Friday, April 17, 2009

सर, पिछली रात, आपने जूस का पैसा नहीं दिया

साउथ अफ्रीका की यात्रा विवरण की इस कड़ी में, पिलग्रिम रेस्ट (साउथ अफ्रीका) की चर्चा है।

हम लोग दोपहर तक पिलीग्रीम्स रेस्ट (Pilgrim's Rest) पहुँचे। यह जगह वर्ष १८७३ मे प्रसिद्व हो गयी थी क्योंकि यहां पर  खोदने पर सोना मिला। यहाँ पर जगह जगह से लोग सोना खोदने आने लगे। यह साउथ अफ्रीका में सोने की खादानो में, सबसे ज्यादा सोना पैदा करने वाली खदान बना।  यह १९७२ तक चलता रहा। शुरू में, लोग अकेले आकर सोना खोदने  का काम करतें थे लेकिन बाद में १८९६ में, ट्रांसवाल गोल्ड माईनिंग स्टेट  ( Transvaal Gold Mining Estate) नामक   कम्पनी बनी।  उनके पास खदानो की जगह और यह कस्बा भी  फ्रीहोल्ड में था। वर्ष १९७१ में इस कम्पनी ने इस कस्बे को सरकार को  वापस  स्थानान्तरित कर दिया। यह पूरा कस्बा   ऎतिहासिक धरोहर घोषित कर दिया गया है।  पूरे कस्बे को ही राष्ट्रीय सग्रंहालय बना दिया गया है और इसे देखने के लिए लोग आते हैं।  यहाँ पर कई संग्रहालय हैं।
 
यहाँ पर हम लोग रॉयल होटल में ठहरे। जब हम वहां  चेक-इन कर रहे थे उस समय बहुत सारे पर्यटक इसकी फोटो खींच रहे थे।  मैंने उनसे पूछा,
'आप इतने चित्र क्यों खींच रहे हैं? क्या आप  यहां ठहरे हुए हैं?
उन्होंने कहा, 
'हम यहां नहीं ठहरे हैं पर इसके चित्र इसलिए  ले रहे हैं क्योंकि न केवल यह बहुत सुन्दर है पर इसका ऎतिहासिक महत्व भी है।'
मुझे यह समझ में नहीं आया क्योंकि वास्तव में यह किसी अन्य होटल जैसे ही था। उसके बाद जब कमरे में आया तो वहां कुछ चौपन्ने थे जिसमें होटल का इतिहास लिखा था। उन्हें पढ़ कर ही, इस होटेल का महत्व समझ में आया। यह १८९५ में,  उन लोगों की सुविधायें देने के लिए बनाया गया जो वहां पर सोना खोदने के लिए आ रहे थे।
मैंने यहां पर इनके कमरे और इसकी जगहों को देखना शुरू किया तो पाया कि इसकी  सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका रख रखाव  पुरानी तरह से ही किया जा रहा है। लगता है कि  १०० साल के पहले लोग छोटे छोटे कमरों में रहते थे। कमरे और  बाथरूम  के बीच में केवल एक पर्दा पड़ा हुआ था। सारे कमरे इसी प्रकार के थे। शायद  उस समय इस तरह से लोग रहते रहे होगें। इनके बाथरूम मे साबुन रखने का तरीका भी नयाब था। अधिकतर होटल मे साबुन द्रव्य रूप में होता है और प्लास्टिक की छोटी-छोटी शीशियों में मिलता है। यहां का साबुन कागज के पैकेट में था और साबुन के ऊपर हल्का गुलाबी रंग का रिबन लगा हुआ था। यहां पर शैम्पू की छोटी छोटी बोतले नहीं थी पर एक बड़ी बोतल थी जिसमें कार्क लगा हुआ था।  पुराने समय में इसी  तरीके से साबुन या शैम्पू रखे जाते रहे होगें। होटल वाले इस कोशिश में लगे थे कि इस होटल को उसी  वातावरण में रखा जाए जो कि उसके बनने के समय था।


