इस चिट्ठी में, कुछ चर्चा हार्डी और रामानुजन के बारे में और उनमें क्यों इतनी पटती थी है।
रामनुजन और हार्डी एक दूसरे के विपरीत थे। रामुनजन ईश्वरवादी थे। उनका ईश्वर पर इतना विश्वास था कि उनके लिये गणित के किसी समीकरण एवं प्रमेय कोई अर्थ नहीं था जब तक कि वह ईश्वर के विचारों की अभिव्यक्ति न हो।
हार्डी नास्तिक थे वे समझते थे के गणित यह सिद्ध करता है कि ईश्वर का आस्तित्व नहीं है।
रामनुजन की पढाई ठीक प्रकार से नहीं हुई थी। जबकि हार्डी को सबसे अच्छी जगह पढ़ने को मिला। वे पहले पब्लिक स्कूल में पढ़ने गये उसके बाद फिर कैम्ब्रिज विश्विद्यालय में।
यदि रामनुजन अन्तर्ज्ञानी थे, मौलिक थे, अंक उनके मित्र थे। वे उत्तरों को महसूस कर सकते थे। लेकिन हार्डी तो तर्क पर विश्वास करते थे। उनके लिये, किसी बात पर, उसे बिना सिद्ध किये, विश्वास करना नामुमकिन था।
उनके बीच केवल एक ही समानता थी - गणित। दोनो को गणित से बेहत प्यार था। रामनुजन और हार्डी एक दूसरे के पूरक थे। शायद यही करण था कि उनके बीच इतनी अच्छी पटती थी। हार्डी का कहना था कि रामानुजन से मिलने के बाद,
'The romantic incident of my life began.एक अन्य जगह हार्डी ने कहा कि उसकी सबसे बड़ी खोज रामनुजन था पर यह भी कहा,
मेरे जीवन का रोमानी भाग शुरू हुआ।
'I did not invent him (Ramanujan). Like all other great man, he invented himself.'हार्डी ने अपने जीवन के अंत में १९४० में 'A Mathematician's Apology' नामक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में गणित के सौंदर्य शास्त्र के साथ उसके व्यक्तिगत अनुभव हैं। यह अपने आप में एक उत्कर्ष कृति है। इसमे वे बताते हैं कि, अक्सर लोग सोचते हैं कि Pure mathematics आम व्यक्ति के लिए आप्रांसगिक है। लेकिन हार्डी अपने आपको इस तरह से सांत्वना देते हैं। कि
मैने रामनुजम का आविष्कार नहीं किया। सारे बड़े व्यक्तियों की तरह उसने स्वयं अपना आविष्कार किया।
यह अक्सर पूछा जाता है कि यदि रामनुजन ने अपने आप गणित न पढ़ कर परम्परागत तरीके से गणित पढ़ होती तब क्या होता। हार्डी ने इस बात का जवाब १९२७ में यह कह कर दिया,'I have done one thing... ( that pompous people) have never done...(It) is the to have collaborated with ....Ramanujan on equal terms.मैने अपने जीवन के एक ऐसी बात की है जो बड़ बोले लोगों ने कभी नहीं की। मुझे रामनुजन जैसे व्यक्ति के साथ में काम करने का मौका मिला।
‘He would have been a greater mathematician... discovered more that was new... (But) he would have been less of a Ramanujan and more of a European Professor and the loss might have been greater than the gain.’हार्डी की मृत्यु १ दिसम्बर १९४७ में हुई। लेकिन रामानुजन की मृत्य बहुत जल्द, कम उम्र में हो गयी। रामानुजन की मृत्यु के बाद हार्डी ने अपना बाकी जीवन, रामनुजन के द्वारा निकाले गये अनुमानों और प्रमेयों को सिद्ध करने में लगा दिया।
वह एक बहुत बड़ा गणितज्ञ होते ... बहुत कुछ नया ढ़ूंढ लेते ... (लेकिन) वे रामानुजन कम तथा यूरोपिय प्रोफेसर होते। यह गणित के लिये फायदे की जगह ज्यादा घाटे का सौदा होता।
अगली बार रामुनजन के टैक्सी नम्बर की चर्चा और इस श्रंखला के अन्तिम पड़़ाव पर।
अनन्त का ज्ञानी - श्रीनिवास रामानुजन
सांकेतिक शब्द
। GH Hardy, A mathematician's Apology,। Srinivasa-Ramanujan,
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रोचक ! रामानुजन और हार्डी की पद्धतियाँ अलग अलग थीं एक आगनात्मक पद्धति का चैम्पियन था तो दूसरा निर्गमनात्मक पद्धति का -मगर दोनों का साध्य एक था -गणित में छिपे अनिवर्चनीय आनंद की अनुभूति के साथ अंतिम हल की निष्पत्ति !
ReplyDeleteकौन सी पद्धति आपको ठीक लगती है और क्यों ? इस पर आपके विचार जानना चाहूँगा !
रामानुजम को अद्भुत बनाने में उनका अपना ही रहस्य था।
ReplyDeleteAwesome !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और मजेदार अलेख. आपके इस आलेख का प्रसारण आज www.blogprasaran.blogspot.in पर किया गया है.
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