Friday, June 27, 2008

बेथलेहम का तारा - ग्रह पास आ गये थे

बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां श्रंखला कि इस चिट्ठी में चर्चा है कि क्या बेथलेहम का तारा ग्रहों के पास पास रहने के कारण ज्यादा चमकीला हो कर दिखायी पड़ा था।

तारों और ग्रहों में अन्तर है। तारे अपनी रोशनी से चमकते हैं और ग्रह तारों की रोशनी परिवर्तित कर चमकते हैं। मंगल, बुद्घ, चन्द्रमा एवं ब्रहस्पति हमें आकाश में दिखायी देते हैं यह रोशनी उनकी नहीं है। वे सूर्य की रोशनी परिवर्तित कर रहे हैं। सारे तारे, अपने आप में सूर्य हैं। वे दिन और रात हर समय चमकते रहते हैं पर वे हमसे इतने दूर हैं कि हमारे पास रोशनी आते-आते वह बहुत धीमी हो जाती है। इसलिये दिन में सूरज की तेज रोशनी के कारण दिखायी नहीं पड़ते हैं। इसलिये वे सूर्य ग्रहण के समय, जब सूरज की रोशनी कम हो जाती है तब दिखाई पड़ने लगते हैं।


सूरज, ब्रहस्पति, शनि, यूरेनस, और वरुण (Neptune) - आकार के अनुसार


बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी, और मंगल - आकार के अनुसार
यह दोनो चित्र विकिपीडिया से, और उसी के शर्तों के अन्दर है

कभी-कभी ग्रह भी पास-पास आ जाते हैं जिसके कारण वे अधिक चमकीले हो जाते हैं। क्या बेथलेहम का तारा, किन्हीं दो ग्रहों के पास आने के कारण हो गया था। यदि हम कंप्यूटर की मदद से देखें तो उस समय ग्रहों की स्थिति के बारे में यह पता चलता है:
  • १७ जून २ ईसा पूर्व (BC) बुद्घ और वृहस्पति पास- पास थे,
  • १२ जून ३ ईसा पूर्व (BC) में बुद्घ और शनि पास-पास थे;
  • १२ अगस्त ३ ईसा पूर्व (BC) में बुद्घ और वृहस्पति पास- पास थे।

यह हो सकता है कि बेथलेहम का तारा इन ग्रहों के पास पास रहने के कारण रहा हो पर ऎसा कुछ ही दिनो के लिए होता है। राजाओं को पहुंचने में महीने लगे होंगे, मेरे विचार से यह संभव नहीं है। बेथलेहम का तारा का तारा कुछ और ही रहा होगा। क्या वह किसी खास तरह का तारा था?

इस चिट्ठी में हम लोगों ने तारों और सूर्य ग्रहण की चर्चा की है। इसके पहले हम चर्चा करें कि क्या बेथलेहम का तारा किसी तरह का तारा था, कुछ चर्चा उन कहानियां कि जिसमें इस वैज्ञानिक तथ्य का सहारा लिया गया है कि ग्रहण के बारे में पहले से ही भविष्यवाणी की जा सकती है। इसी के साथ चर्चा करेंगे सूर्य ग्रहण पर आधारित सबसे प्रसिद्ध विज्ञान कहानी की - यह सब इस श्रंखला की अगली कड़ी में।


बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां
भूमिका।। प्रभू ईसा का जन्म बेथलेहम में क्यों हुआ?।। क्रिस्मस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है।। बेथलेहम का तारा क्या था।। बेथलेहम का तारा उल्कापिंड या ग्रहिका नहीं हो सकता।। पिंडों के पृथ्वी से टक्कर के कारण बने प्रसिद्ध गड्ढ़े।। विज्ञान कहानियां क्या होती हैं और उनका मूलभूत सिद्धान्त।। विज्ञान कहानियों पर पुरुस्कार।। उल्का, छुद्र ग्रह, पृथ्वी पर आधारित विज्ञान कहानियां और फिल्में।। धूमकेतु या पुच्छल तारा क्या होते हैं।। हैली धूमकेतु।। पुच्छल तारों पर लिखी विज्ञान कहानियां।। बेथलेहम का तारा - ग्रह पास आ गये थे।।

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  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में - सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

is post per charchaa hai kyaa bethlehem ka tara grahon ke paas paas rhne ke karan tha. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks about whether star of Bethlehem could be because of conjunction of planets. It is in Hindi (Devnaagaree script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
planet, conjunction of planets, ग्रह,
Astronomy, Astronomy, bible, Bible, culture, Family, fiction, life, Life, Religion, science fiction, Star of Bethlehem, बेथलेहम का तारा, जीवन शैली, धर्म, धर्म- अध्यात्म, विज्ञान, विज्ञान कहानी, समाज, ज्ञान विज्ञान,

2 comments:

  1. बेथलहम के तारे के तो हम भी मुरीद हो गए ..जिसके चलते इतनी विषद जानकारी मिलती जा रही है ...बहुत आभार बेत्लहम के तारे और उन्मुक्त जी का ....

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  2. A good combination of History/Religion and Science

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