Saturday, June 01, 2013

रामानुजन को, इंग्लैड का खान-पान रास नहीं आया

इस चिट्ठी में रामानुजन के अन्तिम समय और उनके मृत्यु की चर्चा है।
ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज़, जहां रामनुजन गये - विकिपीडिया के सौजन्य से।

रामानुजन, १९१४ में, इंग्लैड पहुंचे। वे शाकाहरी थे। उन्हें, वहां का खान पान  रास नहीं आया। वहां की आबो हवा ठंडी थी। वे अकेलेपन के भी शिकार हो गये। १९१८ में, वे बीमार हो गये और १९१९ में, भारत वापस आ गये। लेकिन बहुत जल्दी ही, २४-४-१९२० को, उनकी मृत्यु हो गयी।

रामानुजन की मृत्यु का ठीक कारण नहीं पता। हांलाकि उनकी मृत्यु के लिये तपेदिक की बिमारी कही जाती है। लेकिन उनके शरीर में,  विटामिन की कमी ने भी, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। 


१९९४ में डाक्टर डीऐबी यंग (Dr. DAB Young) उनके चिकित्सीय रिकॉर्ड देखने के बाद निर्णय निकाल कि उनकी मृत्यु लीवर के यकृत अमीबारुग्णता (hepatic amoebiasis) के कारण हुई। यह परजीवी संक्रामक रोग (parasitic infection) है और उस समय मद्रास में काफी फैला था।

रामानुजन अपना खाना तांबे के बर्तनों में खुद बनाते थे। उस समय, कैम्ब्रिज़ विश्विद्यालय में, इस तरह की अफवाह थी कि बर्तन ठीक प्रकार से साफ न होने के कारण उनमें जहर फैल गया था।

रामनुजन की विधवा - जानकी की मृत्यु १९९४ में हो गयी। वह अपनी मृत्यु तक चेन्नई में रहीं।
 

उन्मुक्त जी,
'क्या यह श्रृंखला पूरी हो गयी?'
अभी कैसे, अभी तो उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण किस्सा, रामनुजन - हार्डी के टैक्सी नम्बर किस्से की चर्चा तो हुई ही नहीं। अगली बार उसी की चर्चा होगी।

अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन 
भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।। रामानुजन को भारत में सहायता।। रामानुजन, गणित की मुशकिलों में फंस गये हैं।। दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे।। दूसरा न्यूटन मिल गया है।। अभाज्य अंक अनगिनत हैं।। दस खरब असाधारण शून्य सीधी पंक्ति में हैं।। दस लाख डॉलर अब भी प्रतीक्षा में हैं।। मेरे जीवन का रूमानी संयोग शुरू हुआ।। गणित में, भारत इंगलैंड से सदियों पीछे था।। उनका नाम गणित के इतिहास में अमर हो जायगा।। रामनुजम ने स्वयं अपना आविष्कार किया।। रामानुजन को, इंग्लैड का खान-पान  रास नहीं आया।।



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This post in Hindi (Devnagri) talks about the reason of Ramanujan's death. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

Hindi (devnagri) kee is chhitthi mein, ramujan ke antim samay aur unke mrityu ke karan kee charchaa hai. ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द  
Srinivasa-Ramanujan,
जीवनी, जीवनी, जीवनीbiography,

7 comments:

  1. यह दुखद रहा ....

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  2. हार्डी साहब के बारे में भी एक विस्तृत चर्चा हो जाये.

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    1. हार्डी के बारे में एक छोटी चर्चा यहां की है। विस्तृत चर्चा में समय चाहिये।

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  3. घर के पंछी को बाहर की हवा कहाँ रास आती है। दुखद अन्त।

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  4. रामानुजन के बारे में पढ़ना हमेशा अच्छा लगता है।

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  5. हमेशा ही ज्ञान के सागर की तरह लगते है रामानुजन ।

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  6. Anonymous12:36 pm

    Ati uttam

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