इस चिट्ठी में, नैनीताल के फ्लैट में ऊठाये लुत्फ़, की चर्चा है।
फ्लैट पर रेशमा और अनिल |
नैनीताल झील में नौका विहार करने के बाद हम लोग वहां पर फ्लैट में घूमने के लिए गये। वहां पर मेरी मुलाकात रेशमा और अनिल नामक दम्पत्ति से हुई। अनिल चप्पल को ठीक करने तथा जूते में पालिश करता था। रेशमा कुछ पोस्टर को बेच रही थी। उन्होंने बताया,
'हम लोग अलीगढ़ से आये हुए हैं और सीज़न के समय यहीं रहते है। हमने एक कमरा ले रखा है और फ्लैट में ऎसे ही बैठकर जूते ठीक करते हैं और पोस्टर बेचते हैं।'मैंने रेशमा से पूछा कि तुम कितने पोस्टर बेच लेती हो। उसने बताया,
'मैंने सुबह से पांच सौ पोस्टर बेचे हैं।'मुझे आश्चर्य लगा, क्योंकि जितनी देर मैं वहां रहा तब तक उससे किसी ने एक भी पोस्टर नही ख़रीदा था। मैंने पूछा कि जब नैनीताल में नहीं रहते हो तब क्या काम करते हो। रेशमा ने बताया,
'अनिल, अलीगढ़ में वही काम करता है जो यहां पर कर रहा है।'मैंने उनका एक चित्र लेने की इच्छा जाहिर की और जब उनसे पास में बैठने के लिए कहा तो रेशमा कुछ शर्मा गयी। लेकिन बाद में अपने पति के साथ बैठ कर चित्र भी खिंचवाया।
फ्लैट पर तरह तरह की दुकानें लगी हुई थी - अगली बार कुछ चर्चा उसके बारे में।
जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं
जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।। नैनीताल झील की सफाई के अन्य तरीके।। पास बैटने को कहा, तो रेशमा शर्मा गयी।।
सांकेतिक शब्द
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दोनों की मुस्कान यूँ ही बनी रहे।
ReplyDeleteपोस्ट थोडा सा और बढायें -कम से कम एक पैराग्राफ और ....बहुत अल्प समय की अपूर्ण लगता है पाठ !
ReplyDeleteजिसे , रोजी रोटी जहाँ से भी मिले ! अनिल और रेशमा को लुत्फ़ उठाते पर्यटकों की वज़ह से पेट पालने का मौका मिलता है ! यही ज़िन्दगी है !
ReplyDeleteआपका संस्मरण पढ़कर अच्छा लगा ! संभव है , अरविन्द जी ने कहने में संकोच किया हो ! आलेख के शीर्षक में 'बैटने' को 'बैठने' किया जाना चाहिए और फोटो कैप्शन में "नैनीताल में के फ्लैटस्" में से "में" को हटा दिया जाए तो आलेख पढ़ते वक्त खटकेगा नहीं ! आलेख की लय इस वज़ह से टूटती है !
सैयद जी, धन्यवाद। गलती सुधार ली।
Deleteजी ,धन्यवाद !
Deletepati ke paas baithne main hindustaani naari ki sharm laazmi hai
ReplyDeleteनाम से लगता है इनका प्रेम विवाह हुआ होगा फिर भी साथ फोटो खिचानें में संकोच को महसूसना अच्छा लगा.
ReplyDelete' नैनीताल के फ्लैट्स' ...मतलब ? रहने वाले रेजिडेंशियल फ्लैट्स .....?
ReplyDeleteमाफी चाहूंगा। मैंने गलत शब्द का प्रयोग किया था। सही शब्द 'फ्लैट' (flat) है। मैंने गलत शब्द फ्लैटस् का प्रयोग किया। झील के बगल समतल मैदान है। जिसके लिये फ्लैट शब्द का प्रयोग होता है। गलती की तरफ ध्यान दिलवाने के लिये, शुक्रिया।
Deleteलेख छूता ही सही ... परन्तु दिल को छू गया ...... साथ ही इसमें उन्मुक्त जी के हृदय की कोमलता भी महसूस की जा सकती है......धन्यवाद!!!
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