बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां श्रंखला कि इस चिट्ठी में हैली धूमकेतु की चर्चा है।
हैली का धूमकेतु, सबसे प्रसिद्घ पुच्छल तारा है। इसका नाम प्रसिद्घ खगोलशास्त्री एडमंड हैली (Edmond Halley) के नाम पर रखा गया है। हैली न्यूटन के समकालीन थे। उनका जन्म ८.११.१६५८ को और मृत्यु १४.१.१७४२ में हुई। उन्होने धूमकेतुओं के बारे में अध्ययन किया। उनका कहना था कि जो धूमकेतु सन् १६८२,में दिखायी दिया था यह वही धूमकेतु है जो सन् १५३१ व १६०७ तथा संभवत: सन् १४६५ में भी दिखायी पड़ा था। उन्होंने गणना द्वारा भविष्यवाणी की कि यह सन् १७५८ के अन्त के समय पुन: दिखायी पड़ेगा। ऎसा हुआ भी कि यह पुच्छल तारा १७५८ के बड़े दिन की रात्रि (Christmas night) को दिखलायी दिया। तबसे इसका नाम हैली का धूमकेतु पड़ गया।
हैली की मृत्यु १४ जनवरी १७४२ को हो गयी यानि उन्होंने अपनी भविष्यवाणी सच होते नहीं देखी। इसके बाद यह पुच्छल तारा नवम्बर १८३५, अप्रैल १९१०,और फरवरी १९८६ में दिखायी पड़ा। यह पुन: २०६१ में दिखायी पड़ेगा।
यह चित्र नासा और लिक वेधशाला के सौजन्य से है
इस धूमकेतु के साथ एक अन्य प्रसिद्घ व्यक्ति भी जुड़ा है। वे हैं प्रसिद्घ लेखक मार्क ट्वैन (Mark Twain)। आपका जन्म ३०.११.१८३५ को हैली धूमकेतु के आने पर हुआ था और मृत्यु २१.४.१९१० को, जब यह धूमकेतु अगली बार आया।
पुच्छल तारे सारी सभ्यताओं में अशुभ माने जाते हैं। इस गणना ने यह सिद्घ कर दिया कि यह किसी अशुभ घटना या दैविक प्रकोप का कारण नहीं है पर विज्ञान से जुड़ी घटना है। यदि हम पीछे की गणना करें तो यह १२ बी. सी. में या फिर ६६ ए. डी. में पृथ्वी पर दिखायी दिया होगा। यदि बेथलेहम का तारा हैली धूमकेतु था तो प्रभू ईसा का जन्म या १२ बी.सी. में या फिर ६६ ए.डी. में हुआ होगा। मेरे विचार से इतना अन्तर नहीं हो सकता और वह तारा हैली का धूमकेतु या फिर और कोई धूमकेतु नहीं हो सकता है। इसके कई कारण और भी हैं।
- पुच्छल तारा, अन्य तारों से भिन्न होता है। सारी सभ्यताओं में पुच्छल तारा को पुच्छल तारा कह कर ही बताया गया है। यदि पुच्छल तारा होता तो वही कहा जाता।
- सारी सभ्यताओं में, पुच्छल तारे अशुभ माने जाते हैं। यदि प्रभू ईसा के जन्म के समय पुच्छल तारा निकला था तो वह कम से कम वे लोग पुच्छल तारे को अशुभ नहीं मानते।
- यदि वह हैली के अतिरिक्त कोई और धूमकेतु था तो वह फिर क्यों नहीं आया।
- धूमकेतु की पूंछ हमेशा सूर्य से दूर रहती है यानी कि पूंछ पश्चिम की ओर। इसलिये धूमकेतु कभी भी पश्चिम दिशा की ओर इंगित नहीं कर सकते हैं। यदि पश्चिम से लोग आते तो शायद कहा जा सकता कि वह धूमकेतु था पर यहां तो पूरब से लोग आये थे।
बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।। प्रभू ईसा का जन्म बेथलेहम में क्यों हुआ?।। क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है।। बेथलेहम का तारा क्या था।। बेथलेहम का तारा उल्कापिंड या ग्रहिका नहीं हो सकता।। पिंडों के पृथ्वी से टक्कर के कारण बने प्रसिद्ध गड्ढ़े।। विज्ञान कहानियां क्या होती हैं और उनका मूलभूत सिद्धान्त।। विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार।। उल्का, छुद्र ग्रह, पृथ्वी पर आधारित विज्ञान कहानियां और फिल्में।। धूमकेतु या पुच्छल तारा क्या होते हैं।। हैली धूमकेतुहिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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is post per halley ke dhoomketu ke baare mein charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen. This post talks about Halley's comet. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script. |
सांकेतिक शब्द
Halley's CometAstronomy, Astronomy, bible, Bible, Star of Bethlehem, बेथलेहम का तारा
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ट्वेन के जीवन में दो बार था! हमने तो सन ८६ में देखा। बड़ा सुन्दर लगा था। अगला तो देख न पायेंगे। :(
ReplyDeleteरोचक जानकारी के लिए आभार.
ReplyDeletebahut hi achhi jankari,astronomy always attracts me,bahut sundar
ReplyDeleteउपयोगी ग्यानवर्धक जानकारी ,आख़िर बेथलहम का तारा फिर क्या था -यह उत्सुकता बनी हुयी है
ReplyDeleteबेहद रोचक जानकारी के लिए आभार.
ReplyDeleteAap kahan kho gaye sir? Aapki khairiyat jaanne ke liye hindi blog jagat bekarar hai.
ReplyDeleteजाकिर जी, मैं सिक्किम घूमने चला गया था। बहुत जल्द आपको वहां की सैर पर ले चलूंगा।
ReplyDeleteयह जानकर खुशी हुई कि आप सिक्किम की सैर करके आए हैं। वहाँ की दिलचस्प जानकारियों का इंतजार रहेगा।
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