Saturday, May 28, 2011

हमें बहुत पैसा मिल रहा है

चर्च का चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से
इस चिट्ठी में पॉन्डेचेरी में स्थित सेक्रेड हार्ट चर्च की चर्चा है।


पॉन्डिचेरी में हम लोग कुछ उन बिल्डिंगों को भी देखा जिनको कि पुन: निर्मित किया गया है। इन्हें फ्रेंच बनावट में बनाया गया है ताकि पुराने समय का आकर्षण बना रहे।

हम लोग वहां पर एक खास चर्च, सेक्रेड हार्ट चर्च (Sacerd Heart Church) को भी देखने के लिए गये। इसकी इमारत बहुत भव्य है।

१८९५ में, मुख्य पादरी  गांधी द्वारा, पॉन्डेचेरी को, जीज़स के पवित्र हृदय  (Sacred Heart of Jesus) से प्रतिष्टित किया और वहां पर एक चर्च बनाने की इच्छा व्यक्त की।नेलीथोप के पुजारी, आदरणीय वेल्टर ने इसकी इमारत का नक्शा तैयार कर, इसका निर्माण १९०२ में शुरू किया। यह ५० मीटर लम्‌बा ४८ मीटर चौड़ा और १८ मीटर ऊंचा है।

इस चर्च के प्रवेश द्वार पर, लेटिन में, लिखा है,

'I have consecrated this house, that my name may be there forever. My eyes and my heart will be there forever'
मैंने इस जगह को प्रतिष्टित किया है ताकि में रा नाम हमेशा रहे। मेरी आंखें और मेरा हृदय हमेशा यहां रहेगा
इस चर्च के निर्माण के बाद इसमें पहली पूजा १ दिसंबर १९०७ में हुई।

यहां पर बहुत सी मूर्तियों का भारतीकरण हो गया है वहां पर मां मरियम की मूर्ति है जो कि साड़ी पहने है। 


इस चर्च के के अन्दर टीवी लगा हुआ था। पूछने पर पता चला कि यहीं से, प्रतिदिन ईसाई धर्म का टेलीकास्ट, अनबोली टीवी चैनल के द्वारा कुछ घंटों के लिए किया जाता है। यह इंटरनेट पर २४ घण्टें देखा जा सकता है। 

मैंने, वहां पर इस टीवी चैनल से जुड़े व्यक्तियों से बात की। वे बहुत ही उत्साहित थे और जोश से काम कर रहे थे। उनका कहना था,
'इस चैनल को चलाने के लिए हमको बहुत पैसा मिल रहा है। स्वयं पॉन्डिचेरी से उनको तीन लाख रुपया प्रतिमाह मिल रहा है। विदेशों से जो पैसा मिल रहा है वह अलग से है और करोड़ों में है।'
किसी भी मज़हब से जुड़ी संस्था के लिये धन एकत्रित करना कोई मुश्किल बात नहीं है। शायद उनके जोश में रहने का यही कारण है।


चर्च के अन्दर का दृश्य
यहीं से हम लोग पॉन्डचेरी से विदा लेते हैं और अगली बार महाबलीपुरम चलेंगे।


मां की नगरी - पॉन्डेचेरी यात्रा 
हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो।। कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया।। घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे।। पॉन्डेचेरी फ्रांसीसी कॉलोनी थी।। शाम सुहानी लग रही थी।। महिलाएं बेवकूफ़ बन रही हैं।। पैंतालिस मिनट में पांच हजार लोगों का खाना।। यह स्कूल अनूठा है।। शिव ने पार्वती को चूम लिया।। अरबिन्दो के संपर्क के आने से पहले, मां की शादी हो चुकी थी।। मातृमन्दिर, ऑरोविल की आत्मा है।। ऑरोविल की  सबसे अच्छी बात - इसकी हरियाली।। हमें बहुत पैसा मिल रहा है।।

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About this post in Hindi-Roman and English 
is chitthi  mein, pondicherry mein stthit sacred heart church aur anboli tv channel kee charcha hai. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks about Anboli TV Channel and Sacred Heart Church at Pondicherry. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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9 comments:

  1. पॉण्डिचेरी भी घूमते हैं।

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  2. आपके साथ का सफ़र ज्ञानवर्धक रहा।

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  3. धर्म और आस्था के नाम पर कमाई करना बहुत आसान है.

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  4. बढ़िया ज्ञानवर्धक पोस्ट.

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  5. सही लिखा है. बस हिन्दू ही इस मामले में पिछड़ गये हैं...

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  6. pandecheri ka safer badiyaa raha.hindu is mamle main peeche hain.achcha lekh.badhaai aapko.



    please visit my blog andfeel free to comment.thanks

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  7. चलिए महाबलीपुरम चलते हैं ..वहां पांडवों से जुडी कुछ दंतकथाएं और भग्नावशेष हैं .....देखा होगा आपने!

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  8. पॉन्डिचेरी निश्चय ही मेरी भी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है

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आपके विचारों का स्वागत है।