Saturday, June 29, 2013

द मैन हू न्यू इनफिनिटी

इस चिट्ठी में, रॉबर्ट केनिगेल (Robert Kanigel) के द्वारा लिखी पुस्तक 'द मैन हू न्यू इनफिनिटी: अ लाइफ ऑफ द जीनियस रामानुजन' (The Man Who Knew Infinity: A Life of the Genius Ramanujan) की समीक्षा है।


आईये कुछ चर्चा उन पुस्तकों, दास्तावेजों, और फिल्मों की जिन्हें मैंने रामानुजन पर श्रंखला को लिखने से पहले पढ़ा और देखा।

मैंने रामनुजन पर यह श्रंखला लिखने से पहले, एक लेख, सात पुस्तकें पढ़ीं और एक वृत चित्र देखा।  सबसे पहले बात करते हैं रॉबर्ट कैनिगेल की लिखी पुस्तक  'द मैन हू न्यू इनफिनिटी: अ लाइफ ऑफ द जीनियस रामानुजन'

यह पुस्तक, न केवल रामानुजन की जीवनी है पर हार्डी की भी; और वे एक दूसरे के लिये क्या थे। यह एक दिलचस्प और प्रेरणादायक पुस्तक है और मेरे विचार से बेहतरीन जीवनी है।

यह कहानी है - एक गरीब पर आत्मविश्वासी नवयूवक की। यह कहानी है तंगहाली में वैज्ञानिक उपलब्धि की। यह न केवल उस उपलब्धि की कहानी है पर उस समय की मनोवृति, सांस्कृतिक और समाजिक अंतर की।

इस पुस्तक में, उस गणित की चर्चा है जो कि रामानुजन ने की; उन समीकरण की, जिससे उन्हें प्यार था। यह सब बहुत आसान तरीके से समझाया है। यदि आप उन्हें नहीं समझते हैं तब आप उन्हें छोड़ सकते हैं। इससे पुस्तक के प्रवाह में कोई अन्तर नहीं पड़ता।
रॉबर्ट कैनिगेल - चित्र विकिपीडिया से


रॉबर्ट केनिगेल, इस पुस्तक पर एक फिल्म भी बना रहे हैं।

यह पुस्तक १९९१ में छपी थी। उस समय रूपा ने इसका भारतीय संस्करण, १०० रुपये में निकाला था। मैंने उसे इसी समय पढ़ा था। इसे पढ़ने के बाद पहली बार लगा, हम किसी से कम नहीं।


यह लोगों को उपहार देने की मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है। मैंने बहुतों  को इसे उपहार में दिया। यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है तब अवश्य पढ़िये, अपने मुन्ने, मुन्नी को पढ़ने के लिये दें।

मुझे कोई शक नहीं कि यह पुस्तक नवयूवकों को, उस महान व्यक्ति का अनुकरण करने के लिये प्रेरित करेगी। क्या मालुम हमारे बीच दूसरा कोई रामानुजन छिपा हो और पुस्तक पढ़ने के बाद, वह खिल जाय।

अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन 
भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।। रामानुजन को भारत में सहायता।। रामानुजन, गणित की मुशकिलों में फंस गये हैं।। दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे।। दूसरा न्यूटन मिल गया है।। अभाज्य अंक अनगिनत हैं।। दस खरब असाधारण शून्य सीधी पंक्ति में हैं।। दस लाख डॉलर अब भी प्रतीक्षा में हैं।। मेरे जीवन का रूमानी संयोग शुरू हुआ।। गणित में, भारत इंगलैंड से सदियों पीछे था।। उनका नाम गणित के इतिहास में अमर हो जायगा।। रामनुजम ने स्वयं अपना आविष्कार किया।। रामानुजन को, इंग्लैड का खान-पान  रास नहीं आया।। हार्डी, यह नम्बर अशुभ नहीं है।। द मैन हू न्यू इनफिनिटी।।


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This post in Hindi (Devnagri) is book review of Robert Kanigel's 'The Man Who Knew Infinity: A Life of the Genius Ramanujan'. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

Hindi (Devnagri) kee is chhitthi mein Robert Kanigel kee likhee pustak 'The Man Who Knew Infinity: A Life of the Genius Ramanujan' kee smeeksh hai. ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द  
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2 comments:

  1. पढ़ने की सूची में सम्मिलित कर ली यह पुस्तक।

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  2. shweta12:02 pm

    If will get any chance will read this book. Thanks .

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