Saturday, June 22, 2013

ठंडा रखने के लिये, प्रकृति का प्रयोग

इस चिट्ठी में, भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (इंडियन वेर्टनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट) (आईवीआरआई) के संग्रहालय एवं पुराने वैक्सीन भण्डारगृह की चर्चा है।

संग्रहालय में रखा गया एक चित्र

हम लोग संस्थान के संग्रहालय को देखने के लिए गये। इस संग्रहालय में उनके बहुत पुराने ब्वायलर थे। मेरे पूछने पर कि ये किस लिए थे तो उन्होंने बताया कि इनका प्रयोग उपकरणों का वंध्यीकरण (sterilise) करने में किया जाता था।

उस समय कोई फोटोग्राफी की सुविधा नही थी । इसलिए कोई बीमारी किसी जानवर के भाग को किस तरह से प्रभावित करती थी उसे चित्रित किया करते थे। गया था। इस तरह का एक चित्र भी
, संग्रहालय में था।

इस संस्थान को बने, सौ साल से ज्यादा हो गया है। यहां मुख्य काम वैक्सीन बनाने का है। यहां से वैक्सीन विदेशों में, खास तौर से अरब देशों तक भेजे जाते थे। वैक्सीन के लिए जरूरी था कि इसको एक ठंड़े तापमान पर रखा जाए जो १० से १५ डिग्री सेलसियस हो। पुराने समय में ठंडे करने की सुविधा नहीं थी। इसके लिये वहां पर प्रकृति का प्रयोग किया गया था।

डा. शर्मा मुझको एक गुफा में ले गये और यह गुफा एक पहाड़ी के अन्दर है और उस गुफा और पहाड़ी के बीच में एक खाली जगह है और इस खाली जगह पर पहाड़ी का प्राकृतिक पानी रस कर अन्दर आ जाता था जिसके कारण उस गुफा का जो तापमान था वह १० से लेकर १५ डिग्री सेलसियस था। 


हम लोग जब गये गुफा के अन्दर उसके अन्दर का तापमान ठंडा लगा। वहां पर अलग अलग आलमारियों में  वैक्सीन रखे जाते थे।  उनके पास इस तरह के दो गुफायें थी। हांलाकि इस समय इन गुफाओं का प्रयोग नहीं हो रहा है और आजकल उनके पास रेफीजेटर या अन्य मशीनें आ गयी है। 

अगली बार कुमाँयू ग्रामीण उद्योग और उसके काम के बारे में चर्चा करेंगें।

जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं
जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।। नैनीताल झील की सफाई के अन्य तरीके।। पास बैटने को कहा, तो रेशमा शर्मा गयी।। चीनी खिलौने - जितने सस्ते, उतने बेकार।।कमाई से आधा-आधा बांटते हैं।। रानी ने सिलबट्टे को जन्म दिया है।। जन अदालत द्वारा, त्वरित न्याय की परंपरा पुरानी है।। बिन्सर विश्राम गृह - ठहरने की सबसे अच्छी जगह।। सूर्य एकदम लाल और अंडाकार हो गया था।। बिजली न होने के कारण, मुश्किल तो नहीं।। हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज़ - सुन्दर तो लगेगा ना।। यह इसकी सुन्दरता हमेशा के लिये समाप्त कर देगा।। सौ साल पुरानी विरासत, लेकिन रख रखाव के लिये  पैसे नहीं।। वहां पहुंचने का कोई सुविधाजनक तरीका न था।। ठीक रख-रखाव के लिये, पुस्तक पर सोने की प्लेटिंग।।ठंडा रखने के लिये, प्रकृति का प्रयोग।।


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This post in Hindi (Devnagri script) is about museum and old store for the vaccines of the Indian Veterinary  Research Institute. You can read translate it into any other  language also – see the right hand widget for translating it.

hindi (devnagri) kee is chitthi mein, Indian Veterinary  Research Institute ke sangrahaalay evam puraane bhandargreh kee charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द
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3 comments:

  1. एक जनसेवी संस्थान का गौरवशाली अतीत

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  2. प्रकृति के अपने शीतगृह..

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  3. हमेशा की तरह नवीन रोचक और उम्दा जानकारी ।

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