इस चिट्ठी में कोवलम अन्तर्राष्ट्रीय समुद्र तट की चर्चा है।
त्रिवेन्दम में हम केटीडीसी के होटेल में ठहरे थे। इस होटल के सामने के समुद्र तट का नाम 'समुद्र' था। यह बहुत सुन्दर है पर हमारे टैक्सी चालक प्रवीन के अनुसार,
'समुद्र तट बहुत जल्दी गहरा हो जाता है और बहुत लहरें आती हैं। इसमें यदि आप अच्छा तैरना नहीं जानते हैं तो नहीं नहा सकते हैं। कोवलम समुद्र तट में पानी जल्दी गहरा नहीं होता है। इसलिए इसमें आप बहुत दूर तक नहाने जा सकते हैं और यदि आपको बहुत अच्छा तैरना नहीं भी आता है तो भी आप नहा सकतें है। इसमें लहरें भी बहुत ऊँची- ऊँची नहीं आती हैं। इसलिये अधिकतर विदेशी कोवलम समुद्र तट पर जाते हैं। इसे अन्तर्राष्ट्रीय समुद्र तट भी कहा जाता है। आपको वह तट भी देखना चाहिए।’
हम लोगों ने पहले सोचा था कि कन्याकुमारी से लौटते समय हम लोग कोवलम तट पर भी जायेगें। लेकिन लौटते-लौटते अंधेरा हो गया। इसलिये वहां नहीं जा पाये।
त्रिवेन्डम में काम समाप्त करने के बाद, हम कोवलम समुद्र तट पर गये। हांलाकि, जब हम वहां पहुंचे तब सूरज डूब चुका था पर यह हमारा आखिरी दिन था। हमारे पास इसके अतिरिक्त कोई चारा नहीं था।
कोवलम अन्तर्राष्ट्रीय समुद्र तट के बारे में, हम लोगों ने कई तरह की बाते सुन रखीं थी पर हमें वैसा कोई दृश्य देखने को नहीं मिला। शायद वहां पहुंचते सूर्यास्त हो चुका था और अन्धेरा शुरू हो गया था।
हम जब कोवलम तट पर पहुंचे तब वहां अंधेरा हो चुका था। इस कारण समुद्र तट के कोई चित्र नहीं खींच पाये। ऊपर के दोनो चित्र, विकिपीडिया कि सौजन्य से, कोवलम समुद्र तट के हैं।
मेरे बेटे को शर्ट पसन्द है। उसका कहना है कि हम जहां जायें वहां से उसके लिये शर्ट ले आया करें। समुद्र तट पर बहुत सी दुकाने थीं जहां पर शर्ट मिल रही थीं। हम लोग एक दुकान पर गये वहां पर एक साधारण सी महिला बैठी थी पर जब हमने उससे बात शुरू की तब वह शुद्घ उच्चारण में अंग्रेजी बोलने लगी। यहां पर दुनिया भर से, विदेशी आते हैं इसलिये यहां के लोग कई भाषा सीख लेते हैं। मैंने कई दुकानदारों को अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच और स्पैनिश भाषा बोलते सुना।
कोवलम समुद्र तट के किनारे खाने की जगहें थी। हर खाने की जगह की टेबल से समुद्र दिखायी देता था। आप खाना भी खायें और समुद्र का आनन्द भी लें।
वहां पर बहुत सारे रेस्तरां भी थे। उनके सामने, मछलियां भी रखी रहती थी। आप पसन्द कर लें। वही बना दी जायेगी। मैं स्वयं मछली खाता हूं पर मालूम नहीं क्यों, इस तरह से मछली पसन्द कर, खाने का मन ही नहीं किया।
कोवलम तट का चक्कर लगाने के बाद हम वापस आ गये। हम खाना खा कर, जल्दी सो गये। हमें अगले दिन सुबह ही हवाई जहाज पकड़ना था। इसी के साथ केरल - ईश्वर की भूमि - यात्रा विवरण समाप्त होता है अब हम चलेंगे, देव भूमि हिमाचल की यात्रा पर।
कोचीन-कुमाराकॉम-त्रिवेन्दम यात्रा
