Sunday, March 28, 2021

बाबा का विद्यार्थी जीवन और बांदा में वकालत

बाबा - बांदा घर के आंगन में
केशवचन्द्र सिंह चौधरी (जन्म ८-९ मार्च १८९१ मृत्यु १९ जून १९७३) मेरे बाबा थे। इस चिट्ठी में, उनके विद्यार्थी जीवन और  बांदा में वकालत करने के कारण की चर्चा है।

तुम्हारे बिना
।। राजा अकबर ने दिया 'चौधरी' का ख़िताब।। बलवन्त राजपूत विद्यालय आगरा के पहले प्रधानाचार्य।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। मेरे बाबा - विद्यार्थी जीवन और बांदा में वकालत।। बाबा, मेरे जहान में।। मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी ।।  अम्मा।।  दद्दा (मेरे पिता)।। नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। दिनेश कुमार सिंह - बावर्ची।। Goodbye Arvind।।

Saturday, March 20, 2021

आर्ची' कॉमिक्स

इस चिट्ठी में, बचपन में पढ़ी, लोकप्रिय 'आर्ची' कॉमिक्स और इसमें १९९७ में प्रकाशित एक कतरन की चर्चा है।  

 

Thursday, March 11, 2021

मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी

इस चिट्ठी में, मेरे बाबा केशव चन्द्र सिंह  चौधरी के बारे में,
राजमाता विजयाराजे सिंधिया के विचार, उनकी आत्मकथा   'राजपथ से लोकपथ पर' से। 
 
तुम्हारे बिना
।। राजा अकबर ने दिया 'चौधरी' का ख़िताब।। बलवन्त राजपूत विद्यालय आगरा के पहले प्रधानाचार्य।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। बाबा - विद्यार्थी जीवन और बांदा में वकालत।। बाबा, मेरे जहान में।। मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी ।।  अम्मा।।  दद्दा (मेरे पिता)।। नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। दिनेश कुमार सिंह - बावर्ची।। Goodbye Arvind।।

Friday, February 26, 2021

राजा अकबर ने दिया 'चौधरी' का ख़िताब

इस चिट्ठी में, चर्चा है कि हमें चौधरी का ख़िताब कैसे मिला।
 
रारी में हमारा मकान
इस मकान को, चौधरी धनराज सिंह ने १९२० के दशक में बनवाना शुरू किया था। यह १९३४ में पूरा हुआ। धनराज सिंह और उनकी पहली पत्नी यहीं रहे। जिनसे उनके एक पुत्र चन्द्र भान सिंह हुऐ। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद, उन्होंने दूसरी शादी की। जिनसे उनकी कोई सन्तान नहीं हुई। वे अवकाश प्राप्त करने के बाद, यहां न रह कर, हमारे बाबा के साथ, बांदा में रहे।
इस घर के फाटक के खम्बे पर, चौधरी धनराज सिंह ने अपने पिता और हम सब के पूर्वज, रामभवन का नाम, लिखवाया है। इस पर १९३४, जिस साल पूरा हुआ, भी लिखा है। 
यह मकान बायें से दायें बहुत लम्बा है और एक फोटो में नहीं आ सका। यह फोटो भी, दो फोटों को जोड़ कर बनाया है। इसके बाद भी, दाहिने तरफ, कुछ और दूर तक है, जो नहीं जुड़ सका।
इस समय यहां पर रक्षपाल सिंह की शाखा के तीन परिवार अलग-अलग हिस्से में रह रहे हैं। उन्होंने ही कई चित्र भेजे थे, जिससे यह फोटो बनाया गया है।

