Sunday, July 22, 2007

Everything you desire – Five Point Someone

इस चिट्ठी में अंग्रेजी में लिखीं दो पुस्तकें, 'एवरी थिंग यू डिज़ाएर: अ जर्नी थ्रू आईआईएम' एवं 'फाइव पॉईंट समवन: व्हाट नॉट टु डू ऍट आईआईटी' की चर्चा है।

 गुलमर्ग में हम लोग बारिश के कारण कमरे में बन्द हो गये। कमरे बाहर की दीवाल पूरे शीशे की थी जिससे आप बाहर का आनन्द ले सकते थे। मैंने पूरा पर्दा खोल दिया और बाहर के सुन्दर दृश्य का आनन्द लेते हुऐ हर्षदीप जॉली की Every thing you desire: A journey through IIM पढ़नी शुरू कर दी। यह पुस्तक आई. आई. एम. के जीवन के बारे में है। पुस्तक अच्छी है और एक बार में ही पढ़ गया।


उसके साथ मुझे चेतन भगत की Five point some one: what not to do at IIT की या आयी। यह पुस्तक आई. आई. टी. के जीवन के बारे में है।

आई. आई. एम. और आई. आई. टी. में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने अपने देश में ही नहीं पर दुनिया में नाम ऊंचा किया है । हर भारतीय नवयुवक वहां जाने का सपना देखता है । यह दोनो पुस्तकें वहां के विद्यार्थियों ने लिखीं हैं और पढ़ने योग्य हैं। इन दोनों में कई समानतायें हैं।

  • यह दोनों सस्ती हैं। जब Five point some one निकली थी तो लखनऊ में, एक पुस्तक-दुकान के मालिक ने कहा,
    'इस किताब का दाम कम है इससे सारा बाजार खराब हो जायेगा।'
    मैंने उससे कहा कि वह गलत सोचता है यह किताब बहुत अच्छी लिखी है। यह भारत में अंग्रेजी पुस्तकों को नई दिशा देगी। यह बात आज सच है। जितनी कापियां इस पुस्तक की बिकी हैं उतनी कापियां किसी भी भारतीय के द्वारा अंग्रेजी में लिखी पुस्तक की नहीं बिकी हैं। यह तब है जब मीडिया ने पहले, Five point some one के बारे में, कम लिखा। जब वह सारे रिकार्ड तोड़ने लगी तब ही वह मीडिया को नजर आयी।
  • इन दोनों पुस्तकों की अंग्रेजी बहुत सरल है। आप पूरी पुस्तक पढ़ जायेंगे पर आपको शब्दकोश खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप इनमें प्रयोग किये गये सारे शब्दों को समझ सकेंगे। मेरे विचार से यह बात किसी भी पुस्तक के लिए महत्वपूर्ण है।
  • दोनों पुस्तकें तेजी से चलती है और इनमें अपना प्रवाह है। आपको इसे छोड़ने का मन नहीं करेगा।

इन दोनों की कुछ बातें मुझे अच्छी नहीं लगी। चेतन भगत कहते हैं कि,

'When one writes a book that one realises the true power of MS Word----------without this software, this book, would not be written.'
हर्षदीप जॉली लिखते हैं कि, '
An MBA students best friends- MS Word, MS Excel and MS Power point was being fully, utilised by me these days.'
मुझे अच्छा लगता कि यदि यह कहते कि ओपेन आफिस डाट आर्ग का उन्होंने प्रयोग किया :-)

लगता है कि आई.आई.टी. और आई.आई.एम. अभी तक ओपेन सोर्स की शक्ति को नहीं पहचान पाये। जितनी जल्दी यह पहचानेंगे हम उतनी तेजी से तरक्की करेगें।

मुझे दूसरी बात जो पसन्द नहीं आयी वह यह कि जब देखो तब यह लोग वोदका और रम पीने बैठ जाते हैं। यह बात सबके लिये सच
नहीं है।

मेरे बच्चे आई.आई.टी. कानपुर के पढ़े हैं। उनके कई मित्र अक्सर घर पर ठहरा करते थे। मुझे उन सब पर ऎसी कोई बात नहीं लगी। यदि यह सच भी हो तो उसके बारे में इतना ज्यादा लिखना ठीक नहीं। मुझे तो यह कुछ नकचढ़ापन सा लगता है।

