इस चिट्ठी में, रज्जू भैया के अध्यन के दिनों के साथ, उनके संघ की तरफ झुकाव की चर्चा है।
सेंट जोसेफ नैनीताल - चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से |
रज्जू भैया, जैसा मैंने जाना
भूमिका।। रज्जू भैया का परिवार।। रज्जू भैया की शिक्षा और संघ की तरफ झुकाव।।
इस चिट्ठी में, रज्जू भैया के अध्यन के दिनों के साथ, उनके संघ की तरफ झुकाव की चर्चा है।
सेंट जोसेफ नैनीताल - चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से |
रज्जू भैया, जैसा मैंने जाना
भूमिका।। रज्जू भैया का परिवार।। रज्जू भैया की शिक्षा और संघ की तरफ झुकाव।।
इस चिट्ठी में, जयंत विष्णु नार्लीकर की आत्मकथा 'चार नगरोंं की मेरी दुनिया' से, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कुछ किस्सों की चर्चा है।
कैम्ब्रिज विश्वविदयाल का फिट्ज़विलियम कॉलेज का खेल का मैदान, जहां जयन्त नार्लीकर ने पढ़ाई की - चित्र विकिफीडिया से |
चार नगरोंं की मेरी दुनिया - जयंत विष्णु नार्लीकर
शिवरात्रि, बाबा का जन्मदिन, और उनका एक और किस्सा।
रात के खाने पर - बीते समय की चर्चा |
।। 'चौधरी' ख़िताब - राजा अकबर ने दिया।। बलवन्त राजपूत विद्यालय आगरा के पहले प्रधानाचार्य।। मेरे बाबा - राजमाता की ज़बानी।। मेरे बाबा - विद्यार्थी जीवन और बांदा में वकालत।। बाबा, मेरे जहान में।। पुस्तकें पढ़ना औेर भेंट करना - सबसे उम्दा शौक़।। सबसे बड़े भगवान।। मेरे नाना - राज बहादुर सिंह।। बसंत पंचमी - अम्मां, दद्दा की शादी।। अम्मां - मेरी यादों में।। दद्दा (मेरे पिता)।।My Father - Virendra Kumar Singh Chaudhary ।। नैनी सेन्ट्रल जेल और इमरजेन्सी की यादें।। RAJJU BHAIYA AS I KNEW HIM।। मां - हम अकेले नहीं हैं।। रक्षाबन्धन।। जीजी, शादी के पहले - बचपन की यादें ।। जीजी की बेटी श्वेता की आवाज में पिछली चिट्ठी का पॉडकास्ट।। चौधरी का चांद हो।। दिनेश कुमार सिंह उर्फ बावर्ची।। GOODBYE ARVIND।।