Thursday, October 25, 2007

इंटरनेट क्या होता है

internet logo Pictures, Images and Photos
चित्र फोटोबकेट से

मैंने टिम बरनस् ली के बारे में लिखते समय कहा था कि मैं शीघ्र 'अन्तरजाल की मायानगरी में' नाम की श्रंखला शुरू कर, अंतरजाल के इतिहास, इस पर उठ रहे मुद्दों के बारे में बात करूंगा। आज इसी श्रंखला की कड़ी में चर्चा का विषय है 'इंटरनेट क्या होता है'। इसे आप सुन भी सकते है। सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाइल ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में, सुन सकते हैं।
ऑडियो फाइल पर चटका लगायें फिर या तो डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले। इसकी टिम बरनस् ली की कड़ी सुनने के लिये यहां चटका लगायें।

Monday, October 22, 2007

विकिपीडिया के बारे में कुछ तथ्य

स्पैन (Span) पत्रिका हिन्दी में निकलने लगी है। इसके सितंबर-अक्टूबर २००७ के अंक में, विकिपीडिया (Wikipedia) के बारे में एक लेख, 'पुस्तकों से आगे की दुनिया' नाम से निकला है। यह पढ़ने योग्य है।

विकिपीडिया कैसे बनी, इसके बारे में लिखा है कि
'जिमी वेल्स (Jimmy Wales) इंटरनेट पर सर्वसुलभ विश्वकोश यानि एन्साइक्लोपीडिया बनाना चाहते थे। इसलिये उन्होने नौसिखियों की सेना बनायी और उनकी मदद से भविष्य का एक ऐसा पुस्तकालय बना डाला जो पूरी तरह से सुव्यवस्थित है, स्वयं अपना संशोधन कर सकता है और लोगों का व्यसन बन सकता है। यह है विकिपीडिया।'

जिमी वेल्स का जन्म हंटस्विल, एलाबामा, अमेरिका में अगस्त १९६६ में हुआ था पर यह तय नहीं है कि ७ अगस्त है या ८ अगस्त :-) उनका यह चित्र विकिपीडिया से है और उसी की शर्तों के अन्दर है।

पिछले साल जिमी वेल्स भारत आये थे। मुझे उन्हें सुनने तथा मिलने का अवसर मिला था। वे बहुत अच्छा बोलते हैं और प्रभाशाली व्यक्ति हैं। वे थोड़ा दुखी थे कि हिन्दी विकिपीडिया में इतने कम लेख क्यों हैं। उन्हें इंटरनेट पर हिन्दी की मुश्किले के बारे में बताया गया। इसमें यह भी था कि हिन्दी के टाईपिस्ट रेमिंगटन की-बोर्ड (Remington keyboard) पर अभ्यस्त हैं और यह की-बोर्ड यूनिकोड हिन्दी फॉन्ट के लिये (कम से कम लिनेक्स Linux) पर उपलब्ध नहीं है। इस बात पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि भारतवर्ष में भी ऐसा हो सकता है। मैं नहीं जानता कि विंडोज़ पर रेमिंगटन कीबोर्ड की क्या सहूलियत है पर लिनेक्स में अब यह उपलब्ध तो हो गया है पर यह ठीक नहीं है, कुछ अक्षर टाईप नहीं कर पाता है।

इस लेख में विकिपीडिया के बारे में कुछ तथ्य इस प्रकार से हैं:
  • विकि शब्द का इस्तेमाल हवाई में ज्लदी के लिये होता है;
  • इसका स्वामित्व विकिमीडिया फ़ाउंडेशन के पास है;
  • इसके लिये सबसे ज्यादा खर्च ईंटरनेट सर्वर पर होता है जो कि वर्ष २००६ के वित्तीय आंकडों के मुताबिक १,८९,६३१ डॉलर था। इसी वर्ष इसका पूरा खर्च ७,९१,२०७ डॉलर रहा। इसे इसी साल १३,००,००० डॉलर का अनुदान मिला;
  • विकिपीडिया में २०,००,००० से ज्यादा लेख हैं जब कि ब्रिटानिका विश्वकोश में केवल १,००,००० और एंकार्टा में ४,५०० लेख हैं। इन लेखों को ७५,००० लोगों ने उपलब्ध कराया है।
मुझे न केवल प्रसन्नता है पर गर्व भी कि इन ७५,००० लोगों में, मैं भी कहीं पर हूं।

