कुछ दिन पहिले ओपेन सोर्स सौफ्टवेर एवं हिन्दी ब्लौगिंग नाम का लेख प्रकाशित करते समय कहा था कि कभी ओपेन सोर्स सौफ्टवेर के महत्व के बारे में भी चर्चा करना ठीक रहेगा| सूचना प्रद्योकिकी की दिशा तथा इसका भविष्य शायद ओपेन सोर्स सौफ्टवेर पर निर्भर करेगा|
आज जब ओपेन सोर्स सौफ्टवेर के बारे में लिखने की सोचने लगा तो लगा कि यह बहुत बड़ा विषय है तथा एक बार में लिखने मे तो नानी याद आ जायगी और आपके पास इतना बड़ा लेख पड़ने के लिये समय भी नहीं होगा| इसलिये छोटे, छोटे लेख प्रकाशित करके इस विषय के बारे में तथा उसके महत्व के बारे रखना ही अच्छा होगा|
यदी आप कमप्यूटर विज्ञान से सम्बधं नहीं रखते हैं तो आप यह न सोचे कि यह लेख आपके लिये नही है| यह लेख वास्तव मे आम व्यक्ति के लिये ही है|
आप यदी यह सोचें कि यह आपके समझ मे नहीं आयेगा तो गलत होगा, मैं कमप्यूटर पर काम तो करता हूं पर कमप्यूटर वैज्ञानिक नही हूं इन लेखों मे कोई भी ऐसी बात नहीं होगि जो एक आम व्यक्ति न समझ सके|
इसलिये जाये नहीं एक नज़र इधर भी|
चिठ्ठे को पड़ना या न पड़ना तो आपके ऊपर है| पर जब लेख पर कुछ टिप्पणी हो जाती है तो कुछ जोश आ जाता है और हौसले बुलन्द|
अगली बार ओपेन सोर्स सौफ्टवेर के उन पक्षों के बारे में - जिनकी आगे चर्चा होगी|
अच्छा लगा, जिस तरह सभी चिट्ठाकार तकनीकी विषयों पर लिखने के लिये आगे आ रहे है। मोगाम्बो बहुत खुस हुआ।
ReplyDeleteलगे रहो गुलफाम! हम तो हैइयें ही पढने वाले। और हाँ, टिप्पणी का इन्तजार मत करो। अपने रवि भाई को देखा है कभी। अमां वो अगर वो टिप्पणियों की चिन्ता करे तो लिख ही ना पायें। उनको आदर्श बनाओ तो लिखे रहो। टिप्पणी आज नही तो कल आयेंगी, टेन्शन मत लो।
लिखो बन्धु ; अच्छा कदम उठाया है | मुझे तो बडा विचित्र लगता है - इतने सारे भारतीय साफ्टवेयर इंजीनीयर , इतने सारे मुक्त-स्रोत साफ्टवेयर, और आम जनता के उपयोग के लिये साफ्टवेयरों की इतनी ज्यादा कमी ?
ReplyDeleteGreat. Nice to see a post in Hindi, based on a GNU/Linux solution. FN
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