चर्च का चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से |
पॉन्डिचेरी में हम लोग कुछ उन बिल्डिंगों को भी देखा जिनको कि पुन: निर्मित किया गया है। इन्हें फ्रेंच बनावट में बनाया गया है ताकि पुराने समय का आकर्षण बना रहे।
हम लोग वहां पर एक खास चर्च, सेक्रेड हार्ट चर्च (Sacerd Heart Church) को भी देखने के लिए गये। इसकी इमारत बहुत भव्य है।
१८९५ में, मुख्य पादरी गांधी द्वारा, पॉन्डेचेरी को, जीज़स के पवित्र हृदय (Sacred Heart of Jesus) से प्रतिष्टित किया और वहां पर एक चर्च बनाने की इच्छा व्यक्त की।नेलीथोप के पुजारी, आदरणीय वेल्टर ने इसकी इमारत का नक्शा तैयार कर, इसका निर्माण १९०२ में शुरू किया। यह ५० मीटर लम्बा ४८ मीटर चौड़ा और १८ मीटर ऊंचा है।
इस चर्च के प्रवेश द्वार पर, लेटिन में, लिखा है,
'I have consecrated this house, that my name may be there forever. My eyes and my heart will be there forever'इस चर्च के निर्माण के बाद इसमें पहली पूजा १ दिसंबर १९०७ में हुई।
मैंने इस जगह को प्रतिष्टित किया है ताकि में रा नाम हमेशा रहे। मेरी आंखें और मेरा हृदय हमेशा यहां रहेगा
यहां पर बहुत सी मूर्तियों का भारतीकरण हो गया है वहां पर मां मरियम की मूर्ति है जो कि साड़ी पहने है।
इस चर्च के के अन्दर टीवी लगा हुआ था। पूछने पर पता चला कि यहीं से, प्रतिदिन ईसाई धर्म का टेलीकास्ट, अनबोली टीवी चैनल के द्वारा कुछ घंटों के लिए किया जाता है। यह इंटरनेट पर २४ घण्टें देखा जा सकता है।
मैंने, वहां पर इस टीवी चैनल से जुड़े व्यक्तियों से बात की। वे बहुत ही उत्साहित थे और जोश से काम कर रहे थे। उनका कहना था,
'इस चैनल को चलाने के लिए हमको बहुत पैसा मिल रहा है। स्वयं पॉन्डिचेरी से उनको तीन लाख रुपया प्रतिमाह मिल रहा है। विदेशों से जो पैसा मिल रहा है वह अलग से है और करोड़ों में है।'किसी भी मज़हब से जुड़ी संस्था के लिये धन एकत्रित करना कोई मुश्किल बात नहीं है। शायद उनके जोश में रहने का यही कारण है।
चर्च के अन्दर का दृश्य |
मां की नगरी - पॉन्डेचेरी यात्रा
हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो।। कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया।। घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे।। पॉन्डेचेरी फ्रांसीसी कॉलोनी थी।। शाम सुहानी लग रही थी।। महिलाएं बेवकूफ़ बन रही हैं।। पैंतालिस मिनट में पांच हजार लोगों का खाना।। यह स्कूल अनूठा है।। शिव ने पार्वती को चूम लिया।। अरबिन्दो के संपर्क के आने से पहले, मां की शादी हो चुकी थी।। मातृमन्दिर, ऑरोविल की आत्मा है।। ऑरोविल की सबसे अच्छी बात - इसकी हरियाली।। हमें बहुत पैसा मिल रहा है।।हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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- ईश्वर का आस्तित्व नहीं है: ►
- निष्कर्ष - एकान्तता का अन्त: ►
'मेरे पॉडकास्ट बकबक पर नयी प्रविष्टियां, इसकी फीड, और इसे कैसे सुने'
सांकेतिक शब्द
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पॉण्डिचेरी भी घूमते हैं।
ReplyDeleteआपके साथ का सफ़र ज्ञानवर्धक रहा।
ReplyDeleteधर्म और आस्था के नाम पर कमाई करना बहुत आसान है.
ReplyDeleteअच्छा लगा जानकर।
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मौलवी और पंडित घुमाते रहे...
सीधे सच्चे लोग सदा दिल में उतर जाते हैं।
बढ़िया ज्ञानवर्धक पोस्ट.
ReplyDeleteसही लिखा है. बस हिन्दू ही इस मामले में पिछड़ गये हैं...
ReplyDeletepandecheri ka safer badiyaa raha.hindu is mamle main peeche hain.achcha lekh.badhaai aapko.
ReplyDeleteplease visit my blog andfeel free to comment.thanks
चलिए महाबलीपुरम चलते हैं ..वहां पांडवों से जुडी कुछ दंतकथाएं और भग्नावशेष हैं .....देखा होगा आपने!
ReplyDeleteपॉन्डिचेरी निश्चय ही मेरी भी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है
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