इस चिट्ठी में, एयोस्टोलोस डॉक्सिएडिस द्वारा लिखित उपन्यास, 'अंकल पेट्रोस एण्ड गोल्डबाकस् कंजेक्चर' की चर्चा है।
वेदांग ज्योतिष, लगभग १३५० ई.पू. के आसपास लिखा गया था। इसमें कहा गया है कि,
यथा शिखा मयूराणां नागानां मण्यो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां गणितं मूर्धनि स्थितम्।।
जिस तरह से,
मोरों के सिर पर कलगी और सापों के सिर में मणियां,
उसी तरह वेदांग, शास्त्र और विज्ञान में सिरमौर गणित।।
'अंकल पेट्रोस एंड गोल्डबैक्स कंजेक्चर' किताब गणित के रोमांस के बारे में है। नीचे दिया गया लिंक, अंग्रेजी में, पुस्तक की समीक्षा है।
यथा शिखा मयूराणां नागानां मण्यो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां गणितं मूर्धनि स्थितम्।।
जिस तरह से,
मोरों के सिर पर कलगी और सापों के सिर में मणियां,
उसी तरह वेदांग, शास्त्र और विज्ञान में सिरमौर गणित।।
'अंकल पेट्रोस एंड गोल्डबैक्स कंजेक्चर' किताब गणित के रोमांस के बारे में है। नीचे दिया गया लिंक, अंग्रेजी में, पुस्तक की समीक्षा है।
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