इस चिट्ठी में चर्चा है कि, हार्डी को रामानुजन का पत्र मिलने के बाद, क्या हुआ।
जॉन इंडेनसर लिटिलटुड - चित्र लंडन मैथमेटिकल सोसायटी के सौजन्य से |
जॉन इडेंनसर लिटिलवुड, कैम्ब्रिज विश्विवद्यालय में, हार्डी के सहयोगी थे। वे १९०५ में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से सीनियर रैंगलर थे। गणित के क्षेत्र में, जितना हार्डी और लिटिलवुड ने साथ काम किया है, उतना किसी अन्य दो गणितज्ञों ने नहीं। हांलाकि बाद में, हार्डी-रामुनजन का किया काम ज्यादा प्रसिद्ध हो गया।
रामुनजन का पत्र मिलने के बाद हार्डी ने सुबह तो उसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया था। लेकिन दिन भर वे समीकरण हार्डी के दिमाग पर छाये रहे तब शाम को उसने, पत्र को पुनः पढ़ा और लिटिलवुड को खबर भिजवायी, कि रात के खाने के बाद वे मिलकर, रामानुजन के पत्र के बारे में बात करेंगे।
बट्रैन्ड रसेल - चित्र विकिपीडिया से |
बर्ट्रैन्ड रसेल (Bertrand Russel) २०वीं शताब्दि के जाने माने गणितज्ञ और दार्शनिक थे। उस समय उनका प्रेम प्रसंग औटोलाइन मॉरेल (Lady Ottoline Morrell) के साथ चल रहाथा । रसैल ने २ फरवरी १९१३ को, मॉरेल को लिखे पत्र में लिखा,
लेडी मॉरेल - चित्र विकिपीडिया से |
'… In Hall I found Hardy, and Littlewood in a state of wild excitement, because they believe they have discovered a second Newton, a Hindu Clerk in Madras on £20 a year. He wrote to Hardy telling of some results he has got, which Hardy thinks quite wonderful, especially as the man has had only an ordinary school education. Hardy has written to the Indian Office and hopes to get the man here at once. It is private at present. I am quite excited hearing of it. …'
हॉल [यहां ट्रिनटी में लोग खाना खाते थे] में, मैंने हार्डी और लिटिलवुड को डत्तेजित अवस्था में पाया। क्योंकि उनके मुताबिक उन्हें दूसरा न्यूटन ,मिल गया है। वह, मद्रास में २०£ सालाना पर काम करने वाला एक हिन्दू कलर्क है। हार्डी के अनुसार जिस व्यक्ति ने उच्च शिक्षा न प्राप्त की हो उसके लिये उसने आश्वर्यजनक काम किया है। हार्डी ने इंडियन हाउस को उसके बारे में लिखा है वह उसे यहां बुलवाना चाहता है। यह बात अभी गुप्त है मैं भी इस खबर से उत्साहित हूं।
यदि आप रामनुजन से संबन्धित पत्र, उनके द्वार लिखे पत्र, और उनके जवाब टिप्पणि के साथ पढ़ना चाहें तब ब्रुस बॉरंड्ट (Bruce C. Berndt) और रॉबर्ट रेंकिन (Robert A Rankin) की हिस्टरी ऑफ मैथमैटिक्स की ९वीं पुस्तक (History of Mathematics Volume-9) रामानुजन लेटेरस् एण्ड कमेन्टरी (Ramanujan Letters and Commentary) पढ़िये।
रामनुजन के पत्र में बहुत सारे प्रमेय और समीकरण थे। लेकिन उसमें एक ऐसा था जिसे समझने के बाद, हार्डी और लिटिलवुड को लगा कि उन्हें दूसरा न्यूटन मिल गया है और रामानुजन विलक्षण प्रतिभा का व्यक्ति है। यह वही डाइवर्जेन्ट श्रंखला के प्रमेय और समीकरण थे जिनके बारे में, हिल ने ग्रिफिथ को पत्र में लिखा था कि रामनुजन, गणित की मुश्किलों में फंस गये हैं।
यह कौन से प्रमेय या समीकरण थे, इसे क्यों हिल नहीं समझ पाये, इसमें क्या बात थी कि हार्डी और लिटिलवुड को लगा कि उन्हें दूसरा न्यूटन मिल गया है। इसे जानने के पहले, कुछ गणित को समझें। गणित का नाम सुन कर घबराइये नहीं, आपको सब समझ में आयेगा।
अगली बार कुछ चर्चा अभाज्य अंकों की।
अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन
भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।। रामानुजन को भारत में सहायता।। रामानुजन, गणित की मुशकिलों में फंस गये हैं।। दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे।। दूसरा न्यूटन मिल गया है।। अभाज्य अंक अनगिनत हैं।।
सांकेतिक शब्द
। Godfrey Harold Hardy, John Edensor Littlewood, Bertrand Russell, Lady Ottoline Morrell,। Srinivasa-Ramanujan,
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प्रतिभाओं को पहचानना अंकों की गति पहचानने जैसा ही है..
ReplyDeleteरोचक संस्मरण!
ReplyDeleteअब सोचिये अगर रामानुजन यहीं भारत में रह गए होते तो अब तक गुमनाम ही रहते भले ही उम्रदराज हो गए होते।।।।
ReplyDeleteभारत में प्रतिभाओं की कद्र कब रही ? यह शोध का विषय है!
जल्दी से लिखिये अगली कड़ी.
ReplyDeleteTill now i was knowing Bertrand Russell more of as a philosopher & logician . After reading this post came to know he was mathematician too. Thanks for this post .
ReplyDeleteWhat a coincident ! Bertrand Russell died on 02 Feb 1970 . Same date on which this post is published having a brief narration of him .
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