यहाँ पर हम लोगों ने चार संग्रहालय देखे।
  • पहला, पिलीग्रीम न्यूज़ संग्रहालय था। इसमें वहाँ के  छपाई का इतिहास था।
  • दूसरा, गैरेज संग्रहालय है।  इसमे वह वाहन भी था जिससे सोना  निकालने के बाद ले जाया जाता था। कई पुरानी कारें भी थी।
  • तीसरा हाऊस संग्रहालय था। इसमें उस समय  के प्रयोग किये जाने वाले  समान  थे। वहां पर मुझे  हारमोनियम जैसा वाद दिखायी पड़ा। लेकिन उसके अंदर  हवा हाथ से न डाल कर, नीचे पैर से पैडल चला कर डालने की सुविधा थी। इस कमरे में फोटो लगी थी जिसमें  एक महिला साड़ी पहने हुई थी । मैंने  उस संग्रहालय के देख रेख करने वाले युवक से पूछा कि क्या  यहाँ कोई  भारतीय  रहते थे।  वह इस बात की पुष्टि नहीं कर  पाया कि इसमें भारतीय रहते थे अथवा नहीं।  वह यह भी नहीं  बता पाया कि वह वाद हारमोनियम है, क्या उसका कोई और नाम है। शायद वहां के रहने वाले को इस तरह की सूचनायें पता करके रखनी चाहिये।
  • चौथा संग्रहालय एक स्टोर था। जिसमें इस बात का इतिहास था कि वहाँ किस किस तरह की चीज़ें बेची जाती हैं और किस तरह के पोस्टर होते थे। यहां कई  पोस्टर लगे हुए थे जिसमें एक पोस्टर लैक्टो कैलामाइन लोशन (Lacto Calamine Lotion) का भी था। यह आज भी मिलता है और त्वचा के बचाव के लिये महिलायें प्रयोग करती हैं, पुरुष भी चोरी छिपे इसका प्रयोग करने में नहीं हिचकते हैं :-) इस पोस्टर की मॉडेल आड्री हेपबर्न (Audry Hepbern) थी। यह बचपन में मेरी प्रिय कलाकार हुआ करती थी। रोमन हॉलीडे (Roman Holiday), न केवल इनकी पर, रूमानी फिल्मों में सबसे प्रसिद्ध फिल्म है। मैंने  इस पोस्टर का चित्र भी लिया जिसे आप देख रहें हैं।
हमारे  घूमने के पैकेज में सुबह का नाश्ता और रात के भोजन का पैसा पहले ही ले लिया गया था। इसलिये इनके लिए हमें पुन: कोई पैसा नहीं देना था।  रॉयल होटल में रात के भोजन पर एक  वेटर ने  पूछा, 
'क्या आप कुछ ड्रिंक लेना पसन्द करेगें।' 
मैंने कहा कि मैं शराब या वाइन नही लेता हूं और जूस लेना पसन्द करूंगा। मुझे लगता था कि इसका पैसा हमें नहीं देना था पर रात के भोजन में पीने की चीज का पैसा देना था।  हम बिना दिए ही चले आए। अगले दिन जब सुबह नाश्ते पर उस वेटर ने हमसे  मुस्कुराकर  कहा,
'सर, पिछली रात आपने जूस लिया था और उसका पैसा नहीं दिया है।'
मैंने कहा कितना देना है। उसने कहा साढ़े दस रैंड। मैंने कहा, 
'बिल लेते आओ, मैं दस्तखत कर देता हूं और स्वागत कक्ष पर अदा कर दूंगा।' 
उसने जवाब था, 
'इस वक्त मेरे लिए वह पर्ची ला पाना मुश्किल है यदि आपको लगता है कि  आपको पैसा नहीं देना है तो मैं पैसा अदा कर दूंगा।' 
मुझे उसकी बात में सत्यता लगी। मैंने उसे वह पैसा दे दिया । बाद में स्वागत कक्ष पर लोगों ने इस बात की पुष्टि की, कि वह पैसा हमें देना था।  

इस कस्बे के पोस्ट आफिस में  अन्तरजाल की सुविधा थी। इस पोस्ट ऑफिस को रोज़ नामक महिला, देख रही थी। उसनें बताया कि आधे घण्टे के लिए १५ रैंड यानी की लगभग ९०/-रूपये देने होगें। मैंने यह पैसे दिए। यह कम्पयूटर  विन्डोज़ पर था पर  अच्छी बात यह थी कि इसमें फायरफॉक्स था।  हलांकि फायर फॉक्स पर हिन्दी  ठीक से नहीं दिखायी पड़ रही थी। मैंने अपनी ई-मेल देखीं और उसके बाद, हम वापस प्रिटोरिया चल दिये।
 
अफ्रीकन सफारी: साउथ अफ्रीका की यात्रा
झाड़ क्या होता है? - अफ्रीकन सफारी पर।। साउथ अफ्रीकन एयर लाइन्स और उसकी परिचायिकायें।। मान लीजिये, बाहर निलते समय, मैं आपका कैश कार्ड छीन लूं।। साउथ अफ्रीका में अपराध - जनसंख्या अधिक और नौकरियां कम।। यह मेरी तरफ से आपको भेंट है।। क्रुगर पार्क की सफाई देख कर, अपने देश की व्यवस्था पर शर्म आती है।। हम दोनो व्यापार कर बहुत पैसा कमा सकते हैं।। फैंटम टार्ज़न ... यह कौन हैं?।। हिन्दुस्तानी, बिल्लियों से क्यों डरते हैं।। आपको तो शर्म नहीं आनी चाहिये।।। लगता है, आप मुझे जेल भिजवाना चाहती हैं।। ऐसा करोगे तो, मैं बात करना छोड़ दूंगी।। भगवान की दुनिया - तभी दिखायी देगी जब उसकी खिड़की साफ हो।। सर, पिछली रात, आपने जूस का पैसा नहीं दिया।।
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This post talks about Pilgrim's Rest (South Africa). It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.
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5 comments:

  1. यात्रा विवरण अच्छा लगा, जिस समय के बारे में आपने जिक्र किया उस दौरान गांधी जी के अलावा कई भारतीय साउथ अफ्रीका गये /ले जाये गये थे शायद इसीलिये साडी वाली महिला की फोटो भी उन्ही में से किसी की होगी।

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  2. मजेदार वृत्तांत -कुछ सोना वोना भी लाये या खाली हाथ ही लौटे ?

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  3. रोचक विवरण. फायर फोक्स सही नहीं दिखा रहा था तो आई.ई. का प्रयोग कर लेते...:) कट्टरता हर तरह की गलत होती है जी :)

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  4. आपके लिखे इन लफ्जों के साथ हमने भी उस वक़्त और आज के वक़्त की सैर करली . रोचक लगी कई बाते .कमरे ,बाथरूम में रखा सामान .साडी में फोटो ....शुक्रिया ...

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  5. जब सोना खरीदार वाले होटल में ठहरे थे तो थोडा सोना तो खरीदना बनता ही है !

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