इस चिट्ठी में सॉफ्टवेयर फ्रीडम डे और लोकप्रिय ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर के बारे में चर्चा है।
'अरे उन्मुक्त जी कौन सा वायदा, किसने किया, कब किया?'अरे, वही वायदा, जो आपने, हिन्दी चिट्ठाजगत ने - अपने आप से किया था। आज सितम्बर माह का तीसरा शनिवार है। इस दिन प्रत्येक साल, सॉफ्टवेयर मुक्ति दिवस (Software Freedom Day) बनाया जाता है। याद नहीं, आपने वायदा नहीं किया था कि आज के दिन से, कम से कम, आप एक ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर का प्रयोग करना शुरू करेंगे। अरे इस दिवस के बारे में, मैंने पिछले सालों में, 'आइम् लविंग इट' और 'मुक्त सॉफ्टवेयर दिवस' शीर्षक से बताया था। लगता है कि आप भूल गये।
चलिये, कोई बात नहीं। मैं पुनः कुछ मुक्त सॉफ्टवेयरों के बारे चर्चा करता हूं जिन्हें आप बहुत आसानी से विंडोज़ पर इस्तेमाल कर सकते हैं। यह लिनेक्स पर भी चलते हैं। पहले आप इन्हें विंडोज़ पर प्रयोग कीजिये फिर जब मन आये तब लिनेक्स शुरू कर दीजियेगा। ठीक, अब वायदा पक्का, थम्ब प्रॉमिस (thumb promise), याद रखेंगे न।
सबसे पहले मॉज़िला के तीन बेहतरीन मुक्त प्रोग्राम के बारे में बात करते हैं। यह तीनो मॉज़िला पब्लिक लाइसेन्स, जो कि एक ओपेन सोर्स लाइसेन्स है, के अन्दर प्रकाशित हैं।
- फायरफॉक्स: यह अन्तरजाल पर सबसे बेहतरीन वेब ब्रॉउज़र है। मैं सारे काम इसी पर करता हूं। अपने चिट्ठे, पॉडकास्ट इसी पर करता हूं। आपकी चिट्ठियां भी इसी पर पढ़ता हूं। इसमें पहले हिन्दी के साथ कुछ मुश्किल थी पर अब नहीं।
- थंडरबर्ड: यह ई-मेल भेजने और प्राप्त करने के सॉफ्टवेर है। मैं आपकी ईमेल इसी पर प्राप्त करता हूं और इसी से आपको ईमेल लिखता हूं। इसमें चिट्ठों की आरएसएस फीड भी स्थापित की जा सकती है। मैंने पहले इसी पर फीड स्थापित कर चिट्ठों को पढ़ता था।
- सनबर्ड: यह ई-मैनेजर है। यह आपको प्रिय जनों का जन्मदिन, शादी की सालगिरह की याद दिलाता है। मैंने अपने मित्रों, सहयोगियों का जन्मदिन, शादी की सालगिरह इसी पर नोट कर रखी है। उन्हें हमेशा आश्चर्य होता है कि मैं कैसे उन सब का जन्मदिम और शादी की सालगिरह याद रखता हूं। बस, इसका यही राज है। इसे आप अलग से या फिर थंडरबर्ड या फायरफॉक्स के साथ स्थापित कर चला सकते हैं। मैंने इसे थंडरबर्ड के साथ स्थापित कर रखा है।
मैं कार्यलाय से संबन्धित सारे कार्य ओपेनऑफिस डाट कॉम के आफिस स्वीट में करता हूं।मुझे इसमें या एमएस वर्ड में कोई अन्तर नहीं लगता यह उतना ही अच्छा है। बस इसका फायदा यह है कि यह मुफ्त है। इसमें कई प्रोग्राम हैं
- राइटर: इसका प्रयोग मैं लिखने के लिये करता हूं। मैं अपनी सारी चिट्ठियां, समय की सुविधा के अनुसार ऑफलाइन पर लिख लेता हूं। इसके बाद धीरे धीरे कड़ियों पर उन्हें अपने चिट्ठों पर डालता हूं। इसमें एक बेहतरीन सुविधा है कि यह न केवल आपकी फाइलों को पीडीएफ मानक में बदल सकता है पर यह पीडीऐफ फाइलों को संशोधित भी कर सकता है। मेरा काम लिखने से संबन्धित है। यह सारे मैं इसी पर करता हूं। मैंने कुछ पुस्तकें अंग्रेजी में लिखी हैं। सौभाग्य से