Friday, July 25, 2014

पर्यावरण एवं प्रदूषण - भूले हुए उपचार

इस चिट्ठी में, पर्यावरण एवं प्रदूषण के  बारे में, न्यायालयों में लिये जा सकने वाले कुछ भूले हुए उपचारों की चर्चा है।

बहुत सारे उपचार हैं, जो कि जिला स्तर पर उपलब्ध हैं। यह स्थानीय निवासियों की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करते हैं और अधिक प्रभावी हो सकते हैं। हम लोग इनका प्रयोग  करना भूल गये हैं।  हमें इनका उचित उपयोग करना चाहिए। इन उपयोगों को, उच्चतम न्यायालय ने कचरूलाल भागीरथ अग्रवाल विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य (२००५) ९ एससीसी ३६ (कंडिका-१०) में भी स्पष्ट किया है।

  1. दण्ड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) के अध्याय-१० के 'बी-लोक उपताप' की धारा १३३-१४३, एवं 'सी-उपताप और संभावित खतरे के त्वरित मामले' की धारा १४४। इस बारे में रतलाम म्यूनिसिपलिटी बनाम वर्धीचन्द ए.आई.आर. १९८० एस.सी. १६२२ महत्वपूर्ण है। इस प्रकरण में रतलाम में गंदी बस्तियां थीं। वहां न तो सार्वजनिक शौचालय थे और न ही नालियां इत्यादि। यह परेशानी उत्पन्न कर रहा था। सब-डिविजन अधिकारी रतलाम ने, धारा १३३ दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत यह अवधारित किया कि इस परेशानी को दूर करना म्यूनिसिपलिटी का कर्त्तव्य और उसने इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी किए। इसे जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा उलट दिया परन्तु उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थिर रखा गया।
  2. भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code) के अध्याय XIV के अन्तर्गत आपराधिक अभियोPublic Interest Litigation (PIL),जन (लोक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा एवं सदाचार को प्रभावित करने वाले अपराध) की धारा २६८-२९४-ए के अन्तर्गत फौजदारी की कार्यवाही।
  3. व्यवहार प्रक्रिया संहिता (Civil Procedure Code) की धारा ९१ के अन्तर्गत जनता को प्रभावित करने वाले लोक उत्पात और अन्य गलत कार्यों से संबंधित वाद।
  4. व्यवहार प्रक्रिया संहिता के आदेश १ नियम ८ के अन्तर्गत प्रतिनिधि वाद।
हम लोग किस प्रकार अच्छे पर्यावरणविद हो सकते हैं इसकी चर्चा अगली बार करेंगे।
 
उन्मुक्त की पुस्तकों के बारे में यहां पढ़ें। 

हरित पथ ही राजपथ है      
भूमिका।। विश्व पर्यावरण दिवस ५ जून को क्यों मनाया जाता है।। टिकाऊ विकास और जनहित याचिकाएं क्या होती हैं।। एहतियाती सिद्घांत की मुख्य बातें क्या होती हैं - वेल्लौर केस।। नुकसान की भरपाई, प्रदूषक पर - एन्वायरो एक्शन केस।। राज्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षणकर्ता है।। वन, वृक्ष, और जैव विविधता का संरक्षण - आवश्यक।। जोखिम गतिविधि - पीड़ित मुआवजा का अधिकारी।। पर्यावरण, न्यायालय और सिद्धान्त।। पर्यावरण एवं वन्य जीवों पर अधिनियम।। पर्यावरण, प्रदूषण, वन, वन्य जीवों एवं जैव विविधता - अधिनियम एवं समबन्ध।। पर्यावरण एवं प्रदूषण - भूले हुए उपचार।।


About this post in Hindi-Roman and English
This post, in Hindi (Devanagari script) talks about proceeding that can be taken at the local level for improving environment and control pollution. You can read it in Roman script or any other Indian regional script as well – see the right hand widget for converting it in the other script. 

hindi (devnaagree) kee is chitthi mein, paryavarn evam pradushn ke bare mein nyayalayon mein staneeya ster per liye ja sakne vale upcharon kee charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

3 comments:

  1. इस समस्या का हल सबकी भागीदारी से ही हो सकता है

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  2. Anonymous5:11 pm

    Good to know that India Penal Code has actions against लोक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा एवं सदाचार को प्रभावित करने वाले अपराध .
    i was doubtful if IPC really have any written actions against any other crime apart from murder , rape , bribe ...seems like IPC is really a rich encyclopedia . -- thanks for the post.

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  3. अच्छी जानकारी

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