Monday, June 16, 2008

पुच्छल तारों पर लिखी विज्ञान कहानियां

बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां श्रंखला कि इस चिट्ठी में धूमकेतु पुच्छल तारों पर लिखी गयी विज्ञान कहानियों की चर्चा है।

पुच्छल तारा/ धूमकेतु पर सबसे पहली कहानी जुले वर्न ने १८७७ में लिखी। इस पुस्तक का नाम है - 'धूमकेतु पर' (Off on a Comet; ऑफ ऑन ए कॉमेट) (इस कहनी को यहां पढ़ें)। इस कहानी में धूमकेतु पृथ्वी के पास से गुजरता है जिसमें लोग फंस जाते हैं। यह धूमकेतु २ साल बाद, सूरज का चक्कर लगा कर पृथ्वी के पास से गुजरता है तभी वे लोग पृथ्वी पर वापस आ पाते हैं।

जयंत नार्लीकर (Jayant Narlikar) जाने माने भारतीय खगोलशास्त्री हैं। उन्होंने, अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से की है। उन्होंने भी अंग्रेजी मराठी, और हिन्दी में विज्ञान कहानियां लिखी हैं। उनकी एक विज्ञान कहानियों की पुस्तक 'धूमकेतु' नाम से है। इस राजपाल एण्ड सन्स कश्मीरी गेट दिल्ली - ११०००४ ने छापा है। इसमे उनकी नौ विज्ञान कहानियों का संग्रह है। यह कहानियां पहले मराठी में लिखी गयी थीं और उसके बाद उनका हिन्दी में अनुवाद किया गया है। इसकी पहली कहानी का नाम धूमकेतु है।

यह कहानी कलकत्ता की इंद्राणी देवी और उनके पति दत्त बाबू की कहानी है। दत्त बाबू एक नया धूमकेतु ढूंढ़ते हैं पर उनकी गणना बताती है कि यह पृथ्वी से टकराने वाला है। इंद्राणी देवी और उनके पति दत्त बाबू किस तरह से अलग अलग तरीके से इसके बचाव का तरीका निकालते हैं। यही इसकी कहानी है।

यह तो, मैं बताने से रहा कि इंद्राणी देवी और दत्त बाबू ने धूमकेतु से बचने के लिये क्या तरीकों को अपनाया। क्योंकि कहानी ही सही, वह भी मेरे द्वारा नहीं पर जयंत नार्लीकर के द्वारा लिखी, फिर भी मैं 'ज्यादा पढ़ने के खतरे(?)!' के बाद 'उच्च-मध्य वर्ग की अभद्र रुक्षता' के कारण 'केमोफ्लाज़्ड पतनशीलता' में नहीं डूबना चाहता हूं :-) (ज्ञान जी और प्रत्यक्षा जी से क्षमा याचना सहित)

वैसे, इस पुस्तक की सारी कहानियां बेहतरीन हैं और विज्ञान के किसी न किसी विषय को छूती हैं। आप ,अपने मुन्ने और मुन्नी को इसे अवश्य पढ़ने को दें। यदि आप को विज्ञान में जरा सी भी रुचि है और यह पुस्तक नहीं पढ़ी है तो अवश्य पढ़ें।

वीनस (Venus) सुन्दरता की देवी हैं। शुक्र ग्रह को अंग्रेजी में वीनस इसलिये कहा जाता है कि वह सबसे चमकीला और सुन्दर दिखता है - ऐसे नरक यदि कहीं है तो वह वहीं। मुझे तो ग्रहों में सबसे चमकीला ब्रहस्पति (Jupiter) ग्रह लगता है। यह ग्रहों में सबसे बड़ा है और इसमें सूर्य बनने की क्षमता है। आर्थर सी कलार्क (Arthur C Clark) इसी बात का उपयोग अपनी कहानी २००१ स्पेस ऑडेसी (2001: Space Odyssey) और इस श्रंखला के बाद की पुस्तकों में किया है। मंगल (Mars) ग्रह कुछ लाल रंग लिये और आकाश में दिखाये देता है। कभी कभी ग्रह भी पास पास आ जाते हैं जिससे ज्यादा चमकीले हो जाते हैं। क्या बेथलेहम का तारा कहीं ग्रहों के पास आ जाने के कारण तो नहीं था। चलिये, इसकी चर्चा करेंगे इस श्रंखला की अगली कड़ी में।

