Friday, July 29, 2011

टाइगरकेव - देवी दुर्गा का पुण्य स्थल

इस चिट्ठी में, महाबालिपुरम में, मूनरेकर में दोपहर के खाने और टाइगरकेव की चर्चा है।



हमारे मित्रों ने, महाबलीपुरम में, मूनरेकर में खाने की सलाह दी थी। पांडव गुफायें देखने के बाद दोपहर के खाने का समय हो रहा था। हम लोग मूनरेकर जाकर, वहां पर दोपहर का खाना खाया। हम लोगों ने अपने खाने में ग्रिल्ड फिश मसाला डोसा के साथ उबली हुई सब्जियां लीं। यह खाना नये तरह का अनुभव रहा। इसके बाद हम लोग टाइगर-केव देखने के लिये निकले।

महाबलीपुरम-चेन्नई रास्ते पर, महाबलिपुरम से लगभग पांच किलोमीटर दूर, टाइगरकेव (Tiger cave) है। यह देवी दुर्गा का पुण्य स्थल है। 

यह बेहद रमणीक जगह है और समुद्र तट के बगल में है। यहां बिलकुल भीड़ नहीं थी। इसलिये एकदम शान्ति थी। यहां घूमते समय समुद्र की लहरों की किल्लोल सुनायी पड़ रही थी। जिसने वातावरण को और आनन्दमय बना दिया था।

मुख्य नक्काशी की ड्योढ़ी पर पहुंचने के लिये, कुछ सीढियां हैं। उसके ऊपर दो भित्ती स्तंभ हैं जो कि शेरों की मूर्तियों के सहारे हैं। इस कक्ष के चारो ओर शेर-मुख बने हैं। इसके बगल के दो अन्य कक्ष पर हाथी-मुख बने हैं।

वहां एक अन्य चट्टान पर देवी दुर्गा को महिसासुर को वध करते हुए दिखाया गया है।


टाइगर केव से, चेन्नई तक का रास्ता भी बहुत सुन्दर है।

संगीत के क्षेत्र में ए. आर रहमान जाने माने व्यक्ति हैं। वे चेन्नई से आते हैं। उन्होने चेन्नई में के.एम. म्यूजिक कान्जरवेटरी (KM Music Conservatory) नाम से एक स्कूल खोला है। मुझे लगा कि शायद चेन्नई में, इस स्कूल को भी देखना चाहिए। अगली बार हम वहीं चलेंगे।


मां की नगरी - पॉन्डेचेरी यात्रा 
हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो।। कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया।। घोड़ा डाक्टर, गायों और भैंसों की लात खाते थे।। पॉन्डेचेरी फ्रांसीसी कॉलोनी थी।। शाम सुहानी लग रही थी।। महिलाएं बेवकूफ़ बन रही हैं।। पैंतालिस मिनट में पांच हजार लोगों का खाना।। यह स्कूल अनूठा है।। शिव ने पार्वती को चूम लिया।। अरबिन्दो के संपर्क के आने से पहले, मां की शादी हो चुकी थी।। मातृमन्दिर, ऑरोविल की आत्मा है।। ऑरोविल की  सबसे अच्छी बात - इसकी हरियाली।। हमें बहुत पैसा मिल रहा है।। मैं आमिर खान हूं।। हिन्दूओं ने भी मन्दिर तोड़े।। भगवान को भी जलन होने लगी।। सात हाथी मिलकर भी नहीं हिला सके।। टाइगरकेव - देवी दुर्गा का पुण्य स्थल।।

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About this post in Hindi-Roman and English 
is chitthi  mein, mahabalipurma mein, moonraker mein dopahar ke khane aur tiger cave  kee charcha hai. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about lunch at Moonraker and 'Tiger cave' in Mahabalipuram. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

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6 comments:

  1. लेख अच्छा लगा, बस फ़ोटो कुछ कम रह गये है।
    अगली किश्त का भी दीदार करेंगे।

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  2. महाबलीपुरम तो कंटेम्पररी क्लासिक निकला

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  3. चट्टानों पर उकेरी संस्कृति की रेखायें।

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  4. छोटे छोटे पोस्टों के माध्यम से महाबलीपुरम का वर्णन बहुत अच्छा लगा.

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  5. Bharat me kya kuchh nahee hai! Dekhne ke liye samay kam pad jata hai!

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  6. महाबलीपुरम का वर्णन बहुत अच्छा लगा

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