Sunday, May 18, 2008

कॉन्वेंट में पूजा और सिस्टर लूसी

यह चिट्ठी मेरी वियाना यात्रा श्रंखला की कड़ी है। इस में कॉन्वेंट में पूजा की चर्चा है। यह हिन्दी (देवनागरी लिपि) में है। इसे आप रोमन या किसी और भारतीय लिपि में पढ़ सकते हैं। इसके लिये दाहिने तरफ ऊपर के विज़िट को देखें।


वियाना में, मैं कॉवेन्ट में रुका था। इसी लिये मैं उनकी पूजा (Mass) में भाग ले सका। इसके पहले मैं कभी भी इसाई पूजा में शामिल नहीं हुआ था। उस दिन पूजा के लिये, लंदन से खास तौर पर एक पादरी (Father) आये थे। सिस्टर कारमेल अच्छा आर्गन बजाती हैं वे आर्गन बजा रहीं थीं। दो सिस्टर और एक अन्य पुरूष (जो इसी पूजा के लिए आये थे) गिटार बजा रहे थे। सिस्टर ऎडल कभी मेडोलिन बजाती थीं तो कभी एक अन्य वाद्य। मैं इस वाद्य को नहीं समझ सका। पूजा के बाद सिस्टर ऎडल ने बताया कि यह
'पान फ्लूट है। मेडोलिन इटली का वाद्य है और पान फ्लूट इजिप्ट का। इसका वर्णन बाइबिल में भी है।'

यह पूजा जर्मन में थी जो कि समझ में नहीं आती थी पर भाव जरूर समझ में आये । कुछ देर भजन गाया जाता था फिर कुछ संदेश। कभी फादर संदेश देते थे तो कोई सिस्टर। मुझे उनका एक भजन 'अले लू ल्या' कर्णप्रिय लगा। इसके संगीत से यह खुशहाली का भजन लगा। शायद इसका अर्थ भी कुछ इसी तरह है।

Mass Vienna Conven...
पूजा में हो रहा एक भजन

पूजा के बाद, वे कुछ पानी और कुछ डबलरोटी सा बांट रहे थे। सिस्टर सिग्रेड ने मुझे बताया कि मुझे यह नहीं लेना है इसके लिए संस्कारों की कई सीढ़ियां पार करनी होती है जो कि मैंने नहीं की है।


टौमी तो मुझे हमेशा हर जगह मिल जाते हैं - कॉन्वेंट में भी मिले।

सुबह पूजा के बाद हम लोग नाश्ते के लिये गये। उस दिन सिस्टर लूसी (Sister Lucy) का जन्म दिन था। वे मुम्बई से हैं। हम लोगों ने उनके लिये Happy birth day गाया। बाद में मैं, सिस्टर सिग्रेड और सिस्टर सिंथिया के साथ, वियाना घूमने चला गया था। लौटते समय मैंने सिस्टर लूसी के लिए एक सफेद गुलाब लिया। हम लोग जब कांवेंट वापस पहुंचे तो यहां रात का खाना चल रहा था। मैंने उनका हांथ चूमकर उन्हें गुलाब दिया। यह न केवल सिस्टर लूसी को पर सारी सिस्टरों को पसन्द आया। सबने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। सिस्टर लूसी ने कहा कि वे इसे ईसा के चरणों में समर्पित करती हैं और वे मेरे लिये प्रार्थना करेंगी। वे अगले सुबह तक इस बात को याद करती रहीं और नाश्ते पर फिर से मुझे धन्यवाद दिया।

बहुत घूम लिया, वापस भी आना था। अगली बार - वापसी की यात्रा।

वियाना यात्रा
मैं पहुंच रहा हूं।। फिल्म - सॉउन्ड ऑफ म्यूज़िक सत्य कथा पर आधारित है।। टमटम पर, राजसी ठाट-बाट के साथ, वियाना।। सिगमंड फ्रायड संग्रहालय।। मन, प्रभू के चरणों में।। क्या भाई को सौतेली बहन स्वीकर कर लेनी चाहिये।। वियाना रात में।। एक प्यारी सी लड़की - लीसा।। वियाना में घूमने की जगहें।। कॉन्वेंट में पूजा और सिस्टर लूसी।। वापसी की यात्रा

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is post per vienna ke konvent mein pooja kee charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about mass in convent in Vienna. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
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3 comments:

  1. बेहतरीन यात्रा वृतांत. भजन तो भावों की माला है भाई. किस भाषा में यह समझने की जरुरत ही नहीं-अपने आप भाव झंकृत हो जाते हैं.

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  2. यात्रा के वर्णन के साथ साथ पूजा में शामिल होने का भाव प्रभावित कर गया और ईरान की इमाम रज़ा की मस्ज़िद में पूजा करने की अपनी यादें ताज़ा हो गईं.

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  3. उन्मुक्तजी के साथ हमने भी वियना घूम लिया, अब आपके अगले यात्रा विवरण का इन्तजार रहेगा |

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