेटे …
खूब-सा प्यार
फ़्लोरिडा में हम लोग सी-वर्ल्ड देखने गये। यहाँ पर तरह-तरह के समुद्री जानवर हैं। आदमी लोग व्हेल मछली का मुंह लगाकर घूमते रहते हैं। बच्चे उनके साथ फोटो खिंचवाते हैं।
शार्क, व्हेल सील मछली थीं। पहले हम शार्क एन्काउन्टर गये। एक बड़ी सी झील में शार्क मछलियां थीं। झील के बीचो-बीच एक टनल (सुरंग) थी - सेमी-सर्किल के रूप में। खूब थिक (मोटा) ट्रान्स्पेरन्ट (पारदर्शी) कांच लगा था। हम लोग एक प्लैटफॉर्म पर खड़े हो गये। वह चलने लगा। ऊपर ट्रान्स्पेरन्ट (पारदर्शी) टनल (सुरंग) थी। उसके ऊपर पानी में छोटी बड़ी शार्क मछलियां, हमारे चारो तरफ दौड़ रही थीं । कोई बड़ी मछली मुंह खोलकर दौड़ती थी तो लगता था कि हमें खाने आ रही रही है। प्लैटफॉर्म समाप्त हुआ तो हम बाहर निकले।
डौलफिन भी देखे। बड़े गोले के अन्दर से कूद जाना, गेंद लाना। सीटी बजते ही भागकर आना।
फिर व्हेल मछली की तरफ गये। बड़ी व्हेल मछली का नाम शामू था। बहुत सी छोटी-छोटी भी थी। खूब ऊचाई पर एक रॉड से एक गेंद बंधी थी। इन्स्ट्रक्टर जॉन ने सीटी बजाई। शामू दौड़कर आया और उछलकर गेंद ले आया। शामू इतना भारी था कि उसके गिरने से चारों तरफ पानी फैल गया।
शामू के ऊपर उसका इन्स्ट्रक्टर चढ़ गया। उसके मुंह में लगाम की तरह डोरी डाल दी और फिर पूरे झील मे खड़े-खड़े चक्कर लगाया। जब वह कहे विश तो व्हेल पानी से निकल कर सिर हिलाकर बाई-बाई करती थी। कभी पानी के अन्दर जॉन को लेकर डाइव (गोता) कर जाती थी। फिर बड़ी देर बाद निकलती थी। मुंह मे पानी भरकर फु्र्र-फुर्र करती थी तो सब लोग भीग जाते थे।
वहां से हम लोग वॉटर स्कीइंग देखने गये। ऐसा लगता था कि समुन्द्र पर न चलकर वे लोग जमीन पर खेल दिखा रहे हो। बड़े-बड़े हर्डल (अरचनों) के ऊपर से दो आदमी कूद जाते थे व फिर पानी पर स्कीइंग करने लगते थे।
वहां से हम लोग एनिमल वर्ल्ड गये। वहां पर तोता, काकातुआ, चूहा, कुत्ता सबके, तरह-तरह के खेल दिखाये गये। हमारे बीच में एक आदमी ने अपने हाथ पर एक डॉलर रख लिया। तोता उङता हुआ आया और डॉलर ले गया। जब कहा गोबैक, गिव तो आकर उसी आदमी को दे गया।
फिर हम गये वॉटर फाउन्टन (फव्वारा) देखने वहाँ तरह-तरह के फव्वारे बनाये थे और उसमें तरह-तरह की लाइट जल रही थी। देखकर बड़ा मजा आया। वहां हमने सन्तरे का रस पिया व ग्लास तुम्हारे लिए ले आये।
सस्नेह दादी मां
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