'क्या देख रहे हो।'मैंने कहा,
'समुद्र और क्या।'वह बोली,
'मैं जानती हूं कि तुम क्या देख रहे हो, खींचो पर्दा।'मरता क्या न करता, पर्दा खींचना पड़ गया। उसने मेरे हाथ से कैमरा छीन लिया। कहा उधर कुर्सी पर बैठो, मैं चित्र खींचती हूं। देखिये कमरे की खिड़की से यह चित्र उसी खींचा है। क्या बेकार है? बाद में भी कैमरा उसी हाथ रहा सारे चित्र उसी के खींचे हुऐ हैं :-(
होटल में जगह जगह क्या बढ़िया बार थे और सब तरह के पीने का समान। पर मुन्ने की मां जो मुझसे चिपकी, बस साये की तरह लगी रही। सब मजा चला गया। अगली बार तो मैं अकेले ही आऊंगा। मैं यह कर सकता हूं। आपको मालुम होना चाहिये घर का बॉस मैं हूं और मुन्ने की मां ने, मुझे यह सबसे बताने की अनुमति दे रखी है।
अधिकतर भारतीय लोग अपने परिवार के साथ थे। बस हम ही दो लोग गोवा में थे। हमारे बच्चों के पंख निकल आये हैं। वे अपना घर बसा कर, हमारे बसेरे से दूर, अपना बसेरा ढ़ूढ़ने, सात समुन्दर दूर निकल गये हैं। रेस्तरां में, दोपहर के खाने पर बैंड बज रहा था। मैंने हिन्दी गाना सुनाने की प्रार्थना की, तो उसने मना कर दिया। वहां पर बहुत से विदेशी थे। इसलिये वे लोग या तो अंग्रेजी के गाने गाते थे या फिर कोंकणी के।
मेरे अनुरोध पर बैंड ने कोंकनी में एक गीत सुनाया। यह कुछ 'पुकारता, चला हूं मैं' की धुन में था। उसने बताया कि यह एक प्रेम गीत है। मेरे विद्यार्थी जीवन में बीटल बहुत लोकप्रिय हुआ करता था मैंने उनसे बीटल का कोई गाना सुनाने को कहा। उन्होने
'I want to hold your hand'सुनाया। उनका यह गाना शायद सबसे चर्चित गाना है। शादी के ३० साल बाद मैं और मुन्ने की मां अपने दूसरे हनीमून पर थे - केवल हमीं नहीं, वहां पर सब।
रात को सम्मेलन के लोगों का खाना अलग जगह समुद्र के किनारे था। खाने की जगह पर जाने लगा तो एक जगह शतरंज की बाजी बिछी थी। मैं इसे देखने लगा तो एक विदेशी महिला की आवाज सुनायी पड़ी,
'If I knew chess then I would have played chess with you.'मैंने मुड़ कर देखा तो बार में एक विदेशी दम्पत्ती, बार का मजा ले रहे थे। महिला ने मुझे अपना नाम ब्रेन्डा बताया। मैंने कुछ देर उन लोगों से बात की, फिर चल दिया खाने पर।
Brenda, it was a pleasure to meet you. You have promised that you will learn chess and we will play, when we meet again.खाना दूर समुद्र के किनारे था। वहां एक ग्रुप गाना गा रहा था। धुन मस्तानी थी पर गाना समझ में नहीं आ रहा था, शब्द कुछ अजीब से इस प्रकार लगते थे
रात नशीले है
मस्त जैंहां है
रूप तेरा मास्ताने
फिर समझ में आया, यहां केवल भारतीय थे। इसीलिये बैंड हिन्दी पिक्चर आराधना का गाना गा रहे थे।मस्त जैंहां है
रूप तेरा मास्ताने
अगली बार 'सुहाना सफर और यह मौसम हसी' में भाग लेते हैं नच बलिये में और मिलते हैं छम्मक-छल्लो से।
देखिये, मैंने यह कभी नहीं कहा था कि मैं दूसरी बात के लिये फोटुवें दिखाउंगा जैसा कि चिट्ठाचर्चा में यहां मान लिया गया है। मैंने तो केवल यह कहा था कि मैं सब सच सच बता दूंगा कि वहां मेरे साथ क्या हुआ। मुझे डर यह था कि कहीं आप लोग मुझे बीबी से डरने वाला समझ कर, मेरे चिट्ठे का बहिष्कार न करने लग जांय। आप खुद इस विषय पर दूसरी 'परशुराम की शनती' वाली चिट्ठी में पढ़ लीजये कि मैंने क्या कहा था।
बीटल का गाया गीत 'I want to hold your hand' सुनिये
गोवा
प्यार किया तो डरना क्या।। परशुराम की शानती।। रात नशीले है।। सुहाना सफर और यह मौसम हसीं।। डैनियल और मैक कंप्यूटर।। चर्च में राधा कृष्ण।। मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती।। न मांगू सोना, चांदी।। यह तो बताना भूल ही गया।। अंकल तो बच्चे हैं
आपने निराश किया. मैं तो कुछ लालच ले कर आया था. :(
ReplyDeleteमज़ा आया !
ReplyDeleteधोखा है भाई धोखा है, ये ठीक नहीं है अपना वादा निभाइए। :)
ReplyDeleteआप तो चुनाव जीतने के बाद पक्के नेता बन गए, वादा भूल गए। :)
क्या खाक़ मज़ा ख़राब करदिया आपने, कोशिश करके एक दो तस्वीरें खींचलेते अपने हिसाब की ;) और हम भी तारीफ मे आपकी कला को वाह वाह कहते। पर्दे से तांक झांक करने कि बजाए आप को चाहिए था कि बाहर चहल क़दमी के लिए चले जाते केमरा के साथ - हमने भी 2001 मे ऐसे नज़ारे देखे थे गोवा मे :) और दुबई मे ऐसे मंज़र मानो क़यामत है :-()
ReplyDeleteunmuktji,
ReplyDeleteapaka blog dekhkar khushi hui. mian aasha karta hoon aap aage bhi sampark jarhg rkhenge. main bhee seekhne ke daur main hoon isiliye bus itna hi.aapki prestuti achhi hai hoon. main apaka blog hi par raha. aap inglish likhen. main isi tarah javjb doonag.
aapka mitra
Deepak raj