तुम्हारे बिना
।। 'चौधरी' ख़िताब - राजा अकबर ने दिया।। बलवन्त राजपूत विद्यालय आगरा के पहले प्रधानाचार्य।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। मेरे बाबा - विद्यार्थी जीवन और बांदा में वकालत।। बाबा, मेरे जहान में।। पुस्तकें पढ़ना औेर भेंट करना - सबसे उम्दा शौक़।। सबसे बड़े भगवान।।  मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी।। अम्मां - मेरी यादों में।।  दद्दा (मेरे पिता)।। My Father - Virendra Kumar Singh Chaudhary ।।  नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। मां - हम अकेले नहीं हैं।।  रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। चौधरी का चांद हो।।  दिनेश कुमार सिंह उर्फ बावर्ची।। GOODBYE ARVIND।।

Tuesday, February 16, 2021

बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी

देवी सरस्वती - चित्र राजा रवि वर्मा

आज बसंत पंचमी के दिन है। इस चिट्ठी में, इसके महत्व के साथ, मेरे माता-पिता की चर्चा है। 
 

तुम्हारे बिना
।। राजा अकबर ने दिया, 'चौधरी' का ख़िताब।। बलवन्त राजपूत विद्यालय आगरा के पहले प्रधानाचार्य।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। बाबा, जैसा सुना।। बाबा, जैसा जाना।। मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी।। अम्मा।।  दद्दा (मेरे पिता)।। बसंत पंचमी - अम्मा दद्दा का मिलन।। नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। दिनेश कुमार सिंह उर्फ़ दद्दा - बावर्ची

Tuesday, February 09, 2021

मेरे नाना - राज बहादुर सिंह

अम्मां, के जन्मदिन पर, कुछ चर्चा, अपने नाना के बारे में - सुभद्रा कुमारी चौहान पर, उनकी बेटी सुधा चौहान की लिखी जीवनी, 'मिला तेज से तेज' के उद्धरण के साथ।

तुम्हारे बिना 
चौधरी धनराज सिंह - राजा बलवन्त सिंह कॉलेज के पहले हेडमास्टर।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। बाबा - जैसा सुना।। बाबा - जैसा देखा, जैसा समझा।।मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। अम्मा।। दद्दा (मेरे पिता)।। नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। दिनेश कुमार सिंह उर्फ़ दद्दा - बावर्ची।।
 

Wednesday, February 03, 2021

चौधरी धनराज सिंह - राजा बलवन्त सिंह कॉलेज, आगरा के पहले हेडमास्टर

इस चिट्ठी में, राजा बालवन्त सिंह कॉलेज के इतिहास के साथ, मेरे परबाबा के छोटे भाई, चौधरी धनराज सिंह की चर्चा है, जो इसके पहले हेडमास्टर बने।

तुम्हारे बिना 
चौधरी धनराज सिंह - राजा बलवन्त सिंह कॉलेज के पहले हेडमास्टर।। बाबा - राजमाता की ज़बानी।। मेरे बाबा।। अम्मा।।  दद्दा (मेरे पिता)।। नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।  जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। दिनेश कुमार सिंह उर्फ़ दद्दा - बावर्ची।।

Thursday, January 28, 2021

स्वच्छ भारत अभियान - बिना हमारी भागीदारी के नाकामयाब है

इस चिट्ठी में, राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य की एक घटना के साथ, चर्चा है , कि स्वच्छ भारत अभियान कैसे सफल हो।


चम्बल अभयारण्य
राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य और मेला कोठी।। मगर दिखे पर घड़ियाल नहीं।। स्वच्छ भारत अभियान - बिना हमारी भागीदारी के नाकामयाब है।।

Saturday, January 23, 2021

मगर दिखे पर घड़ियाल नहीं

इस चिट्ठी में, राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य में दिखे, जानवरों और चिड़ियों की चर्चा है।

मगर

 चम्बल अभयारण्य

Sunday, January 03, 2021

राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य और मेला कोठी

 इस चिट्ठी में - राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य (National Chambal Gharial Wildlife Sanctuary) और 'मेला कोठी, द चंबल सफारी लॉज', जहां हम ठहरे थे - का वर्णन है।

 

 राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य