Thursday, April 27, 2006

उर्मिला की कहानी - अदालत का फैसला

मैने मुन्ने की मां को गुस्सा क्यों आया पोस्ट में बताया था कि उर्मिला और ईकबाल मेरे विश्वविद्यालय के सहपाठी हैं तथा मुन्ने की मां उर्मिला की फोटो को लेकर गुस्सा हो गयी थी| और इसके बाद उर्मिला की कहानी- मुकदमे की दास्तान पोस्ट में उसके साथ गैंग-रेप तथा उसके पती के द्वारा चलाये गये सम्बन्ध विच्छेद के मुकदमे के बारे में बताया था देखते हैं कि आदालत ने इस मुकदमे में क्या किया|

सम्बन्ध विच्छेद के मुकदमे आज कल पारवारिक अदालतों मे चलते हैं इनमे फैमिली कांउन्सलर होते हैं जो कि महिलायें ही होती हैं इन फैमिली कांउन्सलर ने उर्मिला से बात की और अपनी रिपोर्ट में कहा कि,
  • उर्मिला ज्यादातर समय रोती रही;
  • सारी बात नही बताना चाहती थी; और
  • वह झूठ बोल रही है|
निचली आदालत ने फैमिली कांउन्सलर की बात मान कर सम्बन्ध विच्छेद कर दिया| तब वह ईकबाल के पास पंहुची| ईकबाल ने हाई कोर्ट में अपील करके उसे जितवा दिया|

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस बात पर विश्वास नही किया जा सकता कि उर्मिला किसी पुरुष मित्र के साथ बच्चा गिरवाने गयी थी, क्योंकि,
  • उर्मिला के किसी भी पुरुष मित्र का नाम भी किसी ने नहीं बताया;
  • किसी ने भी उर्मिला को पुरुष मित्र के साथ जाते देखने की बात नहीं कही;
  • इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उर्मिला का चरित्र खराब है बलकि उसके अच्छे चरित्र की गवाही है (यह बात तो उर्मिला के ससुर ने गवाही में माना था);
  • उर्मिला की शादी हो चुकी थी वह पती के साथ रह चुकी थी जो समय उसने अपने पती के साथ बिताया था उसके कारण वह गर्भवती हो सकती थी| उसको बच्चा गिरवाने का कोई कारण नही था|

हाई कोर्ट ने फैमिली कांउन्सलर की रिपोर्ट खारिज करते हुऐ कहा कि,
  • जिस महिला के साथ ऐसी बुरी दुर्घटना हुई हो उसके लिये वह सब बयान कर पाना मुशकिल है;
  • ऐसे मौके की याद ही किसी को दहला सकती है;
  • कोई भी महिला ऐसी बात को बताते समय सुसंगत नही रह सकती; और
  • ऐसी महिला के लिये उस बात के बारे में पूछे जाने पर रोना स्वाभाविक है|

हाई कोर्ट ने उर्मिला की अपील मंजूर की तथा उसके पति के सम्बन्ध विच्छेद के मुकदमे को यह कहते हुऐ खारिज किया कि,
  • ऐसे मौके पर पती को पत्नी के हालात समझने चाहिये; तथा
  • उसे सहारा देना चाहिये न कि तिरस्कारना|
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बहाल रखा|

हाई कोर्ट ने उर्मिला की अपील मंजूर करते हुऐ उसे जीवन भत्ते के लिये पैसे भी दिलवाये पर यह नहीं मालुम कि उर्मिला ने पैसे लिये कि नहीं क्योंकि इस सब के कुछ महीनो के बाद उर्मिला तथा उसका परिवार शहर छोड़ कर मालुम नहीं कहां चला गया| न मुझे न ही ईकबाल को कुछ भी उसके बारे में पता है|

'क्या उर्मिला को बिलकुल कुछ याद नहीं था कि उसके साथ क्या हुआ'
मुन्ने की मां ने पूंछा|
'सब याद था, मुन्ने की मां, सब, वह शहर छोड़ने के एक दिन पहले ईकबाल के पास गयी थी और ईकबाल को उस रात की सच्चाई बतायी| पर यह नहीं बताया था कि वह अगले दिन शहर छोड़ कर जा रही है|'
मैने कहा|

उर्मिला ने शहर छोड़ने से पहिले ईकबाल को उस रात के बारे में क्या बताया था - यह अगली बार।

उर्मिला की कहानी
मुन्ने की मां को गुस्सा क्यों आया।। मुकदमे की दास्तान।। अदालत का फैसला।। घटना की सच्चाई

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