इस चिट्ठी में, जयन्त विष्णु नार्लीकर के हिन्दी एवं मातृ भाषा के बारे में विचारों की चर्चा है।
इस विषय को, फिल्म 'हिन्दी मीडियम', बेहतरीन तरीके से उठाती है। नीचे इस फिल्म का टेलर है
चार नगरोंं की मेरी दुनिया - जयंत विष्णु नार्लीकर
भूमिका।। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के किस्से।। फ़्रेड हॉयल - नार्लीकर के प्रेरणा स्रोत।। अरे काहे की पोलिश भाषा।। मूर्खता भरी, सनसनीखेज टिप्पणी - ठीक।। हर दिन, हर समय शुभ है।। हिन्दी बनाम अंग्रेजी।।