इस चिट्ठी में, एयोस्टोलोस डॉक्सिएडिस द्वारा लिखित उपन्यास, 'अंकल पेट्रोस एण्ड गोल्डबाकस् कंजेक्चर' की चर्चा है।
वेदांग ज्योतिष, लगभग १३५० ई.पू. के आसपास लिखा गया था। इसमें कहा गया है कि,
यथा शिखा मयूराणां नागानां मण्यो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां गणितं मूर्धनि स्थितम्।।
जिस तरह से,
मोरों के सिर पर कलगी और सापों के सिर में मणियां,
उसी तरह वेदांग, शास्त्र और विज्ञान में सिरमौर गणित।।
'अंकल पेट्रोस एंड गोल्डबैक्स कंजेक्चर' किताब गणित के रोमांस के बारे में है। नीचे दिया गया लिंक, अंग्रेजी में, पुस्तक की समीक्षा है।
यथा शिखा मयूराणां नागानां मण्यो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां गणितं मूर्धनि स्थितम्।।
जिस तरह से,
मोरों के सिर पर कलगी और सापों के सिर में मणियां,
उसी तरह वेदांग, शास्त्र और विज्ञान में सिरमौर गणित।।
'अंकल पेट्रोस एंड गोल्डबैक्स कंजेक्चर' किताब गणित के रोमांस के बारे में है। नीचे दिया गया लिंक, अंग्रेजी में, पुस्तक की समीक्षा है।
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गोल्डबाक १८वीं शताब्दी के गणितज्ञ थे। ७ जून १७४२ को उन्होंने जर्मन गणितज्ञ ल्योन्हार्ड ऑयला को पत्र लिखा कि उन्होंने यह पाया है कि दो से बड़ी, दो से विभाज्य होने वाली संख्या (even number), हमेशा दो अभाज्य संख्या (Prime) का जोड़ है। अब इसे उन्हीं के नाम पर, गोल्डबाक अनुमान के नाम से जाना जाता है। यह नम्बर थ्योरी की सबसे पुराने अनुत्तरित प्रश्नों में से है। यह न तो अभी तक सही और न ही गलत सिद्घ हो पाया है।
उपन्यास 'अंकल पेट्रोस एण्ड गोल्डबाकस् कंजेक्च' की कहानी, गोल्डबाक अनुमान और कोर्ट गर्डल के अपूर्णनता सिद्घान्त के इर्द गिर्द घूमती है। यह मूलत: १९९२ में ग्रीक भाषा में लिखा उपन्यास है। वर्ष २००० में, इसे फेबर एण्ड फेबर द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया। इसके प्रकाशकों ने इसकी बिक्री बढाने के लिये १० लाख डालर का पुरस्कार देने कि घोषणा की जो इस पुस्तक के प्रकाशित होने के दो साल के अन्दर गोल्डबाक अनुमान को सही या गलत सिद्घ करे दे। यह बताने के जरूरत नहीं है कि कोई भी इस पुरस्कार को नहीं जीत सका।
यह कहानी है एक चाचा और भतीजे की। चाचा को उसके परिवार के लोग नाकामयाब व्यक्ति मानते हैं। चाचा अकेले रहना पसन्द करते हैं, किसी से मिलते नहीं हैं। भतीजे ने गणित में शिक्षा ली है और उसे पता चलता है कि उसके चाचा विलक्षण प्रतिभा के युवक थे। बाद में वे विश्वविद्यालय में सबसे कम उम्र में गणित के प्रोफेसर बने और लोग उनको इज्जत और सम्मान से देखते हैं। फिर ऎसा क्या हो गया कि उसके परिवार वाले उन्हें नाकामयाब मानते हैं।
चाचा, गोल्डबाक अनुमान को सिद्ध करना चाहते हैं और इसी में जीवन लगा देते हैं। लेकिन यह तो अनुत्तरित प्रश्न ही रहा। यही इसकी कहानी है जो कि गणित की लघुकथायें, किस्से, और घटनायें पर बुनी हैं। यह कहानी तो काल्पनिक है पर उसमें लिखी लघुकथायें, किस्से, और घटनायें सच हैं। यह बेहद रोचक पुस्तक है और गणित जैसे नीरस विषय पर रोमांच पैदा करती है। यह पुस्तक जी. एच. हार्डी की उत्कृष्ट रचना 'ए मैथमैटीशियनस् अपॉलोजी' के इस उद्घारण से शुरू होती है।