इनके कई संस्करण भी निकलें हैं। यह सारे मैंने इसी पर किये हैं। मुझे इसमें कभी भी कोई मुश्किल नहीं हुई। यह डिफॉल्ट में मुक्त मानक में फाइलों को सुरक्षित करता है। लेकिन आप चाहें तो किसी भी अन्य मानक या एमएस वर्ड के डिफॉल्ट मानक डॉक पर भी फाइलें सुरक्षित कर सकते हैं। आप अपने एमएस वर्ड पर काम करने वाले मित्र को उसी के मनचाहे मानक पर फाइलें भेज सकते हैं या फिर उनसे सन-माइक्रोसिस्टम का यह मुफ्त प्लग-इन डाउनलोड कर अपने एमएस वर्ड के प्रोग्राम में स्थापित करने के लिये कह सकते हैं ताकि यह मुक्त मानक की फाइलों को पढ़ सकें।
- इम्प्रेस: मुझे अकसर सम्मेलन में या फिर विद्यार्थियों के बीच बोलने का मौका मिलता है। मैं प्रस्तुतिकरण (presentation) के लिये इसी का प्रयोग करता हूं। मेरे सुनने वालों ने कभी नहीं कहा कि मेरा प्रस्तुतिकरण किसी प्रकार भी पावर पॉइंट पर बने प्रस्तुतिकरण से कम अच्छा है। मैं सुविधा के लिये अपने प्रस्तुतिकरण की एक फाइल पीपीटी मानक और पीडीएफ मानक पर भी बना कर ले जाता हूं। यह सुविधा भी इसमें है।
- इसके अतिरक्त कार्यालय के अन्य तरह के काम करने के लिये चार अन्य प्रोग्राम, मैथ, कैल, ड्रॉ, और बेस भी हैं। जिन पर बाकी सारी तरह की फाडलें बना सकते हैं। मुझे उनका प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिये मैं उनके बारे में नहीं लिख पा रहा हूं। आप लिख सकतें हों तो क्या बात है।
मल्टीमीडिया और चित्रों के लिये ओपेन सोर्स में बेहतरीन प्रोग्राम हैं।
- वीएलसी मीडिया प्लेयर और एमप्लेयर: आप इन दोनो प्रोग्राम में ऑडियो और वीडियो के प्रत्येक प्रकार के मानकों की फाइलों को सुन सकते हैं। मैं इसी पर सुनता या देखता हूं।
- ऑडेसिटी: इस प्रोग्राम में, ऑडियो फाइलों को सुना, संपादित, और रिकॉर्ड किया जा सकता है। मैं अपनी बकबक (मेरे पॉडकास्ट), इसी पर रिकॉर्ड करता हूं। इसमें एमपी-३ पइलों के लिये प्लग-इन डालना होता है। यह करने में कोई मुश्किल नहीं होती है। आप एमपी-३ मानक में भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। किसी भी मानकों की फाइलों को दूसरे मानक में बदल सकते हैं। मैं अपने पॉडकास्ट ऑग मानक पर रिकॉर्ड करता हूं। पॉडभारती में मेरे दो पॉडकास्ट 'स्कॉट की अन्तिम यात्रा' और 'पापा क्या आप उलझन में हैं' को पुनः यहां और यहां प्रकाशित किया है। वे एमपी-३ मानक में हैं। मेरे विचार से यह उन्होंने, इसी प्रोग्राम का प्रयोग कर किया है।
- गिम्प: इस प्रोग्राम का प्रयोग चित्रों को संपादित करने के लिये कया जाता है। इसमें आप चित्रों सम्पादित और उनका पिक्सल कम कर सकते हैं। चिट्ठों पर चित्र डालते समय उन्हें अक्सर सम्पादित करना पड़ता है। क्योंकि यदि चित्र के किसी भाग का महत्व उस चिट्ठी के लिये नहीं है तो उसे रखने की कोई जरूरत नहीं। चिट्ठों पर चित्रों को हमेशा पिक्सल कम करके डालना चाहिये। इससे चिट्ठा और वह चिट्ठी दोनो जल्दी लोड होती हैं। यह काम मैं इसी पर करता हूं।
'उन्मुक्त जी, जब बाज़ार में सारे प्रोग्राम दस रुपये की सीडी में मिल जाते हैं तो फिर ओपेन सोर्स के टंटे करने का क्या फायदा?'
