Monday, October 11, 2021

Girl Child (बेटी) दिवस, विद्या दान, और हिन्दी

इस चिट्ठी में, बालिका (बेटी) ( Girl Child) दिवस के बहाने, कुछ चर्चा हिन्दी के बारे में।

 

मेरे घरेलू सहायक का बेटा सौरभ और बेटी सुभी अपने स्कूल ग्रीन वैली मॉडर्न स्कूल के सामने

 

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने, १९ दिसंबर २०११ पर अपनी ८९वीं पूर्ण बैठक में,  एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया। इसमें  निम्न निर्णय लिये गये:

  1.  ११ अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय Girl Child Day (या फिर दूसरे शब्दों में बालिका सन्तान या बेटी दिवस) के रूप में मनाया जाय। इसे, २०१२ से, शुरू किया जाय;
  2.  सभी सदस्य राज्य, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के प्रासंगिक संगठन, और नागरिक - समाज को, अंतर्राष्ट्रीय बालिका सन्तान दिवस मनाने, दुनिया भर में लड़कियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, प्रोत्साहित करे; तथा
  3.  इस प्रस्ताव को, महासचिव  सभी सदस्य राज्यों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों के ध्यान में लायें।

इसी कारण, ११ अक्टूबर को, बालिका सन्तान (बेटी) ( Girl Child) दिवस मनाया जाता है।  मेरे विचार से, यही बेटी दिवस है औेर इसे इसी दिन मनाना चाहिये। 

लेकिन, अपने देश में कुछ अखबार और पत्रिकायें,  सितंबर के चौथे रविवार को बेटी दिवस मनाये जाने की चर्चा करते हैं और इससे प्रेरित हो कर, बहुत से लोग, इसे  इसी दिन मनाते हैं। अपने देश में, बेटी दिवस सितंबर के चौथे रविवार में मनाने की प्रथा का इतिहास और कारण जानने का प्रयत्न किया पर पता नहीं चला। यदि आपको मालुम हो तब टिप्पणी कर अवश्य बतायें। अब कुछ चर्चा हिन्दी और विद्या दान और हिन्दी की।

अपने बेटे मुन्ना और परी से, हमेशा मेरा अनुरोध रहता है कि उनके जीवन में आयी नन्हीं परी से हिन्दी में बात करें। लेकिन, कुछ दिन पहले, एक ग्रुप के कुछ लोगों ने इस अनुरोध पर आपत्ति जतायी - क्यों किसी बच्ची पर हिन्दी सीखने पर जोर देते हो। 

मुझे, उनकी टिप्पणी पर आश्चर्य हुआ - क्या कोई भारतीय ऐसा भी सोच सकता है। मैंने अपनी बात यह कहते हुऐ रखी कि जितनी भाषायें आयेंगी उतना अच्छा रहेगा और जब वह भारत आयेगी तब यहां पर लोगों से खुल कर बात कर सकेगी। लेकिन, उनकी आपत्ति का मुझे  शीघ्र ही, जवाब मिल गया।

 

नन्हीं परी को, हिन्दी में गिनती सिखाते, मुन्ना।

मेरी कॉलोनी में, बहुत से परिवार हैं। कई घरों में, उस घर में काम करने वाले भी रहते हैं। इस कारण, कॉलोनी बहुत से  बेटे और बेटियां हैं। परन्तु, वे जब बात करते हैं तो अंग्रेजी में; पढ़ने जाते हैं तो अंग्रेजी मीडियम के विद्यालयों में; यहां तक घर के नौकरों के बच्चे भी अंग्रेजी मीडियम के स्कूल में पढ़ने जाते हैं और वे गर्व से यह बात बताते हैं। 

इस बारे में, जब कुछ और जानकारी ली तब पता चला कि हिन्दी मीडियम के स्कूल बन्द हो रहे हैं, क्योंकि वहां कोई विद्यार्थी नहीं हैं। यह परेशानी की बात है। 

हम सब घर में हिन्दी में बात करते हैं, हम हिन्दी में सोचते हैं सपने भी हिन्दी में देखते है। लेकिन बच्चों पर अंग्रेजी का बोझ, उन्हें ऐसी दुनिया में ले जा रहा है, जहां न केवल अपनी सभ्यता औतर संस्कृति से दूर हो रहे हैं पर वे अपनी  मौलिकता भी खो रहे हैं। उनका सारा ध्यान अंग्रेजी बोलने में भी रहता है।

कुछ दिन पहले मैंने अपने घरेलू सहायक के दो बच्चों को - स्कूल में दाखिला दिलाया; उनकी फीस दी; और दाखिल दे रही महिला टीचर से से कहा कि बच्चों को हिन्दी मीडियम वाले क्लास में रखें। उसे आश्चर्य हुआ। मैंने कहा,

'मेरे सहायक की पत्नी शिक्षित नहीं है। उसके घर में हिन्दी ही बोली जाती है। यदि आप इन बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में डाल देंगे तब उनमें हीन भावना ही पनपेगी; उनका विकास ठीक तरह से नहीं हो पायेगा।
लेकिन, मां सरस्वती की कृपा रही तब अंग्रेजी की क्या ये सारे विश्व की भाषा बोल सकेंगे।  लेकिन, यदि वे हीन भावना से बड़े हुऐ, मौलिकता खो दी - तब उनका जीवन ही व्यर्थ हो जायगा।'

महिला अध्यापिका मुस्करा कर बोली - काश और लोग यह बात समझ पाते।  

लेकिन, आज का दिन- बालिका दिवस के दिन पर, एक संकल्प लेने का दिन है। क्या संकल्प लिया जाय, उसके पहले, मैं बताना चाहूंगा कि  मेरे बाबा क्या कहते थे। उनका कहना था,

'बेटियों और बहुओं को पढ़ना जरूरी है। बेटी पढ़ेगी तो देश पढ़ेगा और यदि बहु़एं शिक्षित नहीं हुईं, तब परिवार की पूरी पीढ़ी ही पिछड़ जायगी।'

राजमाता विजय राजे सिंधिया ने भी अपनी जीवनी 'राजपथ से लोकपथ'  में उनके बारे में यही कहा।  

आइये आज के दिन, हम सब कम से कम, एक बेटी को विद्यादान देंने का संकल्प लें और जल्द से जल्द इसे पूरा करें।

 
About this post in Hindi-Roman and English 
In this post, some thoughts about Hindi on Girl Child (Daughters) day. It is in Hindi (Devnagri script). You can read translate it into any other  language also – see the right hand widget for translating it.

Hindi (Devnagri) kee is chitthi mein mein, balika (betee) divas per hindI kee kuchh charcha. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.
 
 
सांकेतिक शब्द
culture, Family, Inspiration, life, Life, Relationship, जीवन शैली, समाज, कैसे जियें, जीवन, दर्शन, जी भर कर जियो, 
 
#हिन्दी_ब्लॉगिंग #HindiBlogging #DaughtersDay `#GirlChildDay #Hindi

1 comment:

  1. This is a catch 22 situation. To be modern it seems not only do you need to know English but also not know Hindi. Very sad.

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