Thursday, April 30, 2020

यदि युधिष्ठिर की तरफ से, कृष्ण, चौसर खेलते?

 इस चिट्ठी में, कटैस्ट्रफी थ्योरी, उस पर आधारित विज्ञान कहानी और इस संभावना पर चर्चा है कि यदि कृष्ण  युधिष्ठिर की तरफ से चौसर खेलते तो क्या होता। 
द्रौपदी चिरहरण पर कृष्ण सहायता करते हुऐ - चित्र विकिपीडिया से
उन्मुक्त जी, आप भी अजीब हैं - शीर्षक कुछ, चिट्ठी कुछ और। बहुत गलत बात है।
रेने थौम एक फ्रांसीसी गणितज्ञ थे और टॉपोलोजी उनका विषय था। १९५८ में उन्हें फील्डस मेडल से भी नवाज़ा गया। १९६० के दशक में, उन्होंने गणित के नये क्षेत्र 'कटैस्ट्रफी थ्योरी' Catastrophe theory) की आधारशिला रखी। समान्यतः गणित सुचारु रूप से आने वाले बदलाव का अध्यन करती है और 'कटैस्ट्रफी थ्योरी' अप्रत्याशित बदलाव की।

यदि हम किसी रबर बैंड को खींच कर, छोड़ दें तो वापस अपने पुराने रूप में आ जाता है। लेकिन कभी ऐसा नहीं होता है - वह टूट जाता है। यह कब होता है, यदि ऐसा हो तो क्या होगा - कटैस्ट्रफी थ्योरी',  कुछ इस तरह के प्रश्नों के जवाब  देने की कोशिश करती है। १९७० दशक के, उत्तरार्ध में,  एलेक्ज़ैंडर वुडकॉक और मॉन्टे डेवीस ने, इस थ्योरी पर इसी नाम से जनसाधारण के लिये प्रकाशित की थी। मैंने तभी इसे पढा था। यदि आपको गणित में रुचि है तो इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें।

इतिहास में, बहुत से से क्षण आये, जिसमें यदि दूसरी बात हुई होती तो इतिहास बदल गया होता। यदि पृथ्वीराज चौहान ने मौहम्मद गोरी को माफ न कर, मृत्यदण्ड दे दिया होता। यदि चेतक के पैर में, मान सिंह के हांथी की सूंड़ में बंधी तलवार न लगी होती और राणा प्रताप का भाला मान सिंह की छाती को चीर कर गया होता तो इतिहास कुछ और ही होता।

भौतिक शास्त्री, समानांतर ब्रहमाण्ड की अवधारणा करते हैं और ऐसा संभव है कि वहां ऐसा न हुआ हो जैसा हमारे इतिहास में हुआ। यह रोचक कल्पना है कि वहां का जीवन कैसा होगा। विज्ञान कहानी लेखकों ने इस सिद्धान्त का फायदा लेकर, अपनी कल्पना की उड़ान भरी है।

जयन्त विष्णु नार्लीकर जाने माने वैज्ञनिक हैं और विज्ञान कहानियां भी लिखते हैं उनकी एक कहानी है ‘इतिहास बदल गया’। यह मूलतः मराठी में लिखी गयी थी और उससे अनुवाद कि गयी है। यह उनकी अन्य विज्ञान कहानियों के साथ, उनकी पुस्तक 'धूमकेतु' में प्रकाशित है। इस कहानी का कथानक इस तरह है। 


पानीपत की तीसरी लड़ाई का निर्णायक क्षण था मराठा साम्राज्य पुणे के पेशवा बालाजी बाजी राव के पुत्र विश्वासराव भट्ट पेशवा को गोली लग कर मर जाना। यही उनकी हार का कारण बना। ‘इतिहास बदल गया’ कहानी में इस बात की कल्पना है कि - 

  • विश्वासराव को गोली न लग कर, कान के बगल से निकल गयी; 
  • इसे देवीय घटना समझ कर, मराठा ने अधिक जोश से लड़ना शुरु किया;  और 
  • इसके कारण, अब्दीली की हार हो गयी। 