क्या कहा, महिलायें वोट नहीं दे सकती थीं।। मैडम, दरवाजा जोर से नहीं बंद किया जाता।। हिन्दी चिट्ठकारों का तो खास ख्याल रखना होता है।। आप जितनी सुन्दर हैं उतनी ही सुन्दर आपके पैरों में लगी मेंहदी।। साइकलें, ठहरने वाले मेहमानो के लिये हैं।। पुरुष बच्चों को देखे - महिलाएं मौज मस्ती करें।। भारतीय महिलाएं, साड़ी पहनकर छोटे-छोटे कदम लेती हैं।। पति, बिल्लियों की देख-भाल कर रहे हैं।। कुमाराकॉम पक्षीशाला में।। क्या खांयेगे - बीफ बिरयानी, बीफ आमलेट या बीफ कटलेट।। आखिरकार, हमें प्राइवेट और सरकारी होटल में अन्तर समझ में आया।। भारत में समुद्र तट सार्वजनिक होते हैं न की निजी।। रात के खाने पर, सिलविया गुस्से में थी।। मुझे, केवल कुमारी कन्या ही मार सके।। आपका प्रेम है कि आपने मुझे अपना मान लिया।। आप, टाइम पत्रिका पढ़ना छोड़ दीजिए।। पति, पत्नी के घर में रहते हैं।। पसन्द करें - कौन सी मछली खायेंगे।।
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सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:
Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. his will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)
- क्या चश्मदीद गवाह, न चाहते हुए भी, गलत बयान दे देते हैं: ►
- वकीलों की सबसे बेहतरीन जीवनी - कोर्टरूम: ►
यह ऑडियो फइलें ogg फॉरमैट में है। इन फाइलों को आप सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में, फायरफॉक्स ३.५ या उसके आगे के संस्करण में सुन सकते हैं। इस फॉरमैट की फाईलों को आप -
- Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
- Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
- Linux पर सभी प्रोग्रामो में – सुन सकते हैं।
बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें। इन्हें सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में फायरफॉक्स में भी सुना जा सकता है। इसे डिफॉल्ट करने के तरीके या फायरफॉक्स में सुनने के लिये मैंने यहां विस्तार से बताया है।
सांकेतिक शब्द
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अच्छा रहा यह संस्मरण -याद रखें उत्तर भारतीयों की रसना समुद्री मछलियों के बजाय अपनी फ्रेश वाटर मछलियों को ज्यादा पसंद करती हैं -कार्प और कैट मछलियाँ भी -लम्बी फेहरिस्त है -रोहू ,हिलसा ,महाशेर ,पयासी ,पाब्दा ,सौल,टेंगरा ,मांगुर ,रीता ......छोडिये आपके मुंह में पानी आ रहा होगा !
ReplyDeleteकम से कममत्स्य व्यंजनों की लालच में ही बनारस तो आयें -वादा !
कोवलम का प्रोग्राम बनाना पड़ेगा।
ReplyDeleteहम शाकाहारी क्या जाने मछली का स्वाद ....गंध से भी दूर भागने का मन करता है :-)
ReplyDeleteबंगाल में एक मछली मिलाती है "इलिश"... चावल के भाप से पका कर खाया जाता है इसे ...मैंने मेरी सहलिओं को पकाते देखा था.
रोचक विवरण रहा.
मुझे मछलियों की कोई पहचान नही है, लेकिन नाम से किंगफिश का स्वाद बहुत पसन्द आया। इसे मैनें कभी देखा नही है। एक बार गोवा गया था, वहां भी बीच पर ही रेस्तरां हैं और खाते हुए समुद्र को देखना अच्छा लगता है। मुझे तैरना नही आता फिर भी कई बार समुद्र में नहाया हूं। क्या मुझे नही नहाना चाहिये था?
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मछलियों के बारे में हम क्या जानें? हिमालय की यात्रा की प्रतिक्षा रहेगी, संन्यास का इरादा न हो तो :)
ReplyDeleteशाकाहारी हैं मगर गोविन्द सागर झील भाखडा डैम की मछलियों की चर्चा बहुत दूर दूर तक है। ये भाखडा गाँव हिमाचल मे ही है। वैसे डैम पंजाब मे है । अगर भाखडा आये तो नंगल मे आपका स्वागत है। मेल कर दें आपको पता मिल जायेगा। धन्यवाद और शुभकामनायें
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