Saturday, April 20, 2013

यह इसकी सुन्दरता हमेशा के लिये समाप्त कर देगा

कुमाऊं-बिन्सर में ज़ीरो पॉइन्ट पर सफाई नहीं थी। इस चिट्ठी में उसी की चर्चा है।
ज़ीरो पॉइन्ट रास्ते का दृश्य


बिन्सर में, हम लोग सुबह ज़ीरो पॉइन्ट गये। लेकिन वहां पहुंच कर अच्छा नहीं लगा। वहां पर लोगों ने जगह जगह प्लास्टिक के रैपर, शराब की बोतलें फेंक रखी थीं। मेरे विचार से, इसमें कुछ  गलती सरकार की भी हैं।

मेरे विचार से, सरकार को वहां कचरा डालने के लिये प्लास्टिक लगी अलग अलग टोकरी रखनी चाहिये। एक में कांच के लिये, दूसरी प्लास्टिक के लिये और तीसरी कागज के लिये। ताकि वहां जो लोग घूमने के लिए आयें, टोकरी के अनुसार उसमें उसी तरह का कूड़ा डाल सकें। प्रत्येक हफ्ते में उस प्लास्टिक को बाँधकर सारे कूडे को वापस ले जाया जा सके। सरकार भी कुछ नहीं करती है और पर्यटक भी सफाई का कोई ध्यान नहीं रखते।


वहां पर शराब के कांच की बोतले भी पड़ी थीं। यह एकदम गलत है। कांच जानवरों को नुकसान पहुंचाता है। यदि सरकार कुछ नहीं कर पा रही है तो पर्यटक को समझना चाहिए कि जब हम किसी के घर जाते हैं तो गन्दा नहीं करते।  हम जानवरों के घर गये हैं हमे कुछ भी नहीं करना चाहिये जिसमें उन्हें नुकसान हो।  यदि पानी और शराब की बोतले ले जाते है अच्छा होगा कि उसे वापस अपने साथ होटल में ले जाए। चुरमुरे की प्लास्टिक की पैकेट भी वापस ले जाए और अपने होटल में ही डाले। जहां से आप इसे लायें है। 


इतनी गंदगी देखकर, मुझे साउथ अफ्रीका के क्रुगर पार्क की याद आयी। कितना साथ सुथरा पार्क था। हमारे वन उनसे कम सुन्दर नहीं है पर क्या हम लोग अपने पार्क को साफ नहीं रख सकते हैं? क्या हम लोग नहीं समझ सकते है कि हम लोग जो काम करते है वही एक दिन इस सुन्दरता को हमेशा के लिए समाप्त कर देगा? लेकिन हमारी समझ को क्या हो गया :-(


यह चित्र यहां से लिया गया है

अगली बार हम लोग मुक्तेश्वर चलेंगें।

जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली - कुमाऊं
जिम कॉर्बेट।। कॉर्बेट पार्क से नैनीताल का रास्ता - ज्यादा सुन्दर।। ऊपर का रास्ता - केवल अंग्रेजों के लिये।। इस अदा पर प्यार उमड़ आया।। उंचाई फिट में, और लम्बाई मीटर में नापी जाती है।। चिड़िया घर चलाने का अच्छा तरीका।। नैनीताल में सैकलीज़ और मचान रेस्त्रां जायें।। क्रिकेट का दीवानापन - खेलों को पनपने नहीं दे रहा है।। गेंद जरा सी इधर-उधर - पहाड़ी के नीचे गयी।। नैनीताल झील की गहरायी नहीं पता चलती।। झील से, हवा के बुलबुले निकल रहे थे।। नैनीताल झील की सफाई के अन्य तरीके।। पास बैटने को कहा, तो रेशमा शर्मा गयी।। चीनी खिलौने - जितने सस्ते, उतने बेकार।।कमाई से आधा-आधा बांटते हैं।। रानी ने सिलबट्टे को जन्म दिया है।। जन अदालत द्वारा, त्वरित न्याय की परंपरा पुरानी है।। बिन्सर विश्राम गृह - ठहरने की सबसे अच्छी जगह।। सूर्य एकदम लाल और अंडाकार हो गया था।। बिजली न होने के कारण, मुश्किल तो नहीं।। हरी साड़ी पर लाल ब्लाउज़ - सुन्दर तो लगेगा ना।। यह इसकी सुन्दरता हमेशा के लिये समाप्त कर देगा।।


About this post in Hindi-Roman and English 
This post in Hindi (Devnagri script) is about cleanliness at zero point at Binsar, kumaon. You can read translate it into any other  language also – see the right hand widget for translating it.

hindi (devnagri) kee is chitthi mein,  binsar kumaon ke zero point per safai kee charchha hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द
। Binsar, zero point, waste management,
। Kumaon,  
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14 comments:

  1. shweta5:28 pm

    In this regard I appreciate the tourist places in Wayanad which has been declared as plastic free zone and authorities are very strict in implementing the same. In most of the places tourists are not allowed to carry eatables and plastic water bottles. If someone wants to carry plastic bottle they need to keep some security deposit. They will stick a label on the bottle and deposit will be refunded on showing the label while returning. This ensures tourists will not litter the bottle wherever they feel.

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  2. We are oblivious and ill informed about our natural sources.

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  3. Abroad people love their natural bodies.

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  4. ज़रूरी है अपने कुदरती स्रोतों को प्यार करना .पर्यावरण को खुद का हिस्सा मान स्वच्छ रखना .अन्दर बाहर का पारितंत्र स्वयं हमारे होने से ,हमारे वजूद से जुड़ा है .वायु गंधाने लगेगी ,अग्नि अग्नि मिसायल बन जायेगी ,अन्तरिक्ष तैरते हुए कचरे का मलबा ,जल ई -कोलाई का बसेरा तो हम भी कहाँ हम रहेंगे .बसेरा हमारा भी उजड़ेगा .

    ॐ शान्ति .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  5. Indian follow rules religiously in USA but back home they disintegrate in observance .

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  6. bahut sunder yaatraa sansmaran

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  7. Americans recycle more than anyone produce less as original goods .Produce only big items like cars armaments etc.Thanks for your comments sir .

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  8. १२० करोड़ भारतीय, चलते चलते खाते हुए,हर जगह खाली लिफ़ाफ़े और प्लास्टिक बिखेर रहे हैं !

    अगर हमारी आदतों में कुछ सुधार आये कि हमें कूड़ा केवल कूड़ेदान में ही फेंकना है तो समस्या समाप्त हो जाने में समय नहीं लगेगा !

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  9. सुंदर प्रस्तुति।।।

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  10. सार्थक और सच्चा सच
    उत्कृष्ट प्रस्तुति


    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्ल्लित हों
    जीवन बचा हुआ है अभी---------

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    1. ज्योति जी, आपका चिट्ठा कहां है?

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  11. जरूरी है अपने से अपने घर से अपने मुहल्ले से अपने शहर से और अपने देश से प्यार करना । यदि इस ट्रेश बिन के साथ इस किस्म के पट्ट लगायें जायें तो शायद लोग सुधर जायें ।

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  12. वाह...उत्तम लेखन ...दीपावली की शुभकामनाएं.....

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