इसका क्या परिणाम रहा, इसी कि चर्चा इस कहानी में है।

आज कल महाभारत पुनः आ रही है। युधिष्ठिर, द्यूत क्रीड़ाग्रह में, हार गये हैं। युद्ध अब टाला नहीं जा सकता। एक बार कृष्ण से पूछा गया कि उन्हें तो सब मालुम था। जब शकुनि, दुर्योधन कि तरफ से खेल रहे थे तब वह क्यों नहीं युधिष्ठिर की तरफ से खेले। उनका कहना था,

'मैं तो बाहर खड़ा था पर बड़े भैइया (युधिष्ठिर) ने बुलाया ही नहीं। द्रौपदी ने बुलाया, तो उसकी सहायता करने चला आया।'
दूसरी बार तो द्रौपदी भी द्यूतक्रीड़ा गृह में थी। एक दिन पहिले, कृष्ण ने उसकी सहायता भी की थी। यदि युधिष्ठिर स्वयं या फिर द्रौपदी के कहने पर, उन्हें बुलाते तो वे अवश्य आते और खेलते। आपको क्या लगता है कि यदि ऐसा होता तो क्या शकुनि उनसे जीत पाता; क्या पांडवों को वनवास होता; क्या इन्द्रप्रस्थ पांडवों  के ही पास रहता और उन्हें वन न जाना पड़ता; क्या युद्ध टल जाता। क्या मालुम, समानांतर पृथ्वी में ऐसा ही हुआ हो। यदि हां, तो वहां का इतिहास और इस समय, वहां का जीवन कैसा होगा?

मेरे विचार से शकुनि, कृष्ण से कभी नहीं जीत सकते थे। हां शायद कृष्ण जानबूझ कर, खेल को बराबरी पर छोड़ देते। पांडवों को वनवास तो कभी नहीं होता और इन्द्रप्रस्थ उन्हीं के पास रहता। लेकिन युद्ध को टाला नहीं जा सकता था। उसे तो होना ही था। दुर्योधन, शकुनि, कर्ण, और दुःशासन युद्ध का कोई और कारण ढू़ढ लेते। मेरे विचार में, इस घटना के कारण, समानांतर पृथ्वी के जीवन में कोई अन्तर नहीं होगा।

About this post in English and Hindi-Roman
This post in Hindi (Devnagri) is about Catastrophe Theory, science fiction based on it and speculates what would have happened if Krishna would have played dice on behalf of Yudhishthir. You can translate it in any other language – see the right hand widget for converting it in the other script.

Hindi (Devnagri) kee is chhitthi mein, Catastrophe Theory, is per adhaarit vigyaan kahanee aur is baat kee charcha hai ki yadi krishna Yudhishthir kee taraf se chausar khelte to kya hota. ise aap kisee aur bhasha mein anuvaad kar sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

सांकेतिक शब्द 
। book, book, books, Books, books, book review, book review, book review, Hindi, kitaab, pustak, Review, Reviews, science fiction, किताबखाना, किताबखाना, किताबनामा, किताबमाला, किताब कोना, किताबी कोना, किताबी दुनिया, किताबें, किताबें, पुस्तक, पुस्तक चर्चा, पुस्तक चर्चा, पुस्तकमाला, पुस्तक समीक्षा, समीक्षा,
#CatastropheTheory #Multiverse #ParallelWorld 
#HindiBlogging #BookReview #हिन्दीब्लॉगिंग

5 comments:

  1. बहुत रोचक। कैटोस्ट्रोफ थियरी तो नहीं ज्यादातर विज्ञान कथा प्रेमी ऐसे कथानकों को अल्टरनेट हिस्ट्री के रुप में अब जानते हैं। मेरी दो कहानियाँ (अन्य किस किस की चर्चा करूं। इसी थीम पर हैं। राज करेगा रोबोट और अमरा वयम। दुर्भाग्य से दोनो अन्तर्जाल पर नहीं हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. यदि वे किसी पुस्तक में प्रकाशित हों तो उसका नाम और प्रकाशक का पता भी बतायें।

      Delete
  2. Please see this too - https://www.motherjones.com/media/2020/03/william-gibson-new-book-podcast-event/

    ReplyDelete
  3. Anonymous1:28 pm

    Thanks for finally writing about >"यदि युधिष्ठिर की तरफ से, कृष्ण, चौसर खेलते?" <Liked it!

    ReplyDelete
  4. Anonymous7:14 am

    Good one. Rahul

    ReplyDelete

आपके विचारों का स्वागत है।