Thursday, October 18, 2007

एक अकेला भी बहुत कुछ कर सकता है

यदि निश्चय हो, ज़स्बा हो, तो एक अकेला ही बहुत कुछ कर सकता है। यह बात हर जगह सच है। मैंने कुछ समय पहले एक 'एक शब्द, एक हीरो, एक ज़ीरो' नाम से चिट्ठी लिख एक भारतीय के बारे में बताया था। आज पीटर कालवेले के बारे में बात करते हैं जिन्होने अमेज़ोन डॉट कॉम (Amazon.com) को मिले एक क्लिक पेटेंट ( 1-Click patent या single mouse click patent) के बारे में कार्यवाही की।

एक क्लिक क्या है
यदि आप अमेज़ोन डॉट कॉम की वेबसाईट पर जा कर कुछ खरीदें तो अन्त आपसे पूछा जाता है कि क्या आप सारा समान लेना चाहते हैं। यह सूचना आप एक बार क्लिक कर बता सकते हैं। यह एक क्लिक पेटेंट है। यह कुछ इस तरह की बात है कि दूकान में आप कुछ समान खरीद कर जब काउंटर पर ले जायें तो दुकान मालिक पूछे कि क्या आप सारा समान खरिदना चाहते हैं तो आप उसे एक बार हां कह कर बताते हैं। अमेज़ोन डॉट कॉम ने इसके उल्लंघन पर बार्नस् एण्ड नोबलस् पर मुकदमा भी ठोका था। जो बाद में समझौते के द्वारा तय हुआ।

एक क्लिक और पेटेंट
मैंने कुछ समय पहले अपने उन्मुक्त चिट्ठे पर कई कड़ियों में पेटेंट के बारे में एक लम्बी श्रंखला कई कड़ियों में लिखी थी। इन कड़ियों को तीन भागों में बांट कर अपने लेख चिट्ठे पर 'पेटेंट', 'पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम', और 'पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता', के नाम से प्रकाशित की है। उन्मुक्त चिट्ठे की चिट्ठी 'अमेरिका में पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम - व्यापार के तरीके के साथ' और लेख चिट्ठे की 'पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम', की चिट्ठी में इस पेटेंट का जिक्र किया है।

पेटेंट श्रंखला की सारी कड़िया, बकबक पर अलग अलग कड़ियों में पॉडकास्ट भी की हैं। इसकी पहली कड़ी यहां है और अन्तिम यहां हैं। जिस कड़ी में अमेज़ोन डॉट कॉम के एक क्लिक पेटेंट का जिक्र है वह यहां है यदि आप पढ़ने के बजाय सुनना चाहें तो सुन भी सकते हैं। यह ऑडियो फाइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में,
सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें फिर या तो डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।


पीटर कालवेले ने क्या किया
बहुत से लोगों को एक क्लिक पेटेंट गलत लगता है। इस पेटेंट के कारण, न केवल अमेज़ोन डॉट कॉम, पर यू.एस. पेटेंट एन्ड ट्रेड आफिस (यू.एस.पी.टी.ओ.) की बहुत आलोचना की गयी है। लोगों के मुताबिक इस पर पेटेंट नहीं दिया जा सकता था। पीटर कालवेले भी ऐसे लोगों में एक हैं।

पीटर कालवेले, ऑकलैंड न्यूज़ीलैंड में रहते हैं और IGDMLGD नाम से एक चिट्ठा लिखते हैं। उन्होने यू.एस.पी.टी.ओ. के समक्ष इस पेटेंट पर पुनः सुनवायी के लिये ६ फरवरी २००६ को आवेदन पत्र दिया। पेटेंट की पुनः सुनवायी पर बहुत खर्चा लगता है। इसके लिये उनके चिट्ठा पढ़ने वालों ने उनकी मदद की।

अमेज़ोन डॉट कॉम के पास एक क्लिक पेटेंट से संबन्धित २६ पेटेंट थे। यू.एस.पी.टी.ओ. ने पीटर कालवेले की पुनः सुनवायी आवेदन पत्र पर पेटेंट नम्बर ६-१० को छोड़ कर बाकी २१ पेटेंटों को खारिज कर दिया है। इस केस से संबन्धित सारी कार्यवाही पढ़ने के लिये
यू.एस.पी.टी.ओ. की सूचना वेबसाईट पर जा कर कंट्रोल नम्बर (Control Number) के बटन पर 90/007,946 लिख कर चटका लगायें। फैसले को पढ़ने के लिये Image File Wrapper पर जा कर Reexam - Non-Final Action पर चटका लगायें।

अमेज़न डॉट कॉम ने इस सुनवायी में अपना कोई पक्ष नहीं रखा था। यह शायद इसलिये कि उन पर इस पेटेंट के लिये बहुत आलोचना हो चुकी है।

