Saturday, October 17, 2009

यू हैव किल्ड गॉड, सर

 इस चिट्ठी में अमेरिका के लूज़िआना राज्य के साइंस एजूकेशन ऐक्ट, विलायती फिल्म 'क्रिएशन' और 'डार्विन, विकासवाद, और मज़हबी रोड़े' श्रंखला के निष्कर्ष की चर्चा है।
इस चिट्ठी को आप सुन भी सकते है। सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह ऑडियो फाइल ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में,
सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें। यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम लिखा है वहां चटका लगायें। इन्हें डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।
 
न्यायालय से पटखनी खाने के बाद भी कट्टरवादियों ने हार नही मानी। वे किसी तरह से ऎसे  कानून बनाने पर जोर दे रहे हैं जिससे कि लगे कि डार्विन का विकासवाद का सिद्वान्त गलत है। अमेरिका के ऎलाबामा (Alabama),  फ्लोरिडा (Florida), मिशिगन (Michigan),  मिसूरी (Missouri), और साउथ कैरोलाइना ( South Carolina)  राज्यों में इस तरह के कानून लाये गये पर वे पास नहीं हो पाये और २००८ में मृत हो गये पर जून २००८ में, लूज़िआना राज्य में 'साइन्स एजूकेशन ऐक्ट' (Science Education Act) पारित किया गया है। यह पुन: विद्यार्थियों में सृजनवाद पढ़ाने के रास्ते खोल सकता है। इस अधिनियम की सारे वैज्ञानिकों ने निन्दा की है।  अफसोस की बात यह है कि  इसे भारतीय मूल के बॉबी ज़िन्दल ने हरी झंडी दी है।
 

डार्विन के जीवन पर इस साल एक नयी फिल्म 'क्रिएशन' (Creation) नाम से बनी है। इसमें डार्विन और उसकी पत्नी ऐमा की भूमिका, पॉल बेटॅनी और जेनिफर कॉनेली ने निभायी है जो कि वास्तविक जीवन में भी पति और पत्नी हैं। यह फिल्म अमेरीका में नहीं दिखायी जा रही है। वहां पर कोई भी फिल्म वितरक इसे वितरण के लिये नहीं लेना चाहता है। उन्हें डर है कि सृजनवादी इसके खिलाफ धरना देगें, प्रदर्शन करेंगे। इस फिल्म में एक जगह एक थॉमस हेनरी हक्सले डार्विन से कहता है
'All mighty can no longer claim to have authored every species under a week.
You have killed God, Sir'
लोग, डार्विन के सिद्धांत को इसी तरह से समझते हैं। इसलिये,  यदि आप कट्टरवादी हैं तो आपको उसका सिद्धांत, यह फिल्म विवादास्पद लगेगी। इस चिट्ठी का शीर्षक मैंने इसी डायलॉग से लिया है। इस फिल्म का ट्रेलर देखिये - आपको पसन्द आयेगा। मैंने जिस डायलॉग की चर्चा की है वह भी इसमें है। 

इस फिल्म में डार्विन और उसकी पत्नी ऐमा की भूमिका पॉल बेटॅनी (Paul Bettany) और जेनिफर कॉनली (Jennifer Connelly) ने निभायी हो जो कि वास्तविक जीवन में भी पति और पत्नी हैं।

चर्च आफ इंग्लैंन्ड ने,  डार्विन के प्रति किये गये अन्याय पर माफ़ी मांग ली।  उनका कहना है कि डार्विन के विकासवाद का सिद्धांत उनके मज़हब के विरूद्ध नहीं है।  वे प्रयत्नशील है कि किसी तरह यह लड़ाई समाप्त हो पर  कट्टरवादी कहीं भी हो, किसी भी धर्म के हों, जब वे हाथ से बाहर निकल जाते है तो किसी की भी नहीं  सुनते हैं।  क्या  वे तर्क  को, सबूतों को,  विज्ञान को समझेंगे या फिर क्ट्टरवादिता, विज्ञान पर विजय प्राप्त कर लेगी? क्या क्रिएशन फिल्म अमेरिका में प्रदर्शित हो पाएगी?  लगता नहीं कि ऐसा हो पायेगा :-(

'उन्मुक्त जी यह आप कैसे कह सकते हैं?'
मैं तो यह ब्रिटिश काउंसिल (British Council) की प्रार्थना पर इप्सॉस मोरी (Ipsos MORI) के द्वारा डार्विन के ऊपर किये गये सर्वे के कारण कहता हूं। इसका डाटा आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं। इसका कुछ अंश मैं यहां प्रदर्शित कर रहा हूं।


देश विकासवाद वैज्ञानिक तथ्य हैं हां/ नहीं विकासवाद और ईश्वर - दोनो सम्भव विकासवाद अन्य सिद्धान्तों के साथ
अर्जेनटीना ४४/ ७ ६२ २३/ ६५
चीन ५५/ ७ ३९ १९/ ४२
मिस्र ८/ १९ ४५ १८/ १
इंगलैंड ५१/ ७ ५४ २१/ ५४
भारतवर्ष ३८/ २ ८५ ३७/ ४०
मेक्सिको ५२/ ९ ६५ २८/ ५६
रूस ३९/ ८ ५४ १०/ ५३
. अफ्रीका ८/ ४ ५४ ११/ २९
स्पेन ३९/ ५ ४६ ३४/ ३१
अमेरिका ३३/ २४ ५३ २१/ ५१