'Archimedes will be remembered when Aeschylus is forgotten because languages die and Mathematical ideas do not. Immortality may be a silly word but properly a mathematician has the best chance of whatever it may mean'नम्बरों की बात हो और रामानुजम की बात न हो—यह तो हो नहीं सकता। इस पुस्तक में रामानुजम की भी चर्चा है और हार्डी-रामनुजम के टैक्सी नम्बर किस्से की भी।
लोग एस्काइलस् (ग्रीक नाटककार) को भूल जायेंगे पर आर्कमडीज़ को हमेशा याद रखेंगे। क्योंकि, भाषायें लुप्त हो जाती हैं लेकिन गणित के सिद्घान्त समाप्त नहीं होते हैं। शायद अमरत्व बेवकूफी है। लेकिन यह जो कुछ भी है उसे पाने के लिये गणितज्ञ की ही संभावना सबसे अधिक है।
इस पुस्तक में गर्डल के अपूर्णनता का सिद्घान्त का भी प्रयोग है लेकिन यह कैसे है और इस कहानी का क्या अंत है यह तो मैं आपको बताने से रहा। आपका इस पुस्तक को पढ़ने का रोमांच समाप्त कर, मैं आपका मजा थोड़े ही किरकिरा करना चाहता हूं। आप इस पुस्तक को पढ़ें और आनन्द लें। यह आपको आसानी से समझ में आयेगी। अपने बेटे और बेटियों को अवश्य पढ़ने के लिये दें।
मैंने इस श्रंखला की भूमिका में, इंडिपैंडेंटस डे (Independence day) फिल्म का चित्र प्रयोग किया था। उसका साईबर अपराध से कैसे संबन्ध है यह अगली बार।
जी. एच. हार्डी (GH Hardy) की पुस्तक 'ए मैथमैटीशियनस् अपॉलोजी' (A Mathematician's Apology) उत्कृष्ट रचना मानी जाती है। यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है तो अवश्य पढ़ें। यह अन्तरजाल पर यहां पर उपलब्ध है।
तू डाल डाल, मैं पात पात
भूमिका।। नाई की दाढ़ी को कौन बनाता है।। नाई, महिला है।। मिस्टर व्हाई - यह कौन हैं।। गणित, चित्रकारी, संगीत - क्या कोई संबन्ध है।। क्या कंप्यूटर व्यक्तियों की जगह ले सकते हैं।। भाषायें लुप्त हो जाती हैं - गणित के सिद्घान्त नहीं।।
सांकेतिक शब्द
। Kurt Gödel, Incompleteness theorems, Uncle Petros and Goldbach's Conjecture, Uncle Petros and Goldbach's Conjecture, Apostolos Doxiadis, Apostolos Doxiadis, Christian Goldback, Leonhard Euler, Goldback's conjecture,
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कृपया किताब मेल कर दें.. हार्डी साहब की. किंचित कारणोंवश अभी डाउनलोड नहीं हो पा रही... गणित सबसे प्राचीन विज्ञान है, रोचक तो है ही... आपकी पोस्ट से और मजा आता है...
ReplyDeleteकृपया मेल मत करियेगा, डाउनलोड हो गयी है...
ReplyDeleteये तो सही में मजेदार जानकारी है। अब किताब खोजी जाये! :)
ReplyDeleteयह कथायें बड़ी खींचती हैं, इन सरल से दिखने वाले प्रश्नों से जूझने के लिये।
ReplyDeleteआज फिर हीनता का बोध हो रहा है जी, यह
ReplyDeleteकिताब हिन्दी में होती तो पढ सकता था।
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पसंद आई यह गणितीय चर्चा। बधाई।
ReplyDelete--------
प्यार का तावीज..
सर्प दंश से कैसे बचा जा सकता है?
सुपर कम्यूटर को सिद्धांत सुलझाने में लगा दो...लगता तो सिद्धांत का सही होना ही है. बाकि अपन की सीमा है, गणितज्ञ तो हैं नहीं :) .
ReplyDeleteA very informative post .
ReplyDeleteअति सुन्दर, धन्यवाद!
ReplyDeleteBahut accha blog hai..
ReplyDeleteGood work..
keep it up..