Every thing you desire में कुछ और कमी लगी।

  • इसमें बहुत सारे लोगों के बारे में चर्चा है। यदि कम लोगों के बारे में होता तो अच्छा था। इससे कुछ उलझाव होता है।
  • लोगों की बातें बहुत विस्तार से है। इस तरह की सूचना में कम लोगों की दिलचस्पी रहती है। यदि इन बातों की जगह कुछ ऎसी बात ज्यादा रहती जिससे उनके चरित्र के बारे में और पता चलता तो ज्यादा अच्छा था। इस स्थिति में इसको पढ़ने वाले, इस पुस्तक के पात्रों से, अपने या अपने समय के पात्रों को जोड़ सकते थे।
Five Point some one में यह कमी नहीं है। फिर भी Every thing you desire पढ़ने योग्य है और यदि आप व्यापार से जुड़े हैं या आई.आई.एम. जाने का सपना देखते है तो जरूर पढ़िये।

अगले दिन गंडोला में क्या हुआ, लोग मुझे गुजराती समझ कर क्या करने लगे - यह सब अगली बार।

कश्मीर यात्रा
जन्नत कहीं है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।। बम्बई का फैशन और कश्मीर का मौसम – दोनो का कोई ठिकाना नहीं है।। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने चौकीदार को क्यों निकाल दिया।। आप स्विटज़रलैण्ड में हैं।। हम तुम एक कमरे में बन्द हों।। Everything you desire – Five Point Someone।।



सांकेतिक शब्द
Every thing you desire: A journey through IIM, Five point some one: what not to do at IIT,
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7 comments:

  1. हम तो दारू और रम के बारे में ही अपनी टिप्पणी लिखेंगे :-)

    नशा ईमान होता है सुराही दीन होती है,
    जवानी की इबादत किस कदर रंगीन होती है ।

    शराब का कोई अपना सरीरे रंग नहीं,
    जो अहले दिल हैं बढाती है आबरू उनकी,
    जो बेशऊर हैं उनको खराब करती है । :-)

    शायद इन दोनों ही लेखकों ने Latex का नाम नहीं सुना होगा तभी MS Word के बारे में ऐसी बात कर रहे हैं ।

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  2. उसके साथ मुझे चेतन आनन्द की Five point some one: what not to do at IIT की या आयी। यह पुस्तक आई. आई. एम. के जीवन के बारे में है।

    जहाँ तक मुझे याद है, शायद लेखक का नाम "चेतन भगत" है और किताब आईआईटी के बारे में है। :)

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  3. प्रतीक जी आप सही कह रहे हैं। कुछ गलती टाईप हो गया था। धन्यवाद

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  4. उन्मुक्त्क्जी आपकी टिपण्णी के लिए बोहोत धन्यवाद्!आप बिलकूल सही कहते है। ये एक अनुभव की तौरपे मैंने बाँटा। नेट कि इस दुनिया मे जहाँ ना तो सामनेवाला व्यक्ती नज़र आता है ना उसकी आवाज़ सुनायी देती है,संभंलके क़दम उठाना बेहद ज़रूरी है। वरना यहाँ फिसलन ही फिसलन ही है!

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  5. किताब के बारे में आपने अच्छा लिखा है। मैंने फ़ाइव प्वाइंट समवन आधी पढ़ी है। अब आगे भी विचार है। दुबारा पढ़ने का।

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  6. [उन्मुक्त]मुझे अच्छा लगता कि यदि यह कहते कि ओपेन आफिस डाट आर्ग का उन्होंने प्रयोग किया...
    पर कहते तो तब जब उन्होंने सच में ओपन ऑफिस का प्रयोग किया होता. मुझे लगता है आप चेतन भगत से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा बैठे हैं.

    [उन्मुक्त] ...जब देखो तब यह लोग वोदका और रम पीने बैठ जाते हैं...
    जी, तभी तो इस किताब का नाम है: What NOT to do at IIT

    @नीरज जी, आपने शे'र अधूरा दिया है, उसे पूरा कर रहा हूँ:

    शराब का कोई अपना सरीह-ए-रंग नहीं, शराब तजज़िया-ए-एहतेसाब करती है |
    जो अहल-ए-दिल हैं बढ़ाती है आबरू उनकी, जो बेशऊर हैं उनको ख़राब करती है ||

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आपके विचारों का स्वागत है।