यह चार्ट प्रतिश्त में है। इससे पता चलता है कि यद्यपि 'विकासवाद के लिये वैज्ञानिक तथ्य हैं' (कॉलम १) का प्रतिशत  'विकासवाद के लिये वैज्ञानिक तथ्य नहीं हैं' से केवल मिस्त्र (Egypt) को छोड़ कर बाकी देशों में ज्यादा है फिर भी  'ईश्वर एवं विकासवाद पर एक साथ विश्वास किया जा सकता है' (कॉलम २) से कम है और 'विकासवाद व अन्य सिद्धान्त पढ़ाये जाने चाहिये' (कॉलम ३) का प्रतिशत 'केवल विकासवाद पढ़ाया जाना चाहिये' के प्रतिशत से, स्पेन को छोड़, सब देशों में अधिक है।

कहावत है कि झूट, होता है, फिर सफेद झूट , फिर सांख्यिकी - आंकड़े अक्सर गलत बताते हैं। ईश्वर करे कि यह सही हो :-)

ऐसे खबर है कि भारतीय और चीनी विद्यार्थियों को सृजनवाद भा रहा है। विश्वास नहीं,  तो अन्तरजाल पर घूम रहा कार्टून देखिये।

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आज दिवाली है - विजय का त्योहार: ज्ञान की अज्ञानता पर, धर्म की अधर्म पर, रोशनी की अंधकार पर - इसी पर्व पावन पर यह श्रंखला इस आशा के साथ समाप्त होती है कि विज्ञान की धार्मिक कट्टरता पर  विजय होगी। आपको दीपवली शुभ हो। 

कौन ... कहता है कि हमारे और बन्दरों के पूर्वज एक थे देखिये हममें कितना अन्तर है।
यह चित्र मेरा नहीं है। इस श्रंखला के दौरान किसी ने यह चित्र भेजा है। यदि इसके कॉपीराइट स्वामी को आपत्ति हो तो मैं चित्र को हटा दूंगा।

मैं बहुत जल्दी आपको दो नयी श्रंखला में ले चलूंगा। पहली में हम बात करेंगे एक ऐसे उपन्यास और उससे जुड़ी कहानियों के बारे में है जो न केवल २०वीं शताब्दी के उत्कृष्ट अमेरिकन साहित्य में गिना जाना जाता है पर,  मेरी बिटिया रानी के अनुसार, जिसे अमेरिका के कॉलेज जाने वाले प्रत्येक विद्यार्थी ने कम से कम एक बार पढ़ा है और दूसरी में, मैं आपको देव भूमि हिमाचल की यात्रा में ले चलूंगा।

डार्विन, विकासवाद, और मज़हबी रोड़े 
भूमिका।। डार्विन की समुद्र यात्रा।। डार्विन का विश्वास, बाईबिल से, क्यों डगमगाया।। सेब, गेहूं खाने की सजा।। भगवान, हमारे सपने हैं।। ब्रह्मा के दो भाग: आधे से पुरूष और आधे से स्त्री।। सृष्टि के कर्ता-धर्ता को भी नहीं मालुम इसकी शुरुवात का रहस्य।। मुझे फिर कभी ग़ुलाम देश में न जाना पड़े।। ऐसे व्यक्ति की जगह, बन्दरों से रिश्ता बेहतर है।। विकासवाद उष्मागति के दूसरे नियम का उल्लंघन करता है।। समय की चाल - व्यवस्था से, अव्यवस्था की ओर।। मैंने उसे थूकते हुऐ देखा है।। यदि विकासवाद जीतता है तो इसाइयत बाहर हो जायगी।। विकासवाद पढ़ाना मना करना, मज़हबी निष्पक्षता का प्रतीक नहीं।। सृजनवाद धार्मिक मत है विज्ञान नहीं है।। 'इंटेलिजेन्ट डिज़ाईन' - सृजनवादियों का नया पैंतरा।। यू हैव किल्ड गॉड, सर।।




About this post in Hindi-Roman and English
is chitthi mein america ke Louisiana rajya ke 'science education act', british film 'creation' aur 'Darwin, Vikaasvaad, aur Majhhabee rore' shrankhlaa ke nishkarsh kee charchaa hai. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about Science Education Act enacted by State of Louisiana, British film 'Creation' and conclusion of 'Darwin, Evolution and Religious Fervour' series. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक चिन्ह
Hindi,।
Hindi Podcast, हिन्दी पॉडकास्ट,

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6 comments:

  1. पोस्ट से अलग परिवार के लिए:

    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    सादर

    -समीर लाल 'समीर'

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  2. Anonymous9:03 am

    If somebody can have faith in God. They can have faith in anything. Having faith in God opens the doors to a limitless amount of faith.

    There are people who argue that Evolution exists because God wanted it this way.

    Apparently it's God who planted all the fossils and the evidence about the dinosaurs and all those incredible creatures.

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  3. मेरा एक प्रश्न सदा सर्वदा से रहा है- अगर ईश्वर है, और, माना कि ईश्वर है, और उसने हम सबको बनाया है, पर, फिर ईश्वर को किसने बनाया?

    और, ईश्वर क्या सिर्फ मानवों के लिए है? कीट पतंगों, कुत्तों बिल्लियों के ईश्वर कौन हैं?

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  4. इस सर्वे और फिल्म के बारे में कुछ दिनों पहले कहीं और पढ़ा था. इसके अलावा एक धर्म पर आधारित सर्वे भी था जिसमें यह बताया गया था कि किस धर्म के कितने प्रतिशत लोग विकासवाद को मानते हैं. अगली श्रृंखला का इंतज़ार रहेगा.

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  5. बहुत सुंदर श्रृंखला है, इसी बहाने एक से बढकर एक जानकारी मिल रही है। आभार।
    ( Treasurer-S. T. )

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  6. Anonymous12:23 pm

    agar hum surya ko ishvar man lein, uski har kiran ko jivan, to kan kan mein hue bhagvan. kutte, billi ke bhagvan kaun prashn ka uttar kya nahi mil jata hai? :-)

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आपके विचारों का स्वागत है।