Friday, April 27, 2012

चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका

इस चिट्ठी में, नैनीताल के, चिड़ियाघर की चर्चा है।
चिड़ियाघर में पिकनिक मनाते लोग

नैनीताल की पिछली ट्रिप में, हम लोग अल्का होटल में ठहरे थे और वहां से चिड़िया घर भी देखने गये थे। चिड़िया घर देखने जाने में, हम लोगों बोट कर मल्लीताल गये और वहां से पैदल चिड़िया घर गये थे। इस बार भी जब मैंने भी पैदल चिड़िया घर देखने जाने की बात की तब मेरे मित्र ने कहा सलाह दी कि हमें कार से ही जाना चाहिए।

हम लोग कार से ही चिड़िया घर गये। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि कैसे उस समय हम पैदल जा पाये थे। वहां तक पहुंचने में काफी मेहनत  लगती है और चिड़िया घर में भी, ऊपर नीचे काफी चलना पड़ता है।

चिड़िया घर में काफी जानवर हैं और उन्हें देखने का मज़ा भी अलग आया। चिड़िया घर की सबसे अच्छी बात यह थी कि अलग अलग जानवरों के पिंजड़ो के बाहर लिखा हुआ था कि इस पिंजड़े के जानवर को किसने एक साल के लिए गोद ले रखा है जो व्यक्ति किसी जानवर को गोद लेता है उसे एक साल तक उसका ख़र्चा उठाना पड़ता है।

आजकल अधिकतर चिड़ियाघर ठीक से नहीं चल पा रहे हैं क्योंकि उन्हें  इतना पैसा नहीं मिल पाता है। इसीलिए बहुत से चिड़ियाघरों में अलग अलग जानवरों का, अलग अलग लोगों से पैसा लेकर उनके नाम से बाहर एक बोर्ड लगा देते हैं। मेरे विचार से चिड़िया घर चलाने के लिए यह बहुत अच्छा तरीका है। 

वहां पर कुछ बड़े बड़े जानवरों को कुछ कंम्पनियों ने गोद ले लिया है लेकिन जो छोटे छोटे जानवरों को जिनका खर्च चलाने में कम पैसों की जरूरत है इन्हें व्यक्तियों ने गोद ले रखा था। मुझे लगा कि इस चिड़िया घर की सफलता का राज यही है।

नैनीताल में कई प्रसिद्ध स्कूल हैं। चिड़िया घर एक पहाड़ी पर है। सामने की पहाड़ियों पर उन सारे स्कूल को देखा जा सकता है। मेरे कई मित्र और उनकी पत्नियां वहीं की पढ़ी हैं

सामने की पहाड़ी पर राज भवन और स्कूल

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Nainital, zoo,
Kumaon,
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3 comments:

  1. हाँ जानवरों को गोद लेने का विचार अच्छा है !

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  2. गोद लेने का विचार बहुत ही अच्छा है, इस तरीके से चिड़ियाघर और प्रजातियाँ बची रहेंगी।

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  3. विचार अच्छा है !

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आपके विचारों का स्वागत है।