इस चिट्ठी में, बताया गया है कि साइबर कानून क्या होता है।
इस चिट्ठी को, सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो ऊपर दाहिने तरफ का पृष्ट, "'बकबक' पर मेरे पॉडकास्ट कैसे सुने" देखें।
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धर्म न्यायधिकरण के सामने गैलिलिओ - चित्र क्रिस्टो बान्टी १८५७ |
विज्ञान के आविष्कार, नयी तकनीकें जहां विज्ञान को आगे ले जाते हैं वहीं पर कानून के लिए हमेशा अड़चने पैदा करते हैं।
- गैलिलियो ने इस बात का सबूत दिया कि सूरज, पृथ्वी के चारो तरफ नहीं, ब्लकि पृथ्वी और अन्य ग्रह, सूरज के चारो तरफ चक्कर लगाते हैं। इसलिए उसे नजरबंद कर दिया गया।
- जब डार्विन ने ओरिजन आफ स्पीशीस् (Origin of Species) लिखी तब अधिकतर ईसाई देशों में इसके पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। इस समय अमेरिकी न्यायालयों से एक बहुत बड़ी बहस इस बात पर चल रहा है कि कि ओरिज़न आफ स्पीशीस के साथ एक अन्य तथा कथित सिद्घान्त इंटेलीजेन्ट डिज़ाइन (Intelligent design) जो कि धार्मिक है को पढ़ाया जाए अथवा नहीं। कुछ समय पहले, डार्विन के २००वें जन्मदिन पर मैंने एक श्रृंखला लिखी थी। इसकी आखरी कड़ी यहां है। इस पर बाकी सारी कड़ियों की लिंक है। जहां सारे विवाद की चर्चा है।
सूचना प्रौद्योगिकी एक नयी तकनीक है। इसका जन्म तीन कारणों से हुआ
- कंप्यूटर: इसके बारे में तो हम सब जानते ही हैं कुछ और कहना तो ठीक नहीं होगा।
- इंटरनेट: यह तो आप जानते हैं कि कंप्यूटर आपस में संवाद कर सकते हैं। इंटरनेट दुनिया के सारे कंप्यूटरों का वह जाल है जो एक दूसरे से संवाद कर सकते हैं।
- साइबर स्पेस: कंप्यूटर के द्वारा संवाद करते समय सूचनाओं का आदान प्रदान ईमेल, ऑडियो क्लिप, वीडियो क्लिप के जरिये होता है। सूचना का यह आदान प्रदान एक काल्पनिक जगह (Virtual space) में होता है। इसे साइबर स्पेस (Cyber Space) कहते हैं।
इस तकनीक ने कानून के क्षेत्र में जितनी मुश्किलें पैदा की वह अन्य किसी आविष्कार या तकनीक ने नहीं। इन मुश्किलों के अलग अलग हल ढूंढे जा रहे है। देश कानून बना रहे हैं। सरकारें नियम व अधिनियम बना रही हैं। न्यायालय फैसले दे रही हैं। इन सारे समाधानों को मोटे तौर पर, कंप्यूटर कानून, या इंटेरनेट कानून या साइबर कानून कहा जाता है। मुझे साइबर कानून शब्द पसन्द है। इसलिये मैं इसी का प्रयोग करूंगा।
इस नयी तकनीक ने कौन कौन से क्षेत्र में मुशकलें पैदा की, या अपने देश में किस के साइबर कानून बने हैं, इसकी चर्चा अगली बार।
इस चिट्ठी का चित्र विकिपीडिया से
तू डाल डाल, मैं पात पात
भूमिका।। नाई की दाढ़ी को कौन बनाता है।। नाई, महिला है।। मिस्टर व्हाई - यह कौन हैं।। गणित, चित्रकारी, संगीत - क्या कोई संबन्ध है।। क्या कंप्यूटर व्यक्तियों की जगह ले सकते हैं।। भाषायें लुप्त हो जाती हैं - गणित के सिद्घान्त नहीं।। ऐसा कोई कंप्यूटर नहीं, जिसे हैक न किया जा सकता हो।। साइबर या कंप्यूटर कानून क्या होता है।
सांकेतिक शब्द
। Cyberlaw, Computer law, Internet law, Legal aspects of computing,
। cyber crime, cyber space, Information Technology, Intellectual Property Rights, information technology, Internet, Internet, Open source software, software, software, technology, technology, Technology, technology, technology, Web, आईटी, अन्तर्जाल, इंटरनेट, इंटरनेट, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर, टेक्नॉलोजी, टैक्नोलोजी, तकनीक, तकनीक, तकनीक, सूचना प्रद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेर,
। Hindi, पॉडकास्ट, podcast,
इस हलचल में कानून को भी स्थिर होने में समय लगेगा।
ReplyDeleteमेरे लिये तो ये पूरी जानकारी नई होगी। अगली कडी का इन्तजार। शुभकामनायें।
ReplyDeleteफिर तो देखते हैं अगली बार ......साईबर पंक तो साईंस फिक्शन की नयी धरा ही है,जिसमें साईबर अपराधों ,जीवन ,रहन सहन ,संस्कृति ,प्रेम वासना की पूरी तस्वीर ही खींचती है -इसकी प्रतिनिधि कृति है गिब्सन की न्यूरोमैंसर ..न पढी हो तो मंगवा लें !
ReplyDeleteमनुष्य पैदा स्वतन्त्र होता है, लेकिन उसके अनेकानेक बंधनों में बंध जाता है... हर कानून का दुरुपयोग अधिक किया जाता है... भारत में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं ... बल्कि बहुतायत है..
ReplyDeleteआप की अगली पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी। वैसे वैज्ञानिक प्रगति आगे और कानून पीछे चलता है और कानून को लागू कराने वाले और भी पीछे चलते हैं।
ReplyDeleteइस उपयोगी जानकारी के लिए आपका आभार उन्मुक्त जी।
ReplyDeletecopy past hai kuch apny man se bhi likha karo
ReplyDeleteशाहबाज़ जी, इसमें कुछ भी कॉपी-पेस्ट कर नहीं लिखा है। सब कुछ मेरा ही लिखा है।
Deleteमेरे लेखों में कोई भी कॉपी राइट नहीं है। सबको इसे कॉपी कर, संशोधन कर पुनः प्रकाशित करने की स्वतन्त्रता है। इसलिये मेरे लेख अन्तरजाल पर आपको कई जगह भिन्न भिन्न नामों से मिलेंगे। लेकिन यह लेख, इसके अतिरिक्त जो भी मेरे चिट्ठों पर है वह मेरा मूल लेखन है।
वाकई में आपका लेख उच्चकोटी का होने के साथ अत्यंत उपयोगी है...आभार।
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