Thursday, March 25, 2010

बात करनी होगी और चित्र खिंचवाना होगा - अजीब शर्त है

पूर्विका और पायल
इस श्रृंखला की पिछली चिट्ठी में शिमला माल रोड पर मिली कुछ प्यारी और कुछ ... लड़कियों से मिलवाने की बात की थी। इस चिट्ठी में उन्हीं के बारे में और कुछ सार्वजनिक आचरण की चर्चा है।

हम लोग शिमला में इंस्टिटयूट आफ एडवांस्ड् स्टडीज़ देखने के बाद पश्चात मालरोड गये थे। इसके बगल में एक सपाट मैदान है। इसमें महत्त्वपूर्ण और मीटिंग और उत्सव होते हैं। २६ जनवरी और १५ अगस्त की मीटिंग भी यहीं पर होती है। यह एक बहुत बड़ी सी जगह है। यहां पर बहुत से लोग घूम रहे थे। घोड़े भी चल रहे थे,और लोग खा रहे थे।

वहां पर कूड़ा फेकने के लिए कूड़ादान भी रखे हुये थे। वहां पर दो युवतियां भी थी वे खाती जा रहीं थी और वहीं पर फेकती जा रहीं थीं। मुझे यह देखकर बहुत दुख लगा कि जब कूड़ेदान हो तो जहां पर आप खा रहे हैं वहां पर फेंकने की क्या आवश्यकता है। ऐसा केवल वे ही नहीं कर रहीं थी पर कई अन्य लोग भी।

लेकिन शायद हम भारतीयों की यही निशानी है। हम लोग अपने घर तो बहुत साफ रखते हैं लेकिन उसका कूड़ा सार्वजनिक जगह पर फेंक देते हैं।
 
मेरा मन हुआ कि वहां जा कर, उनके सामने उसे उठा कर कूड़े दान पर फेंक कर आऊं। शायद वे तब इसका महत्व समझ पायें। लेकिन यह न कर सका। मेरे साथ के लोग न करने देते। अक्सर आप चाहते हैं कि आप किसी जगह बिलकुल अनजान हों पर यह हो नहीं पाता।  

सिक्किम यात्रा के दौरान इस तरह का तो नहीं पर दुख देने वाला एहसास हुआ था। इसे मैंने अपनी चिट्ठी 'क्या आप इस शख्स को जानते हैं?' चिट्ठी पर किया था।

यहां पर घूमते हुये, मेरी दो अन्य लड़कियों से मुलाकात हुई वे हाथ में गुलदस्ता लिये हुई थीं। उन्होंने  कहा,
'अंकल क्या आप एक फूल खरीदेंगे। हमें २ घन्टे के अन्दर २०० रूपया इकट्ठा करना है'।
मैंने कहा जरूर। लेकिन इसके लिये तुम दोनो को मुझसे बात करनी होगी और चित्र खिंचवाना होगा। उन्होंने एक दूसरे की तरफ देखा जैसे कह रहीं हो लगता कि कोई सिरफिरा है। अजीब शर्तें रख रहा है। लेकिन वे मान गयीं।

वे काफी देर तक बात करती रहीं। उन्होंने बताया,

'हमारा नाम पूर्विका और पायल है। हम जेपी सूचना प्रद्योगिकी विश्व विद्यायल में बायो इन्फोमेटिक में द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। हमारा विश्वविद्यालय बहुत अच्छा है। हमने आर्ट आफ लिविंग का कोर्स किया है। इसी में हमें यह कार्य करने के लिए दिया गया है।'
मैंने पूछा कि  बायो इन्फोमेटिक में क्या पढ़ाया जाता है उन्होंने कहा,
'इसमें हमें जेनोम (Genome) और इन्फॉर्मेशन आफ टेक्नालाजी के बारे में  पढ़ाया जा रहा है।'
मैंने उनसे जेनोम से संबन्धित दो बेहतरीन पुस्तकों   फ्रीमन डाइसन (Freeman Dyson) की 'द सन, जनोम, एण्ड द इंटरनेट' (The Sun, Genome and the Internet by Freeman J Dyson) और  जेम्स वाटसन (James Watson) डबल हेलिक्स (Double helix) की चर्चा की। मैंने पहली पुस्तक का जिक्र यहां और दूसरी पुस्तक की समीक्षा यहां की है। उन्होंने यह पुस्तक का नाम नहीं सुना था पर वायदा किया कि वे अपने पुस्तकालय से ले कर पढ़ेंगी। 

मेरे पूछने पर क्या वह लाईनेक्स  या ओपेन सोर्स में काम करती हैं । उनका कहना था ,
'हमने ओपेन सोर्स का नाम तो सुना है लेकिन उस पर काम नहीं करते। हमें इसके बारे में अगले साल बताया जायगा।'
मैंने उनसे एक गुलाबी रंग का फूल २५ रू. देकर खरीदा।

यह आप स्वयं तय कर लें कि युवतियों के दो ग्रुप में से कौन सा प्यारा ग्रुप हैं और कौन सा... ग्रुप है।

इस श्रृंखला की अगली कड़ी में, जाखू पर्वत पर हनुमान जी से मिलेंगे।


देव भूमि, हिमाचल की यात्रा
वह सफेद चमकीला कुर्ता और चूड़ीदार पहने थी।। यह तो धोखा देने की बात हुई।। पाडंवों ने अज्ञातवास पिंजौर में बिताया।। अखबारों में लेख निकले, उसके बाद सरकार जागी।। जहां हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे की बात हुई हो, वहां मीटिंग नहीं करेंगे।। बात करनी होगी और चित्र खिंचवाना होगा - अजीब शर्त है।। आप, क्यों नहीं, इसके बाल खींच कर देखते।।

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About this post in Hindi-Roman and Englishis chitthi mein shimla mein mal road per milee larkiyon se mulaakat kee aur sarvajanik jagah acharan charchaa hai. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about girls that I met on the mall raod in Shimla and public manners. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द
Shimla,
Himachal Pradesh,
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Hindi, हिन्दी,

6 comments:

  1. Yes, I agree with you..our civic manners are pathetic.

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  2. हमसे इस तरह लड़कियां नहीं मिलतीं - शायद हम बहुत खड्डूस लगते हैं! :-)

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  3. आपने उन्हें ये लिंक भेजा या नहीं ?

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  4. स्कैंडल पाईंट पर गये थे य नहीं -और यात्राओं में अप पने नाम को ही चरितार्थ करते हैं यानि उन्मुक्ततता ! हम तो केरल तक घूम आये और चाह कर भी आप सरीखे प्रस्ताव नही कर सके !

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  5. उन्मुक्त जी, पोस्ट बार को थोडा और चौड़ा कर लें ताकि लिंक विदिन विजेट ठीक से फिट हो जाये. इससे ब्लौग की दर्शनीयता भी बढ़ जाएगी.
    दो के बजाय एक ही साइडबार रख लें. दो बार के बीच में पोस्ट फंसी-सी लगती है.

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  6. this is a great post ,
    i just wants to say thanks for creating such a nice blog .

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