इस चिट्ठी में, कोरोना को ठीक करने में, कॉन्वलेसन्ट प्लाज़्मा थेरेपी या स्वास्थ्य लाभ देने वाली प्लाज़्मा चिकित्सा की चर्चा है।
चित्र पूनम मित्तल की फेसबुक की टाइम्लाइन से डा. मुकुल चंद्रा को प्लाज़्मा दाता मिल गया है और उनकी हलात में सुधार हो रहा है |
'उन्मु्क्त जी हम तो समझे थे कि आप १९५६ में बनी, जौनी वौकर और अनीता गुहा की फिल्म 'छूमंतर' का गाना सुनवायेंगें या फिल्म दिखायेंगे पर आप तो मालुम नहीं कहां से प्लाज़्मा की बात करने लग गये।'मोटे तौर में, हमारे खून के तीन भाग होते हैं:
- पहला, लाल कोशिका (रेड ब्लड सेल) - यह फेफड़े से आक्सीजन लेकर, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ले जाता है;
- दूसरा, सफेद कोशिका (व्हाइट ब्लड सेल) - यह शरीर को संक्रामक रोगों से बचाता है। जब आपको कोई संक्रामक रोग होता है तो उससे निजात पाने के लिये सफेद कोशिकायें, प्रतिपिंड या एंटीबॉडी बनाती हैं। यदि आपके के शरीर में प्रयाप्त मात्रा में एंटीबॉडी हैं तब आप वाइरस या संक्रामक रोग से निजात पा लेंगे अन्यथा नहीं;
- तीसरा, प्लाज़्मा - यह वह पीला द्वव्य है जिसमें लाल और सफेद कोशिकायें रहती हैं।
टीका या वैक्सीन, संक्रामक रोग से बिमार होने से पहले, उससे लड़ने के लिये, आपको तैयार करता है। मोटे तौर पर इसमें एक एजेंट होता है, जो रोग पैदा करने वाले वाइरस से मिलता-जुलता होता है। इसे वाइरस के कमजोर या मारे गए रूपों से बनाया जाता है। यह शरीर में जा कर, वाइरस से लड़ने के लिये पहले से ही एंटीबॉडी बनाता है ताकि जरूरत पड़ने पर, आपका शरीर उस बिमारी से लड़ सके।
एंटीबॉडी, प्लाज़्मा में रहते हैं। यदि कोई किसी संक्रामक रोग से ठीक हो गया हो और उसके खून से लाल और सफेद सेल को निकाल दें तो बचे प्लाज़्मा में, उस संक्रामक रोग से लड़ने के लिये प्रयाप्त मात्रा में एंटीबॉडी होते हैं। यह किसी अन्य को, उस संक्रामक रोग से ठीक कर सकता है। इसमें ध्यान देने की बात है कि यह किसी जानवर से भी लिया जा सकता है और इसमें खून के ग्रुप का चक्कर नहीं है। सांप काटने या पागल जानवर काटने की दवा, घोड़ों को सांप का जहर, या रेबीज़ का इंजेक्शन देकर उनके प्लाज़्मा से बनायी जाती है।
कोरोना को ठीक करने में अभी तक न ही कोई वैक्सीन बन पायी है न को दवा। इसलिये इसको ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है यह है कि जो लोग ठीक हो गयें हों उनके खून से प्लाज़्मा निकाल कर कोरोना रोगी को दिया जाय। यही कान्वलेसन्ट प्लाज़्मा थेरेपी या स्वास्थ्य लाभ देने वाली प्लाज़्मा चिकित्सा है।
बिमारी को ठीक करने का, यह कोई नया तरीका नहीं है। पिछले सौ वर्षों से अधिक समय से, इसे अलग-अलग बीमारियों पर आजमाया गया है। इसी शताब्दि में, इसे इबोला, सार्स, मेर्स, और स्वाइन फ्लू जैसे रोगों पर भी अजमाया गया। कोरोना के लिये, इसे छुट-पुुट केसों में चीन, अमेरिका और जर्मनी में अपनाया गया जहां सफलता भी मिली। लेकिन, अभी तक यह तरीका पूरी तरह से सिद्ध नहीं हो पाया है। हांलाकि एमआईटी टेक्नॉलोजी रिव्यू की यह रिपोर्ट इस तरीके को सिद्ध मानती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड के रोगियों के इलाज के लिए, इसे मंज़ूरी दे दी है। आशा है कि यह खरी उतरेगी।
'उन्मु्क्त जी, आप तो हद करते हैं। मालुम नहीं क्या शीर्षक देकर चिट्ठे पर बुलाते हैं। फिर मालुम नहीं क्या बताने लग जाते हैं।'हमारे देश में, कोरोना से मौतें कम हुई है और ज्यादातर लोग ठीक हुऐ हैं। तबलीगी जमात के द्वारा कुछ गलतियां नेकनियती से हो गयीं। इसी के कारण, बहुत से लोगों को कोरोना हो गया। यही हाल बंगलादेश या पाकिस्तान का है। जाहिर है, इसी जमात के लोग सबसे अधिक ठीक भी होंगे। यही हमें प्लाज़्मा देगें - कोरोना से निजात का कारण भी यही बनेगें। यदि इन्होंने हमें दर्द दिया है, तो दवा भी यही देगें।
हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और बंगला देश में रहने वाले, चाहे किसी धर्म के हों, उनमें एक ही खून दौड़ता है, उनकी भाषा हमारे यहां और हमारी भाषा वहां बोली जाती है। मालुम नहीं हम क्यों अलग हो गये और हो भी गये, तो मालुम नहीं क्यों आपस में ही, मर-कट रहे हैं।
बीबीसी का यह विडियो भी प्ला़ज़्मा थेरेपी को समझाता है।
सांकेतिक शब्द
। Antiserum,
। संस्कृति, संस्कार, जीवन शैली, समाज, कैसे जियें, जीवन, दर्शन, जी भर कर जियो, तहज़ीब,
#CoronaVirusIndia #ConvalescentPlasmaTherapy #HindiBlogging #हिन्दीब्लॉगिंग
यदि आप जौनी वॉकर की छूमंतर फिल्म गाना सुनने चिट्ठी पर आये तो आप उसे यहां सुन सकते हैं
ReplyDeleteSir, I got this link from Hon. Ju. Zaidi. Very nice and positive article with scintific information. Thanks sir��
ReplyDeleteआप कौन हैं। अपना नाम या परिचय तो लिखें।
Delete