यदि आप पीटर कालवेले के शब्दों में यह सब पढ़ना चाहें तो आप यहां पढ़ सकते हैं। उन्होने उन सब को धन्यवाद दिया है जिन लोगों ने इस लड़ाई में उनकी मदद की। इस जीत के बाद, बहुत से लोग उनके पास पैसा भेज रहें हैं। उनका कहना है कि उन्हें पैसे की जरूरत नहीं है इसलिये वे पैसों को नहीं ले सकते हैं पर यदि उन्हे कोई काम देना चाहे तो उसका स्वागत है।

मैंने
पेटेंट रद्द किये जाने का कारण विस्तार से नहीं लिखा। यह किस कारण है और पेटेंट रद्द किये जाने के कारणों को संक्षेप में जानने के लिये, कुहू जी की टिप्पणी के जवाब पर मेरी टिप्पणी देखें।

पीटर कालवेले के चिट्ठे का नाम IGDMLGD है। इसका क्या मतलब है मेरे समझ में नहीं आया। क्या कोई बतायेगा?


कुहू जी ने टिप्पणी कर सवाल पूछा कि एक क्लिक पेटेंट को रद्द करने के क्या कारण हैं। मैंने इसका जवाब टिप्पणी के द्वारा तो दे दिया पर लगा कि उसे यहां चिट्ठी में भी जोड़ना चाहिये। इसलिये यहां लिख रहा हूं।

एक क्लिक पेटेंट को रद्द करने के कई कारण है। इसको जानने के लिये आप यू.एस.पी.टी.ओ. की सूचना वेबसाईट पर जा कर उनका फैसला देख सकते हैं जैसा कि मैंने चिट्ठी में बताया है। इन कारणों को, मैंने विस्तार से नहीं लिखा। मुझे लगता था कि लोगों को इतनी रुचि नहीं होगी। लेकिन कुहू जी की टिप्पणी से मेरी गलतफहमी दूर हुई। आगे से ध्यान रखूंगा। यह कुहू जी वहीं हैं जिनके बारे में मैंने अपनी चिट्ठी 'अंतरजाल पर हिन्दी कैसे बढ़े' में लिखा था।

पेटेंट रद्द करने का मुख्य कारण है कि इसमें कुछ नया नहीं है। यह उस समय की उपलब्ध तकनीक द्वारा आसानी से सोचा और क्रियावान्तित किया जा सकता था। यदि prior art है या obvious है तो पेटेंट नहीं हो सकता है। पेटेंट कब हो सकता है कब नहीं, इसके लिये मेरे लेख चिट्ठे पर चिट्ठियों को पढ़ सकतीं हैं जिसका जिक्र मैंने चिट्ठी में किया है।

Saturday, October 13, 2007

कॉन-टिकी अभियान के नायक - थूर हायरडॉह्ल

पिछली शताब्दी में अनेकों तरह से यात्रायें की गयीं पर कॉन-टिकी (Kon-Tiki) अभियान, शायद सबसे अनूठी तरह से की गयी यात्रा है।

यह यात्रा, १९४७ में छ: व्यक्तियों द्वारा आदियुग की तरह बालसा लकड़ी से बनी नाव पर, समुद्र में ३७७० नॉटिकल मील (६९८० किलोमीटर) लम्बी की गयी यात्रा है। इसे कॉन-टिकी अभियान कहा गया क्योंकि नाव
का नाम कॉन-टिकी था। इसका नेतृत्व, थूर हायरडॉह्ल (Thor Heyerdahl) ने किया था। इस यात्रा संस्मरण के ऊपर बात करने से पहले, कुछ थॉर के बारे में।

थूर हायरडॉह्ल का जन्म ६-१०-१९१४ को लारविक, नॉरवे (Larvik, Norway) में और मृत्यु १८-४-२००२ को कोल्ला मिकेरी, इटली (Colla Micheri, Italy) में हुई। उनके पिता शराब बनाने वाले और मां वैज्ञानिक थीं। उसे बचपन में प्रांणि-विज्ञान (Zoology) में रूची थी पर बाद में उसने मानव शास्त्र (Anthropology) में काम किया। उसका मन पसन्द काम था नॉरवे के पहाड़ों की वीरानता में विचरना और वे सभ्यता से दूर जगह रहने की बात सोचते थे। वे, जब ऑसलो विश्वविद्यालय में पढ़ते थे तब उन्होंने अपनी महिला मित्र से पूछा,
'क्या तुम प्रकृति में रहना पसन्द करोगी।'
उसने कहा,
'यदि यह पूरी तरह से प्रकृति के बीच हो।'
दोनो ने शादी कर ली और वे पॉलीनीसियन (Polynesia) द्वीपों में से एक द्वीप Fatu Hiva (फातु हिवा) में रहने चले गये।

