Tuesday, May 16, 2006

भूमिका: नारद जी की छड़ी और शतरंज का जादू

पहेली बाज जी ने कुछ दिन पहले नारद जी की छड़ी नामक पहेली अपने चिठ्ठे पर बूझी। मिश्राजी ने इसका सही जवाब दिया। इस पहेली के कई रूप हैं और पहेली बाज जी द्वारा पूछा गया रूप इसका सबसे आसान रूप है| इसके कठिन रूप का जवाब इतनी आसानी से नहीं दिया जा सकता है। यह जवाब, जो वास्तव मे गणित के अंको की एक सिरीस है, मूलभूत है। इसका सम्बन्ध बहुत चीजों से है और शतरंज के जादू से भी है। यह शतरंज का जादू क्या बला है? नारद जी की छड़ी वाली पहेली का शतरंज के जादू से क्या सम्बन्ध है?

अरे भाई, इस पहेली का सम्बन्ध तो उससे से भी है, जिससे हम सब जुड़े हैं। यह सब पर चर्चा करने के लिये एक तरफ से चलना होगा ताकि कहीं हम चक्कर न खा जायें। चलिये एक क्रम तय कर लेते हैं, उसी पर चलेंगे। यह क्रम इस प्रकार रहेगा।

  1. भूमिका (यह चिठ्ठी जिसमे हम चर्चा का क्रम तय कर रहें हैं);
  2. मार्टिन गार्डनर की पुस्तकों के अलावा पहेलियों कि अन्य अच्छी पुस्तकें;
  3. शतरंज का जादू क्या है;
  4. सृष्टि का अन्त;
  5. नारद जी की छड़ी वाली पहेली के अन्य रूप। मैं चाहूंगा कि पहेली बाज इन रूपों को 'शतरंज का जादू क्या है' की कड़ी के बाद बूझें। क्योंकि पहेली बूझने का जिम्मा तो उनका है;
  6. इस पहेली के हल का शतरंज के जादू से रिश्ता;
  7. इस पहेली के हल का कमप्यूटर विज्ञान से सम्बन्धों का जिक्र।
यह हो सकता है कि किसी क्रम मे दो पोस्टे हों या दो क्रम को मिला कर एक पोस्ट मे काम चल जाये। पर हमारा क्रम यही रहेगा। आखरी कड़ी मे, इस पहेली के हल का, अन्य विषयों के साथ सम्बन्धों का जिक्र ही रहेगा। अन्य विषयों के साथ सम्बन्ध किस प्रकार से बन रहे हैं उसकी चर्चा कभी अलग से; यह कुछ बड़ा विषय है

तो अगली बार हम मिलते हैं मार्टिन गार्डनर की पुस्तकों के अलावा पहेलियों की अन्य अच्छी पुस्तकों के साथ।


नारद जी की छड़ी और शतरंज का जादू 

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