इस चिट्ठी में, रामानुजन के प्रारंभिक जीवन के बारे में, चर्चा है।
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रामनुजन के सम्मान में निकाल गया स्टैम्प एवं प्रथम दिवस लिफाफा |
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श्रीनिवास रामानुजन का जन्म २२ दिसम्बर, १८८७ को अपनी ननिहाल कोयंबटूर के ईरोड नामक गांव में हुआ था। लेकिन उनका बचपन कुम्बकोणम शहर में बीता। उनके पिता साड़ी की एक दुकान में मुंशी थे तथा मां अक्सर शाम को मंदिर में गाती थी।
रामानुजन की मां ज्योतिष में विश्वास रखती थी। उनकी मां के अनुसार, उनकी जन्म पत्री में दो बातें थी,
- पहली, वह एक दिन वह नाम कमायेगा लेकिन उसकी उम्र कम रहेगी, या
- दूसरी वह अपना पूरा जीवन साधारण व्यक्ति की तरह जियेगा।
कुम्बकोणम में रामानुजन का घर - चित्र विकिपीडिया से |
एक बार जब वह तीसरी कक्षा के विद्यार्थी थे तब उसके अध्यापक उसे बता रहे थे कि किसी भी नम्बर को उसी नम्बर से भाग दिया जाए तो एक मिलेगा। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया, कि यदि तीन आम को तीन लोगों में बाँटा जाए तो प्रत्येक को एक आम मिलेगा। इस पर रामानुजन ने उससे पूछा,
'क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर भी एक मिलेगा? यदि शून्य आम, शून्य लोगों को बांटे जांय तो क्या प्रत्येक को एक आम मिलेगा?'सच तो यह है कि वह प्रति भूत निर्धारित (Indeterminate) के बारे में बात कर रहे थे जो कि इण्टर की कक्षा में पढ़ाया जाने वाला विषय था। रामानुजन उच्च शिक्षा से वंचित रह गये थे। इसलिए उन्होंने बहुत से गणित के प्रमेय स्वयं सिद्ध किये जो कि बहुत पहले सिद्ध किये जा चुके थे।
इस श्रृंखला में, रोचक नंबरों की भी चर्चा करने की बात है। इसलिये इस श्रृंखला की अगली कड़ी में एक अन्य गणितज्ञ दत्तात्रय रामचंद्र कापरेकर और उनके द्वारा निकाले कुछ रोचक नंबरों की चर्चा करेंगे।
अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन
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सांकेतिक शब्द
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अति-बुद्धिमान छात्रों का सामान्य विद्यालयों में सामान्य छात्रों व शिक्षकों के बीच होना एक अति कष्टकारी और संघर्षमय अनुभव है। रामानुजम जैसे कुछ प्रतिभाशाली फिर भी नज़र आ जाते हैं, न जाने कितने ऐसे असामान्य छात्रों की प्रतिभा दबी कुचली और अज्ञात ही रह जाती है।
ReplyDeletethik hai ...... hum ba-raste apke ankho ka khel dekhna chahenge........
ReplyDeletepranam.
शून्य से अनन्त का रास्ता खुलता है।
ReplyDeleteSHANDAR .
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteधन्यवाद जी
बहुत अच्छा लगा श्रीनिवास रामानुजन
ReplyDeleteKisi bhi sankhya me 0 se multiply karne par 0 kyo aata hai??????!!?
ReplyDeleteयह सच नहीं है कि किसी भी संख्या को शून्य से गुणा करने पर शून्य आता है। यदि आप शून्य को अनन्त से गुणा करेंगे तब उसका फल शून्य नहीं होता है। न ही अनन्त को अनन्त से भाग देने पर एक आता है। इनका फल अनिश्चित होता है। यह कुछ प्रति भूत निर्धारित (Indeterminate) से संबन्धित है।
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