इस चिट्ठी में, महाबलिपुरम में समुद्र किनारे मन्दिर के पास, गुफाओं और चट्टानों पर नक्काशी की चर्चा है।
गुफाओं में कृष्ण-लीला |
समुद्र किनारे मन्दिर के पास पांच गुफाऐं हैं पर यह पता नही चलता है कि यह किस लिए हैं। पर्यटकों ने इनको पांचों पांडव का नाम दे दिया। अब यह इसी नाम से जानी जाती हैं। हांलाकि, वहां पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के द्वारा मिली पुस्तक में, इन्हें पांडव गुफाओं के नाम से नहीं संदर्भित किया गया है।
इन गुफाओं में, कृष्ण लीला दिखायी गयी है। इन गुफाओं के बगल की चट्टानों पर, नक्काशी है। इसके बारे में अलग अलग कथायें प्रचलित हैं।
महाभारत में कथा है कि अर्जुन भगवान शिव की तपस्य कर पाशुपात अस्त्र पाया था। कुछ लोगों के अनुसार, इसमें यही दर्शाया गया है और वे इसे अर्जुन तपस्या कहते हैं। लेकिन इस कथा का महत्वपूर्ण भाग - शिव-अर्जुन युद्ध है। इस युद्ध में, भगवान शिव शिकारी का रूप धारण करते हैं। यह इस नक्काशी में नहीं है। इसलिये कुछ लोग इसे अर्जुन तपस्या नहीं मानते हैं।
अर्जुन या भगीरथ तपस्या |
इस नक्काशी में, मुनि लोग तपस्या कर रहे हैं जो कि अक्सर नदी के पास होता है। इसलिये कुछ लोग, इसके बीच की जगह को पर्वत से नदी का नीचे आना कहते हैं। उनके मुताबिक यह भगीरथ तपस्या दर्शाता है कि वे किस तरह से तपस्या कर, गंगा जी को पृथ्वी पर लाये थे। हमारा गाइड लक्षमण इसे भगीरथ तपस्या ही बता रहा था।
गणेश रथ |
इसी के बगल में एक गणेश रथ है।
गणेश रथ के बगल में एक बहुत गोल चट्टान अटकी सी खड़ी हुई है। इसका नाम कृष्ण मक्खन बताया गया। इसे देखने से लगता है कि जैसे कभी भी गिर सकती है। हमारे गाइड लक्षमन ने बताया,
कृष्ण-मक्खन |
'पल्लव राज्य में, एक बार सात हाथियों ने इसको नीचे ढकेल कर गिराने की कोशिश की पर यह हिली नहीं। यह एक तरह का अजूबा है और इसे सारे पर्यटक देखने आते है।'
वहां पर एक चट्टान पर एक अन्य चट्टान पर, भगवान विष्णु के अवतार की नक्काशी है। यहीं से लक्ष्मण गाइड ने हमसे बिदा ली।
भगवान विष्णु का वामन अवतार |
मां की नगरी - पॉन्डेचेरी यात्रा
हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो।। कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया।। घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे।। पॉन्डेचेरी फ्रांसीसी कॉलोनी थी।। शाम सुहानी लग रही थी।। महिलाएं बेवकूफ़ बन रही हैं।। पैंतालिस मिनट में पांच हजार लोगों का खाना।। यह स्कूल अनूठा है।। शिव ने पार्वती को चूम लिया।। अरबिन्दो के संपर्क के आने से पहले, मां की शादी हो चुकी थी।। मातृमन्दिर, ऑरोविल की आत्मा है।। ऑरोविल की सबसे अच्छी बात - इसकी हरियाली।। हमें बहुत पैसा मिल रहा है।। मैं आमिर खान हूं।। हिन्दूओं ने भी मन्दिर तोड़े।। भगवान को भी जलन होने लगी।। सात हाथी मिलकर भी नहीं हिला सके।।
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सांकेतिक शब्द
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इन पुरातात्विक चिह्नों का मिथकों से जुड़ना अध्ययन की बड़ी संभावना को दर्शता है !
ReplyDeleteमन के भावों को पत्थरों पर उतारना तो बहुत कठिन है।
ReplyDeleteगागरम में सागर सी है यह पोस्ट। आभार1
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जीवन का सूत्र...
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