सवाल तो वाज़िफ है। मैं जवाब देने की कोशिश करता हूं।
- मैं लिनेक्स और ओपेन सोर्स प्रोग्राम का प्रयोग इसलिये करता हूं क्योंकि मैं चाहता हूं सब इनका प्रयोग करें। यह धुर सत्य है, आप जैसी दुनिया चाहो, वैसा स्वयं बनो।
- महात्मा गांधी ने एक बार कहा, 'साधन, अन्त से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।' यह बात यहां भी लागू होती। इसके लिये मैं उलझन में नहीं रहता।
- न केवल बच्चे, पर हम सब व्यवहार से सीखते हैं न कि उपदेश से। इस पर काम करने से 'एक घन्टा, एक मिनट लगता है' :-)
- इनका प्रयोग करने के कारणों में, सबसे मुख्य बात यह है कि इनका प्रयोग करने में कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होता और यह मुफ्त हैं। इसका प्रयोग आप अपनी अन्तरात्मा को बिना गिरवी रखे कर कर सकते हैं।
- आपने पंचतंत्र की कछुवा और खरगोश की कहानी तो सुनी होगी। इसमें, आजकल बदलाव हो हो गया है। यह बदलाव ओपेन सोर्स के करीब है। आपको नहीं मालुम तो यहां पढ़ लीजिये।
- यही वह जगह जहां पेंग्युन भी उड़ सकती हैं।
- आपको तो मालुम ही है कि ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर का सबसे जाना माना प्रोग्राम लिनेक्स है और इसे प्रयोग करने वाले पुरुष तो खास होते हैं। वे न केवल जोशीले और उत्साही होते हैं पर उन्हें महिलायें भी अधिक पसन्द करती हैं। पुरुष पाठक समय न गवायें, तुरन्त खुद ही यहां पढ़ें।
- क्या कहा, आप पुरुष नहीं, महिला हैं। कोई बात नहीं। अब वह सुबकने वाली, पुरुषों का साया ढ़ूढ़ने वाली महिला कहां रह गयी है। महिला तो आज की दुर्गा है उसका सशक्तिकरण हो चुका है। वे पुरुषों से किसी क्षेत्र में कम नहीं, फिर देर किस बात की - शुरू करिये प्रयोग करना ओपेन सोर्स के प्रोग्राम।
मैं जानता हूं कि आप यहां ओपेन सोर्स का भाषण सुनने नहीं आये हैं। आप तो आये हैं ताजमहल के प्यारे से गाने को सुनने के लिये जो इस चिट्ठी का शीर्षक है। लीजिये वह भी सुन लीजिये। लेकिन इस गाने कुछ को इस तरह से समझियेगा,
जो वायदा किया, वो निभाना पड़ेगा।
रोके तुम्हारा डर चाहे,
तुमको मुक्त सॉफ्टवेयर प्रयोग करना पड़ेगा
हो वायदा किया है तुमने,
मुक्त सॉफ्टवेयर प्रयोग करने का।
वह वायदा तो तुम्हें निभाना पड़ेगा, निभाना पड़ेगा।
जब आप में से अधिकांश यह चिट्ठी पढ़ रहे होंगे तो मैं अपने कस्बे से दूर, कुछ दिनो तक हिमाचाल, हरियाणा, और पंजाब के दौरे पर रहूंगा। मेरा अपने आप से वायदा है कि मैं लैपटॉप न ले जाउं और इस काल्पनिक दुनिया से दूर रहूं। देखता हूं कि इसमें सफल रहता हूं कि नहीं।
