पहाड़ में समान भेजने का तरीका |
मनाला गांव में पानी इक्ट्ठा होता है। वहीं से पाइप के द्वारा एक सुरंग के जरिए पहाड़ को पार करते हुए नीचे जाता है। ताकि बिजली पैदा की जा सके। इससे लगभग ८६ मेगावाट बिजली तैयार की जाती है। वहां पर हमें कुछ विदेशी, इस प्रोजेक्ट के अन्दर जाने की इच्छुक लगे। हमारे साथ वहां के स्थानीय व्यक्ति जसवंत भी थे। मैंने उनसे पूछा,
'क्या यह लोग प्रोजेक्ट देखने जा रहे हैं?'जसवन्त ने बताया,
'नहीं, यह लोग नदी पार कर मनाला गांव में जायेंगे। वहां भांग पैदा होती है। वहां के लोग भांग का व्यापार करते है। यहां पर रहने वाले, ज्यादातर विदेशी भांग खाते हैं। यह विदेशी भी भांग लेने मनाला गांव जा रहे है। मनाला में पहले केवल भांग का व्यापार के अलावा कुछ नहीं होता था। लेकिन सड़क बन जाने के बाद कुछ लोग पढ़ने लगें है।'मणिकर्ण में एक गर्म पानी का फौव्वारा है। इसकी कथा कुछ इस प्रकार है।
ब्रहम्माण्ड पुराण के अनुसार एक बार शिव जी पार्वती जी के साथ मणिकर्ण आये। यहां की सुन्दरता के कारण, यहीं रूक ११,००० वर्षों तक तपस्या में लीन रहे।
एक बार जलक्रीडा करते हुए पार्वती जी के कान के आभूषण की एक मणि जल में गिर कर पताल लोक में चली गई। खोई हुई मणि को ढूंढने के लिए भगवान शंकर ने अपने गणों को आदेश दिया। लेकिन मणि न मिली।
शेषनाग पातालाधिपति तथा माणियों के स्वामी हैं। उन्हें, पार्वती जी के आभूषण के बारे में पता चला। इस पर उन्होंने जोर से फुंकारा। जिससे इस स्थान पर पृथ्वी में गर्म जल का फौव्वारा प्रकट हो गयी। इस फौव्वारे से, पार्वती जी की मणि निकल आयी।
कहा जाता है कि सन् १९०५ से पहले गर्म जल चश्मे से ११ से १४ फुट ऊंचा फुहारा बड़े वेग से निकलता तथा जिसमें से कभी-कभी मणियाँ (रंग बिरंगे पत्थर) निकलती थी। इसी से इस स्थान का नाम मणिकर्ण पड़ा।
यहां पार्वती जी तपस्या करने के कारण, पुराणों में इस स्थान को 'अर्द्घ नारी क्षेत्र' भी कहा गया है। भगवान शंकर को यह स्थान इतना प्रिय है कि काशी में भी उनके स्थान का नाम 'मणिकर्णिका घाट' है।
महाभारत काल में देवराज इन्द्र द्वारा अर्जुन को दिए गए पाशुपतास्त्र चलाने के लिए अर्जुन की परीक्षा लेने के लिए भगवान शंकर जी ने किरात (भील) रूप धारण करके इस स्थान पर अर्जुन से युद्व करके अर्जुन को वरदान दिया था।
मणिकर्ण के गर्म जल के विभिन्न चश्मों का तापमान ६४ सी से ८८ सेलसियस है। चश्मों में गन्धक नहीं है। कहा जाता है यहाँ के कुण्डों में स्नान करने से गठिया इत्यादि रोग दूर हो जाते है।
हम लोग जब इस गर्म पानी के चश्में को देखने गये, उस समय एक प्यारी सी नवयुवती वहां पर गठरी लेकर आयी थी। उसने बताया,
'मैं गठरी में आलू लाई हूं। आलू के पराठे बनाने के लिये इसे उबाल रही हूं। बाद में, अचार के साथ खायेंगे।'मैंने पूछा
'क्या हम लोग भी उसके साथ यह खाना खा सकते हैं'वह शर्मा गयी और कोई जवाब नहीं दिया।
