Saturday, April 06, 2013

हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज़ - सुन्दर तो लगेगा ना

इस चिट्ठी में, बिनदेश्वर में, ज़ीरो बिन्दु जाने की चर्चा है।

मार्च के महीने पर कुमाऊं में, बुरांस फूल - जैसे हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज़ - चित्र वा यह शीर्षक यहां से

बिन्देश्वर पहुचने के अगले दिन सुबह, हम लोग लगभग पौने पांच बजे उठ गये और जल्दी से फ्रेश होकर, ज़ीरो प्वाइंट के लिये, विश्राम गृह के, चौकीदार गोविन्द जी के साथ निकल पड़े। में हम लोगों को, कुछ देर हो गयी थी और हमारे ज़ीरो प्वाइंठ पहुंचने से पहले ही, सूर्योदय हो गया था। लेकिन दृश्य बहुत सुन्दर था। हांलाकि उस वक्त बादल थे और उसी कारण वह दृश्य बिल्कुल साफ नहीं दिखायी पड़ रहा था।

गोविन्द जी के अनुसार अक्टूबर से दिसम्बर के मौसम में आसमान एकदम साफ रहता है और उस वक्त हिमालय की चोटियां बहुत ही सुन्दर दिखायी पड़ती है। उसने यह भी बताया कि मार्च के महीने में जंगल  सबसे सुन्दर हो जाता तब पूरे जंगल में, लाल बुरांस फूल खिल जाते हैं। सारा जंगल लाल लाल दिखायी पड़ता है।

इस गोविन्द जी ने बताया और विश्राम गृह के बाहर भी लिखा हुआ था कि इस जंगल में  तेदुयें पाये जाते है। इनको गुजरार भी कहा जाता है। यह तीन प्रकार के हैं एक जिसमें थोड़ी से धारी होती है, एक इसका जिसमे फूल से खिले होते है और तीसरे भूरे होते हैं। गोविन्द के अनुसार यहां पर कई बार तेंदुये और जंगली सुअर भी देखे हैं।

यहां पर जंगली सुअर काकड़ यानि की वाकिंग डेयर मांटिग गोस खुरर एक काला भालू सिराव  और एलो थ्रोटेट मारटिल चितरोला और लंगूर मिलते हैं।

यहां पर तरह तरह की चिड़ियायें भी देखने को मिलती हैं। जिसको की चियर फिसेन्ट, काली फिसेन्ट, उल्लू, पश्चिमी ट्रिकोपान करोली तरह की चिड़ियायें है।

हम लोगों को सुबह के समय जीरो प्वाइंट जाते समय बहुत से लंगूर दिखे और बार्किंग डेयर दिखे। गोविन्द जी के मुताबिक यहां पर उड़ने वाली गिलहरी भी दिखती है हांलाकि यहां पर जो बोर्ड लगा था उसपर इसके बारे में कुछ भी नहीं लिखा था।
 

हम लोग जीरो प्वाइंट पर पहुंचे और जीरों  प्वाइंट से न केवल सूर्योदय,  बल्कि वहां से सारे हिमालय की चोटियां पंचसूरा, नन्दा भी दिखायी पड़ती हैं। लेकिन उस दिन बादल  के कारण कोई भी हिमालय की चोटी नहीं दिखायी पड़ी।

ज़ीरो प्वाइंट, बिन्सर, कुमाऊं
अगली बार कुछ चर्चा ज़ीरो प्वाइंट की।


जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं
जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।। नैनीताल झील की सफाई के अन्य तरीके।। पास बैटने को कहा, तो रेशमा शर्मा गयी।। चीनी खिलौने - जितने सस्ते, उतने बेकार।। कमाई से आधा-आधा बांटते हैं।। रानी ने सिलबट्टे को जन्म दिया है।। जन अदालत द्वारा, त्वरित न्याय की परंपरा पुरानी है।। बिन्सर विश्राम गृह - ठहरने की सबसे अच्छी जगह।। सूर्य एकदम लाल और अंडाकार हो गया था।। बिजली न होने के कारण, मुश्किल तो नहीं।। हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज़ - सुन्दर तो लगेगा ना।।

 
About this post in Hindi-Roman and English 
This post in Hindi (Devnagri script) is about going to zero point at Binsar, kumaon. You can read translate it into any other  language also – see the right hand widget for translating it.

hindi (devnagri) kee is chitthi mein,  binsar kumaon ke zero point jaane kee charchha hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द
। Binsar,
Kumaon,  
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9 comments:

  1. वन्य सौन्दर्य की छटा ...
    हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज -खूब फबेगा सचमुच -यहाँ तो मुझे हरी साड़ी पर लाल लाल छपे लग रहे हैं !

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  2. shweta2:22 pm

    were you able to capture any close up pic of bird from Binsar ? would like to see if any .

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    1. श्वेता जी, मैं कोई चित्र नहीं ले पाया। यदि आपने लिया हो तो अवश्य देखना चाहूंगा।

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    2. shweta4:31 pm

      I have not visited any hilly area in northern part of country , though have visited southern valleys likes coorg . But i don't have any camera . I have lots of pics of cats taken from mobile . I will buy a good camera when i will get little mature in understanding & handling the technicalities of instrument.

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  3. आप शीर्षक भी चुन कर रखते है ।

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  4. वाह, एक स्थान से सारे पहाड़ों का दर्शन, पर इसे जीरो प्वाइण्ट क्यों कहते हैं?

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    1. shweta11:42 am

      As per my exp of visiting places .... From Zero point one can see from Horizon to Horizon. ie: from 0 degree to 180 degree. usually it is a high point at the top of a hill or man made structure like shown in pic . May be because that it is called Zero point.

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    2. श्वेता जी, यह जगह भी पहाड़ी पर है जहां यह निर्माण बना है, उसके बाद घाटी है।

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