विश्व हिन्दू परिषद का सम्मेलन लॉस एंजेलिस में था। इस चिट्ठी में, उस सम्मेलन एवं वहां के डिज़नी वर्ल्ड की चर्चा है।
लॉस एंजलीस में विश्व हिन्दू परिषद के सम्मेलन में - धोती कुर्ते में रज्जू भैइया और उनके बायें अम्मां |
दादी की चिट्ठी - रमरीका यात्रा
भूमिका।। लन्दन होते हुऐ, वॉशिन्गटन।। फ्लोरिडा के सी-वर्ल्ड में मस्ती।। जमाइका, एरिज़ोना और सैन फ़्रांसिस्को की यात्रा।। विश्व हिन्दू परिषद के लॉस एंजेलिस सम्मेलन में।।प्यारे बेटे ...
खूब-सा प्यार।
सैन फ़्रांसिस्को से सोनल दीदी के मामाजी की कार से हम लोग ५०० मील दूर लॉस एंजेलिस आये। दो दिन बाबाजी की कॉन्फरेन्स थी। यहाँ पर बड़े चाचाजी (रज्जू भइया) व ऊषा बुआजी मिलीं। प्रोग्राम मे बड़े लोग भी थे व तुम्हारी तरह छोटे-छोटे बच्चो का भी डान्स प्रोग्राम था। राधा कृष्ण का नाच था। तुम्हारी बराबर लड़का कृष्ण बना था।
तीसरे दिन हम डिज़नी लैन्ड देखने गये। पहिले बस से गये। जब वहां पहुंचे तो १५ डालर का एक टिकट लिया। लाल-सफेद धारी की एक बस, हमें अन्दर ले गयी। अन्दर पहुंचे तो खूब बड़े से सफेद घोड़े की एक टमटम चली आ रही थी। उसने थोड़ी देर घुमाया।
जैसे अपने यहां ट्रेन होती है वैसी एक ट्रेन थी उसमें चढ़े। उसने पूरा डिज़नी वर्ल्ड घुमाया। जंगलों, बने हु़ऐ पहाड़ों से होती हुई एक जगह पहुंची जहां ग्रैन्ड कैन्यन की ट्रू कॉपी बनी थी।
वहां से हम आये तो दिन के बारह बज गये थे। इस समय डिज़नी वर्ल्ड के सारे कैरेक्टरस (Characters) की परेड होती है। कोई मिकी माउस बना है कोई कुछ। अग्रजी कहानी पर आधारित लोगो का ग्रुप निकला। जैसे सेवेन ड्वॉर्फस् की कहानी में सात ड्वॉर्फ बने थे व बाकी लोग साथ में नाच रहे थे। सिन्ड्रेला की कहानी में सिन्ड्रेला बैठी थी बाकी पात्र उसके चारो तरफ घूम व नाच रहे थे। इस तरह पन्द्रह-बीस चौकी थी। खूब बैंंड बज रहा था और हर कहानी की चौकी के बीच में दस लड़कियां नाच रहीं थीं। परेड देखकर हम आगे चले।
अफ्रीकन सफारी देखा। इसमें नाव में बैठकर गये। जगह-जगह तरह-तरह के जानवर बने थे हाथी, शेर, चीता, ऊंट, हिरन, मगर, कुछ वहीं के जानवर यह सब नकली थे पर आवाज सब असली जैसे करते थे। चलते थे व गर्दन हिलाते थे। वहां से हम लोग एक पेड़ के पास पहुंचे। एक बहुत ऊंचा, नकली पेड़ बनाया था जिसके फुनगी पर एक घर बना था जैसा फैन्टम ने डायना के लिए जंगल हाउस बनाया था। बाथरूम, बेडरूम,किचन, नर्सरी सब कुछ चाहे सीढ़ी से जाओ, चाहे रस्सी से झूलकर जाओ।
फिर हम गये समॉल वर्ल्ड देखने। पानी की गहरी नहर के अन्दर सबमैरीन थीं। वे रिमोट कन्ट्रौल से चलती थीं। कोई ड्राइवर नही था। हम उसके अन्दर बैठ गये। वे एकदम से अन्दर चली गयी और हमने सारे संसार की गुड़ियों की झांकी देखी। जिस देश की गुड़िया,उसी देश की पोशाक और वहीं का गाना व बैंड बाजा व वहीं के तरह-तरह के जानवर। पूरा गोल चक्कर लगाकर हम बाहर निकले।
एक स्पेस माउन्टेन बनाया था। जिसके अन्दर जाने पर, एकदम ऊपर ले जाकर, नीचे एक झटके से लाते है एकदम अंधेरे में। एक सेकेन्ड को लगता हे मानों प्राण निकल गये हैं। इसमे सिर्फ तुम्हारे बाबाजी गये। हार्ट पेशेन्ट को जाना मना था। वहां पर तुम्हारे लिए एक मिकी माउस की पेन्सिल व टी-शर्ट ली।
तुम्हारी दादी मां
सबसे बायें अम्मां, उसके बाद ऊषा बुआ की बेटी भावना, फिर सबसे दायें ऊषा बुआ |
#LosAngeles #VishvaHinduParishad
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