पॉलीनीसिया अर्थात बहुत सारे द्वीप। प्रशान्त महासागर में लगभग १००० द्वीप हैं। पॉलीनोसिया शब्द पहले इन सब द्वीपों के लिए प्रयोग होता था पर अब मुख्यत: हवाई (Hawai), न्यूजीलैण्ड (आईटीअरोआ Aotearoa) और ईस्टर आइलैण्ड (रापा नूई Rapa Nui) त्रिकोंण के बीच में आने वाले द्वीपों के लिए प्रयोग किया जाता हैं ।

Marguesas Island मार्गयुसा द्वीप समूह पॉलीनीसिया में आते हैं। फातू हिवा, इस द्वीप समूह का सबसे दक्षिणी द्वीप है। वहां के अनुभवों को, उन्होने फातू हिवा बैक टू नेचर (Fatu Hiva Back To Nature) नामक पुस्तक में लिपिबद्ध किया है।

उनका यह प्रयोग सफल नहीं रहा वे एक साल में ही वापस आ गये पर थूर हायरडॉह्ल को वहाँ रहने पर लगा कि पॉलीनीसियन द्वीपों में दो तरह के लोग आये हैं: एक दक्षिण पूर्वी से और दूसरे दक्षिण अमेरिका से। दक्षिण पूर्वी एशिया से लोगों के आने का सबूत था पर दक्षिण अमेरिका से आने वालों के लिये कोई सबूत नहीं था। थूर हायरडॉह्ल ने इस इस बात को सिद्घ करने की ठान ली। इसी को सिद्ध करने के लिये कॉन-टिकी से यात्रा की गयी थी। कैसे की थी यह यात्रा, क्या यह सफल रही - यह अगली बार।

थूर हायरडॉह्ल तथा पॉलीनीसिया के नक़्शे का चित्र विकिपीडिया से है और ग्नू मुक्त प्रलेखन अनुमति पत्र के अंतरगत है। बाकी सारी सामग्री मेरी शर्तों के अन्दर है।

सैर सपाटा - विश्वसनीयता, उत्सुकता, और रोमांच
भूमिका।। विज्ञान कहानियों के जनक जुले वर्न।। अस्सी दिन में दुनिया की सैर।। पंकज मिश्रा।। बटर चिकन इन लुधियाना।। कॉन-टिकी अभियान के नायक - थॉर।। । कॉन-टिकी अभियान।। स्कॉट की आखिरी यात्रा - उसी की डायरी से

Friday, October 05, 2007

ओपेन सोर्स की पाती - बिटिया के नाम

पापा,उत्तरी पश्चिमी कॅनाडा से दक्षिणी मध्य अमेरिका की यात्रा तो सुखद थी पर दोनो जगह के मौसम में अन्तर है। इसलिये ठीक तरह से व्यवस्थित होने में कुछ समय लगेगा।

यहां मुझे एक बढ़िया लैपटाप मिला है । मैने इसमें लिनक्स फेडोरा और विन्डोज एस.पी. दोनो डाले हैं पर मैं काम फिडोरा में ही करती हूं। विंडोज तो इसलिए डाला है कि यदि कभी जरूरत पड़े तो इसका प्रयोग कर सकूं। मुझे मालुम है कि आपको यह पढ़ कर अच्छा लगेगा,
इसलिये मैंने यह ई-मेल में लिखा है।

मेरा समय ज्यादातर काम में लग जाता है और मुझे अपना काम पसन्द है लेकिन मैं उपन्यास के लिये समय निकालना चाहती हूं। मैं सोने जाने से पहले हमेशा थोड़ा पढ़ती हूं - कुछ साहित्य से सम्बन्धित।

मैंने अभी दास्तोवेस्की (Dostoevsky) की क्राइम एण्ड पनिशमेंट (Crime and Punishment) पढ़ी है। मैं सोचती हूं
कि यह रोचक उपन्यास है। क्या आपने इसे पढ़ा है? यदि नहीं, तो पढ़ें - यह आपको पसन्द आयेगी। उसमें एक जगह लेखक, अपराध और अपराधी का वर्णन करता है और मेरे विचार से यह पुस्तक का सबसे अच्छा भाग है।

मां ने आपको, मेरी जर्मन सहेली के बारे में बताया होगा। वह मेरे साथ कॅनाडा में थी और अब वापस म्यूनिख चली गयी है। वह भारत में है और मैंने उसे आपका फोन और पता दे दिया है। शायद, उसे कभी आपकी जरूरत पड़े।

आप और मम्मी अच्छे होंगे। अपना ख्याल रखियेगा।
आपकी परी