Thursday, January 13, 2011

घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे

 इस चिट्ठी में, रोमुलस व्हिटाकर और किंग कोबरा के बारे में  चर्चा है।
क्रॉकोडाइल फार्म की शिक्षा अधिकारी - आकांक्षा



चेन्नई के क्रॉकोडाइल फार्म में हमारी मुलाकात अकांक्षा नामक एक युवती से हुई। वह वहां पर शिक्षा अधिकारी (Education officer) है। मैंने उससे पूछा कि क्या इसके लिए कोई खास कोर्स या ट्रेनिंग की हुई है। उसने बताया, 
'मैंने कोई ट्रेनिंग नहीं की है। पर मैं जब से बड़ी हुई मैं हमेशा ऐसी जगह काम करने को सोचती थी। मैं १३ साल से इसी जगह काम कर रही हूं। मैं घोड़ा डाक्टर बनना चाहती थी लेकिन मेरे मां बाप नहीं चाहते थे। क्योंकि हमारे खेतों में हमेशा घोड़ा डाक्टर आया करते थे। वह  भैसों और गायों की लाते खाते थे। इसीलिए मेरे मां बाप इसे अच्छा पेशा नहीं समझते थे।'

इसे फार्म को रोमुलस व्हिटाकर ने शुरू किया था। मैं उनसे मिलना चाहता था। मैंने अकांक्षा से, उनके बारे में, पूछा। उसने कहा,
'इस समय तो वे यहां नहीं है। उन्होंने न्यास के मैनेजर के रूप में अपना त्यागपत्र दे दिया है। लेकिन यह पार्क उन्हीं की देख रेख में चलता है। इस समय  वे जंगलों में आपरेशन कोबरा किंग पर काम कर रहे  हैं। इसमें जंगलों में कोबरा किंग के बच्चों को बचाने की बात है।'
किंग कोबरा का चित्र विकिपीडिया से
मुझे ख्याल आया कि मैंने टेड पर, व्हिटाकर का एक बेहतरीन व्याखान सुना था। जिसमें उन्होंने कोबरा किंग, घड़ियाल को बचाने के बारे में बताया था। 

उन्होंने, उक्त व्याखान में बताया कि किस तरह से मादा कोबरा अपने अंड़ो को सेती है लेकिन बच्चा पैदा होने से पहले वह वहां से चल देती है क्योंकि किंग कोबरा सांपो को खाते है और उसे लगता है कि कहीं वह स्वयं अपने बच्चों को न खा जाए।
 

मेरी पत्नी शुभा ने पूछा,
'क्या कोबरा किंग के बच्चे भी, अपनी रक्षा कर सकते हैं?'
उसने कहा,
'हां। उनमें पैदा होते ही इतना जहर होता है कि उनके काटने से हाथी मर सकता है। इसलिए उन बच्चों को देखने की कोई जरूरत नही हैं।'
वहां से निकलने के बाद जब आगे चले तो कुछ भूख लगने लगी और रास्ते में एक मिडवे रेस्त्रां मिला और वहां पर रूक कर हम लोगों ने कुछ भोजन लिया। शाम होते होते हम लोग पॉन्डिचेरी पहुंचे। 

अगली कुछ चर्चा पॉन्डेचेरी के बारे में।

यदि आपने टेड पर रोमुलस व्हिटाकर का व्याख्यान नहीं सुना है तब उसे नीचे अवश्य सुने।

मां की नगरी - पॉन्डेचेरी यात्रा
 हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो।। कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया।। घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे।।

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is chitthi  mein king cobra aur romulus whitaker ke bare mein charcha hai.  yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhe

This post is about Romulus Whitaker and King Cobra.  It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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8 comments:

  1. साँप का बच्चा भी अपनी रक्षा कर सकता है।

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  2. प्रवीन जी, धन्यवाद। मैंने ठीक कर दिया।

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  3. आकर्षक और दुर्लभ जानकारी के लिए आभार !

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  4. इन महोदय को टीवी पर भी देख चुके हैं... कोबरा के साथ.

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  5. अच्छी,ज्ञानवर्द्धक चर्चा।

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  6. यह यात्रांक भी अच्छा लगा -रोमुलस व्हिटकर की साँपों पर लिखी किताब हर घर में होनी चाहिए !

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  7. Vamos Preservar o Meio Ambiente.

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