मिल गया, मिल गया।
'अरे उन्मुक्त जी, यह एकदम से क्या हो गया? आप क्यों आर्कमडीस की तरह यूरेका युरेका बोलने लगे।'
श्रंखला 'अन्तरजाल की मायानगरी में' और 'वियाना यात्रा' समाप्त हो चुकी है। हांलाकि मैंने 'सिक्किम यात्रा' शुरू की है पर कुछ पाठकों के अनुसार,
'मेरे विचार में एक से ज़्यादा श्रंखला चले तो ही बेहतर होता है, एक तो विभिन्नता आती है और दूसरे क्या पता किसी को उस एक विषय में रूचि ही न हो फ़िर तो उसे आपके अगले श्रंखला का इंतज़ार ही करना पड़ेगा।'
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कौन सी नयी श्रंखला शुरू करूं।

इस चिट्ठी में लिखी कुछ सामग्री जानने के लिये, कुछ चिट्ठाकारों से ईमेल का आदान प्रदान हुआ। कुछ जानना चाहते थे कि मैं यह क्यों पूछ रहा हूं। मेरे कहने पर कि मैं एक विज्ञान कहानी में वर्णित महिला के बारे में लिखना चाहता हूं तो उनका कहना था,
'आजकल अक्सर विज्ञान कहानियों में मुख्य पात्र महिलायें होती हैं, जो कि सशक्त हैं और पुरुषों से किसी भी माने में कम नहीं। फिर आप इस ... महिला की ही क्यों बात कर रहे हैं।'
यह सच है। बस इसी से, मुझे एक नयी श्रंखला शुरू करने का विचार मिल गया 'महिला और विज्ञान कहानियां' या शायद 'विज्ञान कहानियों में महिलायें' बेहतर शीर्षक हो। चलिये जब तक मैं इसे लिखना शुरू करता हूं तब तक आप यह विडियो देखिये जिसमें पुच्छल तारा, छुद्र ग्रह, उल्का क्या होते हैं आसान तरीके समझाया गया है।





बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।। प्रभू ईसा का जन्म बेथलेहम में क्यों हुआ?।। क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है।। बेथलेहम का तारा क्या था।। बेथलेहम का तारा उल्कापिंड या ग्रहिका नहीं हो सकता।। पिंडों के पृथ्वी से टक्कर के कारण बने प्रसिद्ध गड्ढ़े।। विज्ञान कहानियां क्या होती हैं और उनका मूलभूत सिद्धान्त।। विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार।। उल्का, छुद्र ग्रह, पृथ्वी पर आधारित विज्ञान कहानियां और फिल्में।। धूमकेतु या पुच्छल तारा क्या होते हैं।। हैली धूमकेतु।। पुच्छल तारों पर लिखी विज्ञान कहानियां

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This post talks about science fiction written on comets. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


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7 comments:

  1. बहुत रोचक और ज्ञानवर्धक पोस्ट. विज्ञान पर वैसे ही हिन्दी में बहुत कम लिखा जाता है. आप धन्यवाद के हकदार हैं भाई.

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  2. ज्ञानवर्धन का आभार. ऐसे ही बताते रहिये.

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  3. शुक्रिया इस जानकारी के लिए । जब पढ़ते थे तब कभी इसके बारे मे पढ़ा था ।

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  4. पता नहीं विज्ञान कथाओं में महिलाओं के विषय में आप क्या क्या लिखेंगे। मुझे तो विज्ञान-महिला मदाम क्यूरी बहुत ही प्रिय चरित्र लगती हैं। बहुत ही प्रेरणादायक चरित्र हैं वह।
    पर शायद आप शृंखला तो कथा चरित्रों पर लिखने जा रहे हैं। उसका भी इन्तजार रहेगा।

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  5. पुच्छत तारे के बहाने आपने "विज्ञान कथा" को फिरसे अपनी पोस्ट का विषय बनाया है, देख कर अतीव प्रसन्नता हुई। आशा है आपकी यह श्रंख्ला आगे भी चलती रहेगी।

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  6. बहुत जानकारी परक ,विज्ञान कथाओं में महिलाओं की उपस्थिति निश्चय ही रोचक रहेगी .एक त्रुटी अनजाने में हो गयी लगती है -मरकरी को हिन्दी में बुद्ध कहते हैं -अभी अभी शिमला से लौटा हूँ ,मेल क्लीयर कर रहा हूँ -अभी तो इतना ही .....आप ने ज्ञान जी और प्रत्यक्षा जी को संबोधित कौन सी बात कही है यह भी संवाद नही हो पा रहा .....बहरहाल .....

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  7. अरविन्द जी धन्यवाद। मैंने गलती ठीक कर ली है।

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आपके विचारों का स्वागत है।