मणिकर्ण में, एक राम मन्दिर भी है। हम लोगो ने खाना वहीं खाया। बस इसी कारण आलू के पराठे न खा सके। इसकी कथा अगली बार।
देव भूमि, हिमाचल की यात्रा
वह सफेद चमकीला कुर्ता और चूड़ीदार पहने थी।। यह तो धोखा देने की बात हुई।। पाडंवों ने अज्ञातवास पिंजौर में बिताया।। अखबारों में लेख निकले, उसके बाद सरकार जागी।। जहां हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे की बात हुई हो, वहां मीटिंग नहीं करेंगे।। बात करनी होगी और चित्र खिंचवाना होगा - अजीब शर्त है।। हनुमान जी ने दी मजाक बनाने की सजा।। छोटे बांध बनाना, बड़े बांध बनाने से ज्यादा अच्छा है।। लगता है कि विंडोज़ पर काम करना सीख ही लूं।। गाड़ी से आंटा लेते आना, रोटी बनानी है।। बच्चों का दिमाग, कितनी ऊर्जा, कितनी सोचने की शक्ति।। यह माईक की सबसे बडी भूल थी।। भारत में आधारभूत संरचना है ही नहीं।। सुनते तो हो नहीं, जो करना हो सो करो।। रानी मुकर्जी हों साथ, जगह तो सुन्दर ही लगेगी।। उसकी यह अदा भा गयी।। यह बौद्व मंदिर है न कि हिन्दू मंदिर।। रास्ता तो एक ही है, भाग कर जायेंगे कैसे।। वह कुछ असमंजस में पड़ गयी।। हमने भगवान शिव को याद किया और आप मिल गये।। अपनी टूर दी फ्रांस - हिमाचल की साइकिल रेस।। और वह शर्मा गयी।। आप, क्यों नहीं, इसके बाल खींच कर देखते।।
हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:
Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. his will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)
- इंडिपेंडेंटस डे और साईबर अपराध: ►
- अंकल पेट्रोस एण्ड गोल्डबाकस् कंजेक्चर: ►
'मेरे पॉडकास्ट बकबक पर नयी प्रविष्टियां, इसकी फीड, और इसे कैसे सुने'
सांकेतिक शब्द
। Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण, मस्ती, जी भर कर जियो, मौज मस्ती,
। Hindi, हिन्दी,
। Hindi, हिन्दी,
बहुत बढ़िया जानकारीपूर्ण यात्रा विवरण दिया है ..फोटो अच्छे हैं...आभार ...
ReplyDeleteसुन्दर यात्रा वृत्तान्त।
ReplyDeleteउन्मुक्त जी आलू के पराँठे मै खिला देती हूँ। चलिये जब कभी आप इधर आये तो आलू के पराठे जरूर खिलाऊँगी वैसे मेरे बच्चे मेरे हाथ के बने पराठे बहुत चाव से खाते हैं। उनमे खास चीज़ क्या होती है ये तो खा कर ही पता चलेगा। अभी बता दूँगी तो खासियत कैसे पता चलेगी? बहुत अच्छा लगा यात्रा विवरण। शुभकामनायें
ReplyDeleteगौरतलब है कि भूगर्भीय कारणों से बर्फीले पहाड़ों के पास गरम पानी के कुंड पूरी दुनिया में पाए जाते हैं पर भारत में उन्हें चमत्कारों से जोड़ दिया जाता है. आइसलैंड के गीज़र्स के बारे में तो आप जानते ही होंगे.
ReplyDeleteआप बड़े प्यारे शख्स लगते हैं. युवतियां आपसे बात करने पर शर्मा जाती हैं.:)
जानकारी के साथ जीवंत वर्णन.
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी देता यात्रा वर्णन
ReplyDeleteमणिकर्ण के बारे में यात्रा संस्मरण पढ़कर अच्छा लगा...चित्र भी नयनाभिराम लगे।
ReplyDelete