इस चिट्ठी में, रामनुजन-हार्डी के टैक्सी नम्बर किस्से की चर्चा है।
रामुनजन-हार्डी के समय चलने वाली टैक्सियां। चित्र लंडन टैक्सी हिस्टरी के वेबपेज से। इसका नम्बर, इस प्रकरण को बताने के लिये बदल दिया गया है। |
इंग्लैंड में, रामनुजन बीमारी के समय आरोग्य निवास (Sanatorium) में भर्ती थे। हार्डी प्रत्येक सप्ताहांत उनसे मिलने जाते थे। कुछ दूरी ट्रेन से और बाद की दूरी वह टैक्सी पर करते थे। एक बार उन्होंने रामनुजन से कहा कि जिस टैक्सी पर आये थे। शायद उसका नम्बर अशुभ है।
रामानुजन के टैक्सी नम्बर पूछने पर उन्होंने बताया कि वह १७२९ और यह शायद इस लिये अशुभ है कि १३ नम्बर इसका गुणक है - १७२९ = १३x१३३
रामनुजन ने कहा हार्डी यह नम्बर तो अशुभ नहीं है लेकिन अत्यंत रोचक नम्बर है। यह सबसे छोटा वह नम्बर है जो कि दो अलग तरीको से दो संख्याओं के धन के जोड़ के तरीके से लिखा जा सकता है।
१७२९=१२३+१३ = १०३+९३
रामनुजन अक्सर कहते थे कि उनकी कुल देवी नामगिरी ही उन्हे गणित के सूत्र और अनुमान बताती थी, मालूम नहीं क्या सच है।
हार्डी ने अपनी पुस्तक 'अ मैथमेटीशिन अपॉलोजी" (A Mathematician's Apology), में लिखा,
'Archimedes will be remembered when Aeschylus is forgotten, because languages die and mathematical ideas do not. 'Immortality' may be a silly word, but probably a mathematician has the best chance of whatever it may mean.'हार्डी ने सच ही लिखा, रामनुजन अमर हैं।
लोग, ऐस्किलस को भूल जायेंगे, लेकिन आर्कमडीज़ को याद रखेंगे। क्योंकि भाषाये लुप्त हो जाती हैं गणितीय विचार नहीं। अमरत्व एक बेवकूफी की बात हो पर शायद किसी गणितज्ञ के लिये अमरत्व पाना संभव हो।
अगली बार कुछ चर्चा उन पुस्तकों के बारे में, जहां से, इस श्रंखला लिखने के लिये तथ्य मिले।
अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन
भूमिका।। क्या शून्य को शून्य से भाग देने पर एक मिलेगा।। मैं तुम्हारे पुत्र के माध्यम से बोलूंगी।। गणित छोड़ कर सब विषयों में फेल हो गये।। रामानुजन को भारत में सहायता।। रामानुजन, गणित की मुशकिलों में फंस गये हैं।। दिन भर वह समीकरण, हार्डी के दिमाग पर छाये रहे।। दूसरा न्यूटन मिल गया है।। अभाज्य अंक अनगिनत हैं।। दस खरब असाधारण शून्य सीधी पंक्ति में हैं।। दस लाख डॉलर अब भी प्रतीक्षा में हैं।। मेरे जीवन का रूमानी संयोग शुरू हुआ।। गणित में, भारत इंगलैंड से सदियों पीछे था।। उनका नाम गणित के इतिहास में अमर हो जायगा।। रामनुजम ने स्वयं अपना आविष्कार किया।। रामानुजन को, इंग्लैड का खान-पान रास नहीं आया।। हार्डी, यह नम्बर अशुभ नहीं है।।
सांकेतिक शब्द
। GH Hardy, A mathematician's Apology,। Srinivasa-Ramanujan,
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अंकों में उनके प्राण बसते थे।
ReplyDeleteरोचक!
ReplyDeleteउनकी यश काया तो अमर ही है !
ReplyDeleteबिल्कुल सही बात कही थी रामानुजन ने वो अमर हो गए सदा सदा के लिए ।
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