बर्लिन गेट पर एक युगल प्रेमी
मैं सबसे पहली जगह बर्लिन गेट पर उतरा। यह १४ गेटों में से एक है जहां पर टैक्स की बसूली की जाती थी। यहां पर अलग तरह के रिक्शे हैं जिस पर लोग चढ़कर आस-पास की जगह घूमने जाते हैं। कुछ रिक्शों को लड़कियां चलाती दिखीं।
बर्लिन के रिक्शे
बर्लिन गेट के बगल में जर्मनी की संसद है। मैं इसके बगल और पीछे गया। मैं सामने इसलिये नहीं गया क्योंकि इसमें कुछ समय लगता और मैं बाकी जगह भी घूमना चाहता था इसलिये वापस जहां से बस मिलने वाली थी वहां पर वापस आ गया।
जर्मन संसद, पीछे और एक तरफ का हिस्सा
सू - सू करने के लिये ३० रूपये देना - कुछ ज्यादा ही लगा पर यदि न देता तो ज्यादा मुश्किल पड़ती। इसलिये पैसे देकर सुविधा का प्रयोग किया।
मैं वहां पर बर्लिन टावर भी देखने गया। रात के समय सारा बर्लिन बहुत सुन्दर लगता है। मुझे लगा कि यूरोप के मुख्य शहरों में टावर बनाने का चलन है। वियान में भी इस तरह की टावर है। मैं बर्लिन टावर पर टॉयलेट भी जाना चाहता था, पता चला कि इसके लिए ५० सैन्ट देने पड़ेगें यानी कि लगभग ३० रूपये। सू - सू करने के लिये ३० रूपये कुछ ज्यादा ही लगे पर यदि न देता तो ज्यादा मुश्किल पड़ती इसलिये पैसे देकर सुविधा का प्रयोग किया।
बर्लिन टावर
रास्ते में घूमते हुऐ, रात्रि में मनोरंजन की जगहों और साधनों के बारे में, कई जगह पोस्टर दिखायी पड़े, उनका निमंत्रण मिला। मुन्ने की मां की याद आ गयी और मैंंने नजर दूसरी तरफ कर ली :-)
वहां पर मैक्डॉनाल्ड, पीट्जा शॉप भी है पर मैं वहां जाना ठीक नहीं समझा। मैं एक जर्मन ढ़ाबे पर पहुंचा। कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या लूं। वहां कि महिला को अंग्रेजी ठीक से नहीं आती थी। उसने मुझे बतख का मांस, डबलरोटी, चटनी के साथ खाने के लिए कहा। भूख बहुत जोरों से लगी थी सब अच्छा लगा। खाकर वापस आया अगले दिन मुझे वियाना जाना था और सामान लगाते ही मेरी आंख भी लग गयी।
बर्लिन यात्रा समाप्त हुई। अगली बार हम लोग वियाना चलेंगे। वहां मिलेंगे सिस्टरों से, लियाना से, और लीसा से। सिस्टरों से? जी हां, मैं वहां सिस्टरों के साथ ही एक कॉन्वेंट में ठहरा था। लीसा मुझे बहुत प्यारी लड़की लगी। उससे मेरी अक्सर ई-मेल पर बात होती है और आने वाले समय में कुछ उसकी ईमेल की चर्चा भी करेंगे।
बर्लिन-वियाना यात्रा
जर्मन भाषा।। ऑस्ट्रियन एयरलाइन।। बीएसएनएल अन्तरराष्ट्रीय सेवा - मुश्कलें।। बर्लिन में भाषा की मुश्किल।। ऑफिस, स्कूल साइकिल पर – स्वास्थ भी बढ़िया, पर्यावरण भी ठीक।। बर्लिन दीवार का टूटना और दिलों का मिलना।। भारतीय सभ्यता, संस्कृत, और उपनिषद के जर्मन विद्वान – मैक्स मुलर।। खूबसूरत शहर बर्लिनहिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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यह पोस्ट मेरी बर्लिन यात्रा का संस्मरण है और बर्लिन शहर में घूमने की जगहों के बारे में है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें। yah post berlin yatraa kaa sansmranna hai aur Berlin shahar mem ghoomane ke sthaano ke baare men hai. yah hindee {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post is part my travel to Berlin and is about What to see in Berlin city. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
सांकेतिक शब्द
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मैं जर्मनी में दो साल रहकर भी बर्लिन नहीं जा पाया, इसका अफसोस बराबर रहेगा। आपका यात्रा वृतांत पढ़ने के बाद पुरानी कचोट फिर ताजा हो गई।
ReplyDeleteइसी तरह आप बर्लिन की यात्रा का रोचक विवरण देतें रहें।
ReplyDeleteबर्लिन का रिक्शा बहुत अच्छा लगा।
उन्मुक्त जी, अभी जर्मन मे हो तो मुझे email करो,वर्ना जब भी कभी यहा आओ जरुर मिलना,मुझे खुशी होगी.
ReplyDeleteमजेदार,बत्तख का मांस कैसा लगा ?
ReplyDeleteमुन्ने की मां की याद आ गयी और मैंंने नजर दूसरी तरफ कर ली :-)
ReplyDeleteगुड!
ये रिक्शे तो लाजवाब हैं, मर्स्डीज़ बनाती है या बी एम डब्ल्यू?