मेरी 'केरल यात्रा' एवं 'डार्विन, विकासवाद, और मज़हबी रोड़े' श्रंखलायें समाप्त हो रही हैं। बहुत जल्द, मैं आपको नयी श्रंखलाओं पर ले चलूंगा। इनमें से एक ऐसे उपन्यास और उससे जुड़ी कहानियों के बारे में है जो न केवल २०वीं शताब्दी के उत्कृष्ट अमेरिकन साहित्य में गिना जाना जाता है पर, मेरी बिटिया के अनुसार, जिसे अमेरिका के कॉलेज जाने वाले प्रत्येक विद्यार्थी ने कम से कम एक बार पढ़ा है। दूसरा हो सकता है कि मैं आपको कुल्लू मनाली की यात्रा पर ले चलूं।
सांकेतिक शब्द
software freedom day,Free software, information , Information Technology, Intellectual Property Rights, information technology, Internet, Internet, Open source software, software, software, technology, technology, Technology, technology, technology, Web, आईटी, अन्तर्जाल, इंटरनेट, इंटरनेट, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर, टेक्नॉलोजी, टैक्नोलोजी, तकनीक, तकनीक, तकनीक, सूचना प्रद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेर,
लाजबाव पोस्ट, उन्मुक्त जी. बहुत खूब!
ReplyDelete(मैं ऐसी टिप्पणियां बहुत कम करता हूँ न जी?:)
सर जी, जिम्प डाउनलोड किया है। उपयोग कर के देखता हूँ।
ReplyDelete"...मैंने कुछ पुस्तकें अंग्रेजी में लिखी हैं। सौभाग्य से इनके कई संस्करण भी निकलें हैं।..."
ReplyDeleteये तो उन्मुक्त का एक और रुप दिखा. कृपया पुस्तकों की सूची मुझे भेजें. मेरे विषय का नहीं भी होगा तो मैं उन्हें खरीदकर पढ़ना चाहूंगा.
एक बेहतर पुनर्पाठ -शुक्रिया !
ReplyDeleteआदरणीय उन्मुक्त जी नमस्कार
ReplyDeleteइस बेहतरीन जानकारी और चिट्ठी के लिये हार्दिक धन्यवाद
आपके बताये सभी प्रोग्राम डाऊनलोड कर लिये हैं। एक-एक कर के इंस्टाल करूंगा और इन पर ही काम करने की कोशिश करूंगा और अब तो इनका प्रचार भी करूंगा।
लिनक्स को भी सीखने की और प्रयोग में लाने की तैयारी कर रहा हूं।
आपकी पिछली सभी चिट्ठियां धीरे-धीरे पढ रहा हूं। बहुत अच्छी-अच्छी जानकारी और बातें पता चल रही हैं।
आपकी अगली चिट्ठियों का इंतजार है, खासकर कुल्लू-मनाली की यात्रा के बारे में जानने का
"आपकी यात्रा शुभ और आनन्ददायक हो" इस कामना के साथ
प्रणाम स्वीकार करें
क्या उन अंग्रेजी किताबों पर भी लेखक का नाम 'उन्मुक्त' ही लिखा मिलेगा? :)
ReplyDeleteमुक्त स्रोत सॉफ्टवेर लाजवाब है. फायर-फोक्स के बिना एक मिनट न चले.
बेहद खूबसूरत प्रविष्टि । हम जैसों के लिये तो राह देती । आभार ।
ReplyDeleteमैं बीच-बीच में इस्तेमाल तो करता हूँ ख़ास कर लैटेक के